डीह ।ब्लॉक में तैनात विभागीय जिम्मेदार अधिकारी मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहें है। पोर्टल पर दर्ज होने वाली शिकायतों का फर्जी निस्तारण किया जा रहा है। इसे लेकर शिकायतकर्ता परेशान हैं और अफसर शासन को शत-प्रतिशत निस्तारण की रिपोर्ट भेजकर मौज काट रहे हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम जनता की शिकायतों का आसानी से निस्तारण कराने के लिए जनसुनवाई पोर्टल लांच कराया है।शासन का मकसद लोगों को घर बैठे इंसाफ दिलाने का है। पर,ब्लॉक में तैनात ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों की मनमानी की वजह से सरकार की इस मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। बताया जाता है कि पोर्टल पर दर्ज होने वाले अधिकतर मामलों की जांच तक नहीं की जाती। अफसर दफ्तर में बैठे-बैठे फर्जी और मनगढंत तरीके से निस्तारण की रिपोर्ट लगा देते हैं। शिकायतकर्ताओं के आरोपों को जांच के बिना ही उन्हें झूठा साबित कर दिया जाता है। इसे लेकर शिकायत दर्ज कराने वाले परेशान हैं। वह पोर्टल पर मनमानी की शिकायत भी करते हैं। पर, कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होता। यही वजह है कि आम लोगों का विश्वास अब इस पोर्टल से उठता जा रहा है।गोपालपुर निवासी अर्जुन पुत्र जमुना प्रसाद ने छह फरवरी को आईजीआरएस पोर्टल पर पारिवारिक जीवन यापन हेतु आवास की मांग की शिकायत की थी। उसका आरोप है कि मौके पर जांच करने पहुंचे पंचायत सचिव शितांसु प्रकाश ने शिकायत कर्ता के पड़ोसी का पक्का दिखाकर फर्जी रिपोर्ट लगा दी। साथ ही पंचायत सचिव द्वारा शिकायत कर्ता के परिजनों को दोबारा शिकायत करने पर कानूनी कार्यवाही की धमकी भी दी गई। वहीं शिकायत कर्ता अर्जुन ने बताया कि हम पांच भाइयों में किसी का भी पक्का मकान नही है।सभी दिहाडी मजदूरी करने वाले लोग है।हम लोगों का पक्का मकान नही है लेकिन पंचायत सचिव ने हमारे पड़ोसी का पक्का मकान दिखाकर फर्जी रिपोर्ट लगा दी है।इस बात पर डीपीआरओ नवीन सिंह का कहना है कि अगर ऐसा है तो जांच करवाकर कार्यवाही की जाएगी