विभूतिखंड थाने में तैनात सात नामजद और 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्रॉस एफआईआर हुई है। वकीलों ने छह दरोगा और एक सिपाही पर पीटने का आरोप लगाया है। वहीं, मुकदमा दर्ज नहीं होने से अभी तक सेंट्रल बार एसोसिएशन के वकील कार्य बहिष्कार पर थे।
क्रॉस एफआईआर में वकीलों ने कहा कि परिचय देने पर पुलिसकर्मी आग बबूला हो गए। इस दौरान बोले कि वकीलों और पत्रकारों को पीटने में मजा आता है। उनका कहना है कि समिट बिल्डिंग में खाना खाने गए थे। इस दौरान दो पक्षों में मारपीट हुई। दोनों पक्ष वहां से चले गए। मौके पर पुलिसकर्मी पहुंचे।
इसी समय वकील खाना खाकर बाहर जा रहे थे। तभी पुलिसकर्मियों ने मेन गेट का ताला बंद कर दिया। परिचय देने पर अभद्रता की। इसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। इससे तीन वकीलों को गंभीर चोट आई। एक वकील के हाथ की हड्डी, एक के नाक की हड्डी टूट गई, जबकि एक अन्य का सिर फट गया।
क्रॉस एफआईआर में पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर धाराएं लगी हैं। इसमें आईपीसी 147 दंगा करने, 323 जानबूझकर चोट पहुंचाने, 325 उत्पीड़न करने और 504 शांति भंग करने की धाराएं शामिल हैं। सात पुलिसकर्मी में दरोगा राहुल बालियान, जसीम रजा, प्रमोद कुमार सिंह, फूल चंद, रितेश दुबे, विनय गुप्ता और सिपाही एके पांडेय के खिलाफ नामजद हैं ।
अभिषेक सिंह, रोहित रावत, अभिषेक पांडेय, मुकुल सिंह, विवेक भारद्वाज, राहुल प्रियदर्शी और विजेंद्र प्रताप सिंह की शिकायत पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
24 फरवरी को रवि त्यागी की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया। वह अपने दोस्त के सात खाना खाने माई बार में गए थे। आरोप है इस दौरान कुछ लोग बोतल ऊपर फेंकने लगे। समझाने पर करीब 15 लोग मारने लगे। इसमें 15 अज्ञात के खिलाफ आईपीसी 147,323,336,504 और 506 में मुकदमा दर्ज हुआ था। वकीलों ने आरोप लगाया कि इस एफआईआर में उनका नाम गलत ढंग से जोड़ा गया, जबकि मामला 15 लोगों के खिलाफ अज्ञात में दर्ज था।
पुलिस ने हिरासत में लिए थे 12 लोग
पुलिस ने बताया कि 24 फरवरी को मारपीट की सूचना पर मौके पर पहुंचे। यहां से 12 लोगों को हिरासत में लिया गया। इस संबध में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी होने का दावा किया था। इसी के बाद से सेंट्रल बार एसोसिएशन पुलिस ने कार्य बहिष्कार कर दिया था। और पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी।