पाकिस्तान की संसद में आज प्रधानमंत्री पद का चुनाव होगा। भारतीय समयानुसार सुबह 11:30 बजे नेशनल असेंबली का सत्र शुरू होगा। नवाज शरीफ की PML-N और बिलावल भुट्टो की PPP पार्टी ने बहुमत हासिल करने के लिए गठबंधन किया है। इस गठबंधन ने नवाज के छोटे भाई और पूर्व प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को PM पद का उम्मीदवार घोषित किया है।
वहीं इमरान खान के समर्थन वाले सांसद अब सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (SIC) पार्टी का हिस्सा हैं। उन्होंने इमरान खान के अप्रूवल के बाद उमर अयूब को PM पद का उम्मीदवार बनाया है। ये PTI के जनरल सेक्रेटरी और पूर्व राष्ट्रपति अयूब खान के पोते हैं। अयूब खान वही राष्ट्रपति हैं, जिनके कार्यकाल के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 की जंग हुई थी।
PML-N और PPP के अलावा मुताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (MQM-P) और इश्तेखाम-ए-पाकिस्तान पार्टी भी शाहबाज शरीफ को समर्थन दे रहीं हैं। इसके बाद उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। वहीं मौलाना फजल-उर-रहमान की पार्टी JUI-F चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए PM चुनाव का बायकॉट कर रही है।
उमर अयूब ने शाहबाज की उम्मीदवारी को लेकर संसद के नए स्पीकर अयाज सादिक के सामने सवाले उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि शाहबाज चुनाव में धांधली की वजह से जीते हैं। ऐसे में वो प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं।
नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री के चुनाव से एक दिन पहले उम्मीदवार नामांकन फॉर्म भरते हैं। चुनाव वाले दिन स्पीकर 5 मिनट तक घंटी बजाने का आदेश देते हैं। इसका मकसद सभी सांसदों को चुनाव की जानकारी देना होता है।
चुनाव शुरू होते ही नेशनल असेंबली के दरवाजे बंद हो जाते हैं। कोई भी शख्स सदन के अंदर या बाहर नहीं जा सकता। इसके बाद ओपन वोट के जरिए PM का चुनाव होता है। उदाहरण के तौर पर- अगर PM पद के लिए 2 उम्मीदवार हैं, तो स्पीकर निर्देश देंगे कि जो भी सांसद पहले उम्मीदवार को वोट दे रहे हैं वो संसद के एक हिस्से (लॉबी) में चले जाएं।
वहीं जो दूसरे उम्मीदवार के पक्ष में हैं, वो दूसरी लॉबी में जाएं। इन लॉबी के बाहर असेंबली सेक्रेटेरिएट का एक सदस्य मौजूद होता है। वो हर सांसद का नाम रजिस्टर रता है। पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक, सांसदों को उसी उम्मीदवार को वोट देना होता है, जिसका समर्थन उनकी पार्टी कर रही है।
सभी सांसदों के लॉबी में जाने के बाद स्पीकर उन्हें वापस बुलाकर नतीजों की घोषणा करते हैं। पाकिस्तान में PM चुने जाने के लिए उम्मीदवार के पास 336 में से 169 सांसदों के वोट होना जरूरी होता है। पाकिस्तान के आम चुनावों में धर्म के आधार पर भेदभाव के बिना कोई भी शख्स चुनाव लड़ सकता है। हालांकि सिर्फ एक मुस्लिम सांसद ही पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बन सकता है।
पाकिस्तान में आम चुनावों के बाद संसद में प्रधानमंत्री पद के लिए अलग से चुनाव होता है। हालांकि भारत में ऐसा नहीं है। यहां आम चुनाव में जनता लोकसभा के लिए सांसदों को चुनती है।
इन चुनावों में जिस पार्टी को बहुमत हासिल होता है, वो अपने संसदीय दल का नेता चुनती है, जो देश का प्रधानमंत्री बनता है। प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद सरकार बनाने के लिए नए PM को संसद में बहुमत साबित करना होता है। भारत के प्रधानमंत्री के लिए लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य होना जरूरी होता है।
शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं। 2018 में हुए आम चुनाव में PML-N ने शाहबाज को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया था। इस चुनाव में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने जीत हासिल की थी। हालांकि 2022 में इमरान की सरकार गिरने के बाद शाहबाज को PM बनने का मौका मिला। इससे पहले वे तीन बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
बता दें कि पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए थे। 11 फरवरी को 67 घंटों के बाद सभी सीटों के नतीजे घोषित हुए। इसमें किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। हालांकि इमरान समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवारों ने सबसे ज्यादा 93 सीटें जीतीं।
इसके बाद 29 फरवरी को नेशनल असेंबली का पहला सत्र बुलाया गया। सभी सांसदों ने पद की शपथ ली। इसके बाद 1 मार्च को नेशनल असेंबली में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव हुए। दोनों में PML-N समर्थन वाले उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की।
प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद 9 मार्च को पाकिस्तान में राष्ट्रपति पद के चुनाव होंगे। PML-N और PPP ने मिलकर आसिफ अली जरदारी को उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं इमरान समर्थक SIC ने महमूद खान अचकजई को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।