इश्क-विश्क, विवाह, जब वी मेट, हैदर, आर. राजकुमार और कबीर सिंह जैसी बेहतरीन फिल्मों में नजर आए चॉकलेटी हीरो शाहिद कपूर आज 43 साल के हो चुके हैं। पंकज कपूर जैसे दिग्गज कलाकार का बेटा होने के बावजूद उनका फिल्मों में आने का सफर आसान नहीं रहा।
3 साल के थे, जब उनके पेरेंट्स का तलाक हो गया। ऐसे में उनकी परवरिश उनके नाना-नानी ने की। महज 15 साल के थे, जब इंडिपेंडेंट बनने के लिए शाहिद एक बैकग्राउंड डांसर बन गए। कभी ताल में ऐश्वर्या के पीछे खड़े नजर आए, तो कभी दिल तो पागल है के गाने ले गई ले गई में करिश्मा के पीछे खड़ी भीड़ का हिस्सा बने। एक बार तो यूं भी हुआ जब करिश्मा कपूर ने उन्हें सरेआम बेइज्जत किया था, हालांकि जब शाहिद फिल्मों में आए तो करिश्मा की बहन करीना कपूर ने शाहिद को प्रपोज किया था
करीब 200 ऑडिशन से रिजेक्ट होने के बाद एक संयोग से शाहिद को पेप्सी के एड में काम मिला था। उस एड के जरिए पहले म्यूजिक वीडियो मिला और फिर फिल्म। फिल्मों में आने के बावजूद शाहिद को सालों तक स्टेबल होने का इंतजार करना पड़ा। कई फ्लॉप फिल्में दीं और सेटबैक्स रहे, लेकिन शाहिद ने अपने हुनर ने हर बार दमदार वापसी की।
आज शाहिद के बर्थडे के खास मौके पर पढ़िए उनके फिल्मों में आने के सफर की कहानी, कुछ मजेदार किस्सों के साथ-25 फरवरी 1981 को शाहिद कपूर का जन्म नई दिल्ली में हुआ था। उनके पिता पंकज कपूर एक जाने-माने एक्टर थे और मां नीलिमा अजीम एक एक्ट्रेस और डांसर। शाहिद कपूर महज 3 साल के थे, जब पंकज कपूर ने उनकी मां से तलाक ले लिया।
नीलिमा अजीम ने अकेले ही शाहिद की परवरिश की। सिमी गरेवाल को दिए एक इंटरव्यू के दौरान नीलिमा अजीम ने बताया था कि वो जब भी अकेलेपन में उदास होती थीं या रोती थीं, तो 3 साल के शाहिद उन्हें समझाते थे- आप परेशान मत हो, मैं आपके साथ हूं। छोटे से बच्चे की इतनी बड़ी बात सुनकर नीलिमा हैरान रह जाती थीं।
80 के दशक में पंकज कपूर फिल्मों में स्ट्रगल कर रहे थे। नीलिमा से तलाक के बाद वो नई दिल्ली छोड़कर मुंबई जाकर बस गए, जहां उन्होंने एक्ट्रेस सुप्रिया पाठक से शादी कर ली। काम और परिवार में व्यस्त होने के कारण पंकज कपूर साल में सिर्फ एक बार शाहिद से मिलने नई दिल्ली आते थे। वो मुलाकात भी महज चंद घंटों की होती थी।
शाहिद कपूर की मां नीलिमा अजीम एक बेहतरीन डांसर थीं। काम के सिलसिले में उन्हें जब भी शहर या देश से बाहर जाना होता था तो वो शाहिद को भी अपने साथ ले जाती थीं। वो जब भी स्टेज पर परफॉर्म करती थीं, तो शाहिद उन्हें दूर से देखकर तालियां बजाते थे। एक बार नीलिमा, 6 साल के शाहिद को अपने साथ बेल्जियम ले गई थीं। डांस परफॉर्मेंस खत्म होते ही एक फ्रैंच आदमी नीलिमा के पास आया और उनसे कॉफी का पूछने लगा।
जैसे ही शाहिद ने यह देखा तो वो तुरंत उनके पास पहुंच गए। उन्होंने उस आदमी से गुस्से में कहा, ‘इनसे (नीलिमा) बात करने से पहले आपको मुझसे डील करना पड़ेगा।’ नन्हें से शाहिद का गुस्सा देखकर नीलिमा हंस पड़ी थीं। मां को प्रोटेक्ट करने के लिए शाहिद हमेशा उनके साथ-साथ घूमा करते थे।
शाहिद कपूर महज 10 साल के थे, जब नीलिमा अजीम फिल्मों में काम की तलाश में मुंबई शिफ्ट हो गईं, ऐसे में वो शाहिद को उनके नाना-नानी के पास छोड़ गईं। शाहिद कपूर के नाना एक पत्रकार थे, जो रशियन मैगजीन स्पूतनिक के लिए काम करते थे। वो रोज शाहिद को स्कूल छोड़ने और लेने जाते थे, उन्हें कहानियां सुनाते थे और पंकज कपूर के किस्से सुनाते थे। इस समय वो अपने नाना के बेहद करीब रहे थे।
जब नीलिमा अजीम ने 1990 में राजेश खट्टर से शादी की, तो उन्होंने शाहिद को भी अपने साथ रहने के लिए मुंबई बुला लिया। 1995 में नीलिमा ने बेटे ईशान खट्टर को जन्म दिया था।शाहिद कपूर को हाई स्कूल के दिनों में साथ पढ़ने वाली एक लड़की से प्यार हो गया था। वो उस लड़की के लिए इतने संजीदा थे कि उन्होंने उस लड़की की तस्वीर घर में लगा ली थी। जैसे ही एक दिन उनके सौतेले पिता राजेश खट्टर को इसका पता चला तो वो डर गए। उन्होंने सीधे नीलिमा से बात की और कहा, ‘इसे समझाओ, कहीं ये इस लड़की से शादी न कर ले।’ बाद में नीलिमा ने राजेश को समझाया कि शाहिद अभी बच्चे हैं और ऐसा कुछ नहीं करेंगे। ये किस्सा खुद राजेश खट्टर ने सिद्धार्थ कानन को दिए एक इंटरव्यू में सुनाया था।
शाहिद कपूर को बचपन से ही मां को देखते हुए डांस में रुचि थी। जब उन्होंने ये इच्छा मां के सामने जाहिर की, तो मां तो झट से मान गईं, लेकिन उनके सौतेले पिता राजेश खट्टर इसके लिए राजी नहीं थे। दरअसल, शाहिद बचपन से ही पढ़ाई में कमजोर थे। राजेश को लगा कि अगर इसने डांस ग्रुप जॉइन कर लिया, तो पढ़ाई छूट जाएगी। ऐसे में उन्होंने शर्त रख दी कि वो तब ही शाहिद का दाखिला करवाएंगे, जब वो स्कूल में अच्छे मार्क्स लाएंगे। डांस के लिए शाहिद इतने जुनूनी थे कि उन्होंने जमकर पढ़ाई की और जिंदगी में पहली बार 80% मार्क्स लाए।
श्यामक डावर उस समय बॉलीवुड फिल्मों के गाने कोरियोग्राफ करते थे। जब भी फिल्मों में बैकग्राउंड डांसर की जरूरत होती थी, तो वो अपने स्टूडेंट्स को फिल्मों में मौका दिया करते थे। ऐसे में शाहिद को भी बतौर बैकग्राउंड डांसर काम मिलने लगा।
महज 15 साल की उम्र में शाहिद कपूर को 1997 की फिल्म दिल तो पागल है के गाने ‘ले गई’ में बतौर बैकग्राउंड डांसर लिया गया था। इस गाने में शाहिद को करिश्मा कपूर के पीछे खड़े होकर डांस करना था। शूटिंग शुरू हुई तो एक बैकग्राउंड डांसर बार-बार स्टेप बिगाड़ रहा था, जिससे करिश्मा को बार-बार रीटेक लेना पड़ रहा था। कुछ रीटेक्स के बाद करिश्मा चिढ़ गईं और उन्होंने गुस्से में शाहिद को देखकर चिल्लाया- कौन है यह लड़का, इसको सेट से बाहर निकालो। शाहिद कपूर, करिश्मा को चिल्लाते देख डर गए और कहा, वो लड़का मैं नहीं हूं।
इसके बाद शाहिद कपूर को 1999 की फिल्म ताल के गाने कहीं ‘आग लगे लग जाए’ में भी ऐश्वर्या राय के पीछे डांस करने का मौका मिला। इस गाने की शूटिंग के लिए शाहिद बेहद एक्साइटेड थे। शाहिद अपनी बाइक से सेट के लिए निकले थे, लेकिन रास्ते में ही उनका एक्सीडेंट हो गया। गिरने से उन्हें चोट लग गई थी और वो लेट हो गए थे। लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि उन्हें बाकी डांसर्स के मुकाबले गाने में थोड़ी ज्यादा अटेंशन मिलने वाली है, तो वो बेहद खुश हुए। गाने के बीच में वो ऐश्वर्या राय के सिर पर कपड़ा रखते नजर आते हैं। ये किस्सा खुद शाहिद ने रेडियो नशा को दिए एक इंटरव्यू में शेयर किया था।
अपने डांस के हुनर से शाहिद कपूर पहचान बना रहे थे। इसी दौरान उन्हें इंस्टीट्यूट के एक स्टेज शो में वॉग और गोल्डन आई गानों में परफॉर्म करने का मौका मिला। इन परफॉर्मेंस के बाद शाहिद कपूर को ऑडियंस का बहुत प्यार मिला था। एक इंटरव्यू में शाहिद ने बताया था कि ये वो पल था जब उन्हें पहली बार एक स्टार की तरह महसूस हुआ था। शाहिद कपूर की काबिलियत देखकर श्यामक डावर ने उन्हें अपने इंस्टीट्यूट का इंस्ट्रक्टर बना लिया।
एक दिन शाहिद कपूर अपने एक दोस्त को ऑडिशन दिलाने के लिए साथ गए थे। संयोग ये रहा कि कास्टिंग वालों ने शाहिद का लुक देखकर उन्हें ही पेप्सी के एड का ऑफर कर दिया। ये शाहिद के करियर का पहला एक्टिंग प्रोजेक्ट था जिसमें वो शाहरुख खान, रानी मुखर्जी और काजोल के साथ नजर आए थे।
कमर्शियल एड से पहचान बनाने के बाद शाहिद कपूर ने 1998 के टीवी शो मोहनदास BALLB में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया था। इस फिल्म को उनके पिता पंकज कपूर ने ही डायरेक्ट और प्रोड्यूस किया था। इस टीवी शो में पंकज त्रिपाठी, सुप्रिया पाठक के साथ लीड रोल में थे।
शाहिद कपूर महज 20 साल के थे, जब उन्हें उस जमाने के मशहूर आर्यन बैंड के गाने ‘आंखों में तेरा ही चेहरा’ ऑफर हुआ था। इस गाने में शाहिद कपूर का अभिनय और लुक काफी पसंद किया गया था।
प्रोड्यूसर रमेश तौरानी ने शाहिद कपूर का म्यूजिक एलबम देखा था। उन्हें शाहिद का काम इतना पसंद आया कि उन्होंने शाहिद को एक फिल्म में कास्ट करने का मन बना लिया। फिल्म के सिलसिले में रमेश तौरानी ने उन्हें मिलने बुलाया था, लेकिन मीटिंग के समय शाहिद इतने अंडरवेट और यंग दिख रहे थे कि प्रोड्यूसर ने अपना फैसला बदल लिया। हालांकि उन्होंने शाहिद को आश्वासन दिया कि अगर वो वजन बढ़ा लेंगे, तो उन्हें जरूर फिल्म दी जाएगी।
रमेश तौरानी के कहे अनुसार शाहिद ने अपने वजन पर काम करना शुरू कर दिया। इसी बीच उन्हें एन.चंद्रा की फिल्म स्टाइल ऑफर हुई थी, लेकिन रमेश तौरानी की फिल्म के इंतजार में शाहिद ने ये ऑफर ठुकरा दिया। शाहिद के रिजेक्शन के बाद फिल्म स्टाइल में न्यूकमर साहिल खान और शरमन जोशी को कास्ट किया गया था।
कुछ समय बाद जब रमेश तौरानी ने टीनएज लव स्टोरी पर फिल्म इश्क विश्क बनाने का फैसला किया, तो उन्हें लीड रोल के लिए यंग लुक वाले शाहिद कपूर का ख्याल आया। चंद मीटिंग और स्क्रीनटेस्ट के बाद शाहिद को फिल्म में लीड रोल दिया गया। इस फिल्म में उनके साथ न्यूकमर अमृता राव और शहनाज त्रिसुरी लीड रोल में ली गई थीं। फिल्म के लिए शाहिद ने नसीरुद्दीन शाह और सत्यदेव दुबे की एक्टिंग वर्कशॉप ली थी।
9 मई 2003 को रिलीज हुई शाहिद की फिल्म हिट रही और इसके गाने भी यंग जेनरेशन में खूब सुने गए। फिल्म में शाहिद के चॉकलेटी लुक और अभिनय ने भी लोगों की खूब तारीफें बटौरीं। फिल्म के लिए शाहिद को फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर डेब्यू का अवॉर्ड मिला था।
शाहिद ने पहली फिल्म इश्क विश्क से देशभर में पहचान बना ली थी, जिसके बाद उनके पास कई फिल्मों के ऑफर आने लगे। साल 2004 में शाहिद कपूर की 2 फिल्में फिदा और दिल मांगे मोर रिलीज हुईं। ये दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं दिखा सकीं। अगले साल 2005 में शाहिद की 3 फिल्में दिवाने हुए पागल, वाह लाइफ हो तो ऐसी और शिखर रिलीज हुईं और तीनों ही फिल्में हिट नहीं हुईं।
शाहिद की छठी फिल्म 36 चाइना टाउन भी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई, जिससे उन पर फ्लॉप हीरो का ठप्पा लग गया। साल 2006 में फिल्म चुप चुपके रिलीज हुई, जिसमें शाहिद के काम को काफी सराहना मिली और 25 करोड़ कमाई कर फिल्म हिट रही। इस फिल्म के डायलॉग और सीन आज भी लोगों को काफी गुदगुदाते हैं।
मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन और हम साथ-साथ हैं जैसी फिल्में बना चुके सूरज बड़जात्या ने साल 1988 के एक अखबार में खबर पढ़कर फिल्म विवाह बनाने का फैसला किया था। इस कहानी के लिए उन्होंने शाहिद कपूर और अमृता राव की जोड़ी को कास्ट किया था। पिछली हर फिल्म की तरह इस फिल्म में भी उन्होंने हीरो का नाम प्रेम ही रखा था। फिल्म के लिए सूरज बड़जात्या ने फिल्म सिटी में शहर का सेट बनवाया था।
10 नवंबर 2006 को रिलीज हुई फिल्म विवाह सुपरहिट साबित हुई। ये उस साल की 10वीं सबसे बड़ी फिल्म रही, जिसके लिए शाहिद कपूर और अमृता सिंह को बेस्ट एक्टर और बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर नॉमिनेशन मिला था।
इस फिल्म को देखने के लिए मशहूर पेंटर एम.एफ. हुसैन ने दुबई का पूरा थिएटर बुक करवाया था। साथ ही उन्होंने फिल्म की लीड एक्ट्रेस अमृता राव पर पेंटिंग की पूरी सीरीज बनाई थी, जिसका एग्जीबिशन भी हुआ था। फिल्म विवाह ने वर्ल्डवाइड 222 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था।
फिल्म विवाह के बाद शाहिद कपूर का नाम इंडस्ट्री के टॉप एक्टर्स में गिना जाने लगा। हालांकि फिल्म के अलावा शाहिद कपूर, करीना कपूर से बढ़ती नजदीकियों के चलते भी चर्चा में बने रहे। दरअसल, फिल्म इश्क विश्क के बाद से ही करीना कपूर, शाहिद को पसंद करने लगी थीं। कुछ समय बाद करीना को फिल्म फिदा में शाहिद के साथ काम करने का मौका मिला था। दोनों की साथ काम करते हुए दोस्ती हो गई थी। आगे दोनों 36 चाइना टाउन और चुप चुपके में भी साथ नजर आए थे।
कॉफी विद करण के एक एपिसोड में करीना कपूर ने खुद बताया था कि वो शाहिद को पसंद करती थीं, जबकि शाहिद बेहद शर्मीले थे और बात करना ज्यादा पसंद नहीं करते थे। करीना ने बताया कि उन्होंने ही सबसे पहले शाहिद को मैसेज किए थे और मिलने की बात कही थी। कुछ मुलाकातों के बाद करीना ने शाहिद को प्रपोज किया था, लेकिन जवाब देने में शाहिद ने 2 महीने लगाए थे।
कॉफी विद करण में करीना ने बताया था कि शाहिद कपूर बेहद धार्मिक व्यक्ति हैं। उनके साथ रहने के लिए करीना कपूर ने खुद को पूरी तरह बदल लिया था। शाहिद के लिए करीना ने नॉनवेज खाना तक छोड़ दिया था। ये बात करीना की मां बबीता कपूर को पसंद नहीं आई थी। इसके बावजूद करीना कपूर ने शाहिद का साथ नहीं छोड़ा।
इम्तियाज अली के निर्देशन में बनी फिल्म जब वी मेट में सबसे पहले बॉबी देओल और प्रीति जिंटा को कास्ट किया गया था। हालांकि कुछ समय बाद इम्तियाज अली ने फिल्म में शाहिद कपूर को कास्ट कर लिया। बॉबी के फिल्म से हटने के बाद प्रीति जिंटा ने भी फिल्म छोड़ दी। प्रीति के बाद इम्तियाज अली ने करीना को फिल्म का ऑफर दिया था, लेकिन वो इसके लिए तैयार नहीं थीं। ऐसे में शाहिद कपूर ने खुद उन्हें फिल्म करने के लिए राजी किया था।
साल 2007 में ही फिल्म जब वी मेट की शूटिंग के दौरान शाहिद और करीना का ब्रेकअप हो गया था। दोनों के ब्रेकअप का कोई सीधा कारण कभी सामने नहीं आया। हालांकि कहा जाता है कि शाहिद को करीना का एक को-स्टार के ज्यादा करीब आना पसंद नहीं आया था, जिसके चलते उन्होंने ब्रेकअप कर लिया था। नेहा धूपिया को दिए एक इंटरव्यू में शाहिद ने बिना किसी का नाम लिए कहा था कि उन्हें धोखा दिया गया था।
ब्रेकअप के बाद भी शाहिद और करीना ने वर्क कमिटमेंट को बखूबी निभाया और फिल्म पूरी की। 25 अक्टूबर 2007 को रिलीज हुई फिल्म जब वी मेट सुपरहिट रही, जो शाहिद, करीना और डायरेक्टर इम्तियाज अली के करियर के लिए माइलस्टोन साबित हुई।
जब वी मेट के बाद रिलीज हुई शाहिद की फिल्म किस्मत कनेक्शन एवरेज रही। जिसके बाद वो 2009 में हिट फिल्म कमीने में डबल रोल करते नजर आए थे। इसके बाद से ही शाहिद ने दिल बोले हडिप्पा, डांस पे चांस, पाठशाला, बदमाश कंपनी, मिलेंगे-मिलेंगे, मौसम जैसी फिल्में कीं, जो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रहीं।
साल 2013 में रिलीज हुई प्रभु देवा के निर्देशन में बनी फिल्म आर. राजकुमार एक हिट फिल्म साबित हुई थी। फिल्म ने 99 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया था, जिससे शाहिद को फिर इंडस्ट्री में जगह मिल गई थी। आर. राजकुमार के बाद शाहिद ने हैदर, उड़ता पंजाब, रंगून, पद्मावत, कबीर सिंह जैसी कई फिल्मों में अपने बेहतरीन अभिनय से दर्शकों को खूब इंप्रेस किया।
शाहिद ने साल 2015 में मीरा राजपूत से शादी की थी। दोनों की पहली मुलाकात एक धार्मिक समूह राधा स्वामी सत्संग ब्यास के जरिए हुई थी। मीरा, शाहिद से 13 साल छोटी हैं। दोनों का परिवार इस धार्मिक समूह का हिस्सा था, जहां दोनों परिवार ने इन्हें एक-दूसरे के लिए चुना था।
मीरा एक साधारण स्वभाव की लड़की थीं, जो अपनी उम्र से 13 साल बड़े शाहिद से शादी करने के लिए राजी नहीं थीं। ऐसे में मीरा की बहन ने उन्हें इस शादी के लिए राजी किया था। मीरा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उनकी बेस्ट फ्रेंड का शाहिद पर क्रश था।
जब शाहिद पहली बार मीरा के परिवार से मिलने पहुंचे तब वो फिल्म उड़ता पंजाब की शूटिंग कर रहे थे। फिल्म में शाहिद का लुक एक हिप्पी रॉकस्टार की तरह था। इसी बीच जब उन्हें मीरा से मिलने को कहा गया, तो वो उसी लुक में उनसे मिलने पहुंच गए थे। शाहिद को देखते ही मीरा के पिता ने कहा था, क्या मेरी बेटी तुमसे शादी करेगी। लेकिन जब बातचीत शुरू हुई, तो शाहिद ने मीरा और उनके परिवार वालों को इंप्रेस कर दिया।
शाहिद से शादी करने के लिए मीरा ने शर्त रखी थी कि उन्हें अपने बाल कटवाने पड़ेंगे। शादी तक शाहिद को बाल कलर करवाने की चेतावनी मिली थी। शाहिद ने फिल्म उड़ता पंजाब की शूटिंग पूरी होते ही शर्त के अनुसार बाल कटवा लिए और 7 जुलाई 2015 को शादी कर ली।
फिल्म कमीने के बाद विशाल भारद्वाज, शाहिद को फिल्म कमीने में कास्ट करना चाहते थे। हालांकि इस फिल्म का प्रोडक्शन बजट काफी कम था। जब विशाल भारद्वाज ने शाहिद से फिल्म पर चर्चा की, तो शाहिद को कश्मीर कॉन्फ्लिक्ट पर लिखी गई स्क्रिप्ट बेहद पसंद आई थी। जब शाहिद ने हामी भर दी, तो विशाल भारद्वाज ने कहा था कि हम आपको अफोर्ड नहीं कर सकते।
शाहिद को फिल्म की स्क्रिप्ट इतनी पसंद आई कि वो बिना फीस लिए ही फिल्म में काम करने के लिए राजी हो गए। फिल्म की शूटिंग कश्मीर में हुई थी, जहां टीम ने काफी सेंसेटिव माहौल में शूटिंग की थी। कई बार लोकल लोगों द्वारा यूनिट के लोगों पर हमला किया गया, जिससे शूटिंग रोकनी पड़ी थी। 2014 में रिलीज हुई इस फिल्म के लिए शाहिद कपूर को उनके करियर का पहला फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला था।
आगे शाहिद ने उड़ता पंजाब, रंगून, पद्मावत जैसी बेहतरीन फिल्में दीं। इसके बाद शाहिद साल 2019 की सुपरहिट फिल्म कबीर सिंह में नजर आए थे। कबीर सिंह के बाद शाहिद 2 सालों तक पर्दे से गायब रहे। इसका एक कारण कोविड भी रहा। उनकी फिल्म जर्सी 2022 में रिलीज हुई, जो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई। साल 2023 की सीरीज फर्जी से शाहिद ने ओटीटी डेब्यू किया था। इसी साल उनकी फिल्म तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया रिलीज हुई है। जल्द ही शाहिद फिल्म देवा में नजर आएंगे।