अकबरनगर में बुधवार को एक बार फिर अभियान चलेगा। ऐसे में यातायात पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट किया है। कुकरैल बंधा से बादशाहनगर रेलवे स्टेशन को जाने वाले मार्ग पर बैरिकेडिंग रहेगी। अभियान के दौरान झुग्गी – झोपड़ी हटाने का काम तेजी से किया जा सकता है।
इसमें उन लोगों को चिन्हित किया जाएगा जिनकों पीएम आवास योजना के तहत फ्लैट मिल चुका है। उसके बाद भी वह लोग अवैध कब्जा नहीं छोड़ रहे हैं। इससे पहले मंगलवार को तीन बुलडोजर की मदद से उन दुकानों को तोड़ा गया जो पिछले अभियान में बच गए थे।
यहां रहने वाले स्थानीय लोग अभी कहीं गुहार भी नहीं लगाना चाहते है। कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो दूसरी जगह बात रखने का कोई मतलब नहीं है। अकबरनगर निवासी जलील ने बताया, मेरी दुकान 2002 में खुली थी। उम्मीद है कि तोड़ दी जाएगी।
जब मामला सुप्रीम कोर्ट से ही खारिज हो गया तो अब किसी से गुहार भी नहीं लगा सकते। हालांकि इस बात का मलाल है कि सरकार और शासन चाहता तो इन्हीं जमीनों को वह दुकान मालिकों को मौजूदा सर्किल रेट के हिसाब से बेच सकता था। इससे लोगों की रोजी-रोटी पर भी संकट नहीं आता और सरकार को भी मुनाफा होता।
दुकानदार मोहम्मद नईम ने बताया कि दुकान तो टूट रही है। 21 दिसंबर के बाद से बिजली का इस्तेमाल ही नहीं किया, लेकिन बिजली विभाग बिल भेज रहा है। जबकि मीटर खुद बिजली विभाग वाले उखाड़ ले गए थे। ऐसे में अब इसको लेकर भी गुहार लगानी पड़ेगी। मोहम्मद नईम ने बताया कि नवंबर का बिल जमा किया था। दिसंबर का करना है लेकिन जनवरी-फरवरी का फिर से बिल भेज दिया गया है।
दुकानदार अजमल ने बताया, दुकान गिराने में उनका मीटर तो मलबे में दब गया। अब बिजली विभाग वाले परेशान करते हुए मीटर के बारे में पूछ रहे हैं। पिछले तीन दशक से एक-एक दुकानदारों के माध्यम से 15 से 20 परिवारों की रोजी-रोटी चलती थी। सरकार ने बुलडोजर चलवाकर सब खत्म कर दिया।
24 दुकान-कॉम्प्लैक्स टूटे, 77 दुकानें और टूटनी हैं
दरअसल, अकबरनगर में LDA ने करीब 24 कॉम्प्लैक्स और दुकानें गिरा दी हैं। लेकिन, अभी 77 दुकानों को तोड़ना है। जिन पर आज 3 बुलडोजर चल रहे हैं। कुछ लोग अपनी दुकान खुद खाली कर रहे हैं। उनकी मदद LDA भी कर रहा है।
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया, गांव महानगर रहीमनगर की खसरा संख्या-746 क्षेत्रफल 0.696, खसरा संख्या-739 क्षेत्रफल 0.215 व खसर संख्या-777 क्षेत्रफल 0.556 हे. जो राजस्व अभिलेखों में नगर निगम की संपत्ति है। यहां अवैध तरीके से 5087 वर्गमीटर में दुकानें बना ली गई थीं। दुकानें मुख्य मार्ग के दोनों तरफ थीं। अब यह जमीन नगर निगम को मिल गई है। मौजूदा समय इसकी कीमत करीब 100 करोड़ रुपए से ज्यादा है। इसीलिए इन अवैध दुकानों को तोड़ा जा रहा है।