देश में बढ़ते कट्टरपंथ से परेशान ऋषि सुनक ने अब इन पर लगाम कसने का प्लान तैयार किया है। इसके तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और इंडोनेशिया के कट्टरपंथी इस्लामी धर्मगुरु ब्रिटेन नहीं आ सकेंगे।
इसके लिए वीजा वॉर्निंग लिस्ट तैयार की जा रही है। नए प्लान के मुताबिक, इस लिस्ट में जो भी नाम शामिल होंगे उनको ब्रिटेन में एंट्री नहीं मिलेगी। इसके लिए ऑटोमैटिक एंट्री बैन प्रोग्राम तैयार कर लिया गया है।
इजराइल-हमास की जंग शुरू होने के बाद से ब्रिटेन में फिलिस्तीन के समर्थन में कई प्रदर्शन हुए। पुलिस-प्रदर्शनकारियों में झड़पें हुईं। ब्रिटिश सांसदों को खुलेआम धमकियां दी गईं।
रिपोर्ट के मुताबिक- ब्रिटिश सरकार ने इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स की स्टडी के बाद माना है कि देश में कट्टरपंथियों की हरकतें और तादाद हैरान करने वाली है। इसके बाद इस तरह के लोगों पर लगाम कसने का फैसला किया गया। इसके तहत दूसरे देशों से आने वाले कट्टरपंथियों की एंट्री रोकने के उपायों पर विचार किया गया।
इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और इंडोनेशिया जैसे देशों से आने वाले कट्टरपंथी धर्मगुरुओं की एंट्री पर रोक का फैसला किया गया, ताकि ब्रिटेन आकर ये लोग भड़काउ बयानबाजी न कर सकें। इसके लिए एक लिस्ट तैयार की गई है। इसमें इस तरह के कट्टरपंथियों के नाम होंगे। जैसे ही ये लोग ब्रिटिश वीजा के लिए अप्लाई करेंगे तो उनका नाम कंप्यूटर प्रोग्राम क्रॉस चेक करेगा। अगर वो बैन लिस्ट में शामिल निकला तो उन्हें एंट्री नहीं मिलेगी।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने 1 फरवरी को कहा था- हमने होम मिनिस्टर से कहा है कि ऐसे लोगों को वीजा देने में सख्ती बरती जाए जो हमारे देश में आकर लोगों को भड़काते हैं या दूसरे समुदायों के खिलाफ जहर उगलते हैं। उन्हें हम यहां नहीं रहने देंगे।
सुनक ने कहा था- वो वक्त आ चुका है जब हमें बांटने वाली ताकतों के खिलाफ एकजुट होना होगा। ये हमारे देश को तोड़ने की साजिश रच रहे हैं। शनिवार को भी ब्रिटेन में फिलिस्तीन के समर्थन में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस ने 12 लोगों को अरेस्ट किया था।
हाल ही में ब्रिटिश सरकार के सलाहकार लॉर्ड वाल्ने ने एक रिपोर्ट में कहा था कि वामपंथी और कट्टरपंथी गुट इस्लामिक गुटों से हाथ मिला चुके हैं और ये ब्रिटेन के लिए खतरा पैदा करने की साजिश रच रहे हैं। टेलिग्राफ से बातचीत में वाल्ने ने यह बात मानी भी थी कि वामपंथी और इस्लामिक कट्टरपंथी अब साझा खतरा पैदा कर रहे हैं। उन्होंने फिलिस्तीन समर्थकों की रैलियों को भी जिक्र किया था।
इसके बाद ब्रिटेन की होम मिनिस्ट्री ने एक बयान जारी किया। कहा- यहां कट्टरपंथ की कोई जगह नहीं है। हम इसे बर्दाश्त भी नहीं करेंगे। हालिया महीनों में कुछ लोगों ने हिंसा फैलाने की साजिश रची। हमने पुलिस को ऐसे लोगों से निपटने के लिए फ्री हैंड दिया है।
ब्रिटेन और खासकर लंदन में हुए इजराइल विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले लोग चेहरे ढंककर निकलते हैं और इनकी अकसर पुलिस से हिंसक झड़प होती है।
ऋषि सुनक और होम मिनिस्टर जेम्स क्लेवरली ने पिछले हफ्ते देश के टॉप पुलिस अफसरों के साथ लंबी मीटिंग की थी। अचानक बुलाई गई इस मीटिंग का एजेंडा ब्रिटेन में कट्टरपंथियों का सड़कों पर विरोध प्रदर्शन, सांसदों को धमकी और पुलिस से झड़प था।
‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक- सुनक ने अफसरों से कहा कि देश में कट्टरपंथी लोकतंत्र के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। अगर वो किसी तरह की हिंसा करते हैं या कानून तोड़ते हैं तो इसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सुनक ने कहा- हिंसा और उकसाने वाली घटनाओं पर चुप नहीं रहा जा सकता। कुछ लोग इस देश के लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा करना चाहते हैं, हम न ऐसा होने देंगे और न इसे बर्दाश्त करेंगे। सुनक ने यह बात खासतौर पर हाल ही में कुछ सांसदों को कट्टरपंथियों की तरफ से मिली धमकी के मद्देनजर कही।
सुनक ने कहा- गाजा मामले को लेकर हाल ही में प्रदर्शन हुए। पुलिस ने जब लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने की कोशिश की तो उस पर दबाव बनाने की साजिश रची गई। इसके बाद सांसदों को धमकी देने का मामला सामने आया। इस बढ़ती हिंसा, उकसावे और धमकियों को रोकना होगा। सांसद अपनी बात सदन में रखते हैं। वो अपना काम करते हैं, आप उन्हें रोक नहीं सकते। ये लोकतंत्र के खिलाफ है और हम इसे सहन नहीं करेंगे।