रूस में राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के सबसे बड़े विरोधी एलेक्सी नवलनी की 16 फरवरी को जेल में मौत हो गई थी। इसके बाद उनकी टीम ने दावा किया था कि नवलनी की मौत पुतिन ने कराई है। अब नवलनी की पत्नी यूलिया नवलनया ने भी पुतिन को नवलनी की मौत का जिम्मेदार बताया है।
यूलिया नवलनया ने सोमवार (19 फरवरी) को एलेक्सी नवलनी के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर किया। इसमें नवलनी की मौत का जिम्मेदार पुतिन को बताते हुए कहा- नवलनी की हत्या करने के साथ-साथ पुतिन ने मुझे भी आधा खत्म कर दिया है। पुतिन ने मेरे आधे दिल और आधी आत्मा को खत्म कर दिया है, लेकिन मेरा आधा हिस्सा बचा हुआ है और यह कह रहा है कि हमें हार नहीं माननी चाहिए।
यूलिया ने कहा कि वो पुतिन के खिलाफ एक पॉलिटिकल फोर्स बनाएंगी और अपने समर्थकों के साथ पुतिन के खिलाफ रैली का आह्वान करेंगी। यूलिया ने कहा- मैं अपने पति के काम को आगे बढ़ाऊंगी। मैं पुतिन के खिलाफ वैसे ही आवाज उठाऊंगी जैसे नवलनी उठाते थे।
मैं अपने पति के यूट्यूब चैनल पर पहली बार इसलिए आई हूं, ताकि नवलनी के फॉलोअर्स को बता सकूं कि उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए हमें अब और भी उग्र होना होगा। हमें पुतिन के खिलाफ आवाज को और बुलंद करना होगा।
मैं नवलनी के काम को आगे बढ़ाने जा रही हूं और अपने देश के लिए लड़ने के लिए तैयार हूं। मैं चाहती हूं कि आप लोग भी मेरी इस लड़ाई में मेरा साथ दें। मैं चाहती हूं कि आप लोग भी उस शख्स के खिलाफ आवाज उठाएं, जिसने हमारे फ्यूचर को तबाह करने की कोशिश की।
मुझे पता है कि हम जो करने जा रहे है, वह नामुकिन लग रहा है, लेकिन हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है। हमें यह कोशिश करनी ही होगी। मैं चाहती हूं कि हमारे दोनों बच्चे आजाद रूस में रहें, जिस आजादी के लिए नवलनी ने अपनी जान दे दी। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।
नवलनी चाहते तो वे पुतिन के खिलाफ आवाज उठाने के बजाय रूस से बाहर एक नया जीवन अपना सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वे रूस से सबसे ज्यादा प्यार करते थे। नवलनी की यादों से हमें पुतिन के खिलाफ आंदोलन की ताकत मिलेगी।
‘पुतिन और उनके सहयोगी बख्शे नहीं जाएंगे’
यूलिया नवलनया ने 17 फरवरी को कहा था- पुतिन और उनके सहयोगियों को बख्शा नहीं जाएगा। हम पुतिन और उनकी सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते। वो हमेशा झूठ बोलते हैं, लेकिन अगर यह बात साबित हो गई कि मेरे पति की मौत के पीछे उनका हाथ है तो नतीजा भुगतेंगे। ये दिन बहुत जल्द आएगा।
नवलनी की मौत रूस की सबसे खतरनाक जेल पोलर वुल्फ में हुई। जेल अफसरों ने कहा था- नवलनी की तबीयत खराब हुई थी। वे टहलकर लौटे थे, जिसके बाद उन्हें अच्छा महसूस नहीं हो रहा था। इसके बाद वे बेहोश होकर गिर गए थे।
मौत के 5 दिन बाद भी नवलनी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आई। वहीं, नवलनी की टीम ने आरोप लगाया कि उनका शव परिवार को नहीं दिया जा रहा है। पुतिन का प्रशासन नवलनी की मौत का सच छिपाने की कोशिश कर रहा है। नवलनी की प्रवक्ता किरा यारमाइश ने कहा कि था उन्हें पूरा यकीन है कि नवलनी की हत्या की गई है। इसके आदेश खुद राष्ट्रपति पुतिन ने दिए थे।
नवलनी की मौत के बाद लोग सड़कों पर उतर आए हैं। वो सेंट पीटर्सबर्ग में राजनीतिक दमन के शिकार हुए लोगों के लिए बनाए गए मेमोरियल और मॉस्को में वॉल ऑफ सॉरो में नवलवी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। यहां से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक रूस के 32 शहरों में पुलिस ने अब तक 400 लोगों को गिरफ्तार किया है।
तस्वीर में रूसी पुलिस नवलनी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे लोगों को हिरासत में लेती दिख रही है।
तस्वीर में रूसी पुलिस नवलनी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे लोगों को हिरासत में लेती दिख रही है।श्रद्धांजलि देने लोग मॉस्को में लोग ‘वॉल ऑफ सॉरो’ पहुंचे। यहां तैनात पुलिस ने उन्हें श्रद्धांजलि देने से रोक दिया। लोगों को रोकने के लिए बैरिकेड्स भी लगाए गए हैं।नवलनी पर 2017 में जानलेवा हमला हुआ था। हमले में उनकी आंख में गंभीर चोट आई थी। साल 2018 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में खड़े होने की कोशिश की, लेकिन धोखाधड़ी के आरोप के चलते वे ऐसा न कर सके। एलेक्सी ने इसे सरकार की साजिश बताया था। जुलाई 2019 में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने के ऐलान के बाद नवलनी को 1 महीने की जेल हुई थी।
उस वक्त जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद कहा गया कि नवलनी को जहर देने की कोशिश हुई है। इसके बाद साल 2020 में भी उन्हें जहर देने की कोशिश की गई। वह फ्लाइट में बेहोशी की हालत में पाए गए थे, जिसके बाद फ्लाइट की जर्मनी में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी।
उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ठीक होने के बाद गिरफ्तारी की खतरे के बावजूद नवलनी 2021 में रूस लौटे। रूस में कदम रखते ही सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पुतिन पहली बार साल 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे। इससे पहले 1999 में उन्हें रूस के पहले राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने बतौर PM चुना था। 2000 से 2008 तक लगातार 2 कार्यकाल के दौरान पुतिन रूस के राष्ट्रपति पद पर काबिज रहे। रूस के संविधान के मुताबिक, पुतिन लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकते थे। ऐसे में साल 2008 में पुतिन के सबसे बड़े समर्थकों में शामिल दिमित्री मेदवेदेव राष्ट्रपति बने।
इस दौरान पुतिन ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद संभाला। 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति मेदवेदेव ने अपनी पार्टी से पुतिन को प्रेसिडेंट कैंडिडेट के लिए नॉमिनेट करने को कहा। इसके बाद 2012 के चुनाव में पुतिन ने दोबारा जीत हासिल की और वे सत्ता में लौट आए।