हरदोई। समाजवादी पार्टी ने हरदोई और मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशियों की घोषणा सोमवार को कर दी। दोनों ही सीटों पर पार्टी ने अपने वफादार नेताओं को प्रत्याशी बनाया है। हरदोई सीट से पूर्व सांसद ऊषा वर्मा को और मिश्रिख सीट से पूर्व मंत्री रामपाल राजवंशी को प्रत्याशी घोषित किया गया है।
प्रत्याशियों की घोषणा में समाजवादी पार्टी प्रतिद्वंदी दलों से आगे निकल गई है, लेकिन चुनाव में इसका कितना फायदा मिलेगा यह परिणाम से स्पष्ट होगा। हरदोई से प्रत्याशी घोषित की गईं ऊषा वर्मा जिले के रसूखदार राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। दिग्गज नेता रहे परमाई लाल की छोटी बहू ऊषा वर्मा हरदोई संसदीय क्षेत्र से तीन बार सांसद रह चुकी हैं।
तत्कालीन अहिरोरी सीट से विधायक और मुलायम सिंह यादव सरकार में राज्यमंत्री भी रह चुकी हैं। वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा- बसपा गठबंधन में भी सपा प्रत्याशी के रूप में ऊषा वर्मा ने चुनाव लड़ा था, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। ऊषा वर्मा की गिनती मुलायम परिवार के करीबियों में होती है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी के कार्यक्रमों में उन्हें खास तौर पर तवज्जो देते रहे हैं। उधर, हरदोई सीट से टिकट के लिए पूर्व विधायक अनिल वर्मा, सतेंद्र वर्मा पानू और फूलचंद्र वर्मा भी दावेदार थे, लेकिन सपा ने ऊषा वर्मा पर ही भरोसा जताया।
वहीं, मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र से सपा ने पूर्व मंत्री रामपाल राजवंशी को प्रत्याशी घोषित किया है। रामपाल राजवंशी वर्ष 1996 में सीतापुर की तत्कालीन मछरेहटा विधानसभा सीट से जनता दल के टिकट पर, 2007 में सपा के टिकट पर और 2012 में मिश्रिख सीट से सपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं।
अखिलेश सरकार में रामपाल राजवंशी कारागार राज्यमंत्री रह चुके हैं। उनकी पत्नी रमादेवी मछरेहटा की तीन बार ब्लॉक प्रमुख रही हैं। दोनों पुत्र मनोज और प्रदीप जिला पंचायत के सदस्य रह चुके हैं और मौजूदा समय में बहू संगीता जिला पंचायत सीतापुर की सदस्य हैं। सपा जिलाध्यक्ष बीरेंद्र यादव बीरे ने बताया कि घोषित किए गए प्रत्याशियों को एकजुट होकर पूरी ताकत से चुनाव लड़ाया जाएगा।