लखनऊ के एडीजी जोन के फर्जी हस्ताक्षर कर सिपाहियों का तबादला आदेश जारी करने वाले बाबू के खिलाफ गौतमपल्ली थाने शुक्रवार रात एफआईआर दर्ज हो गई। उसने तत्कालीन एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया के फर्जी हस्ताक्षर कर तीन सिपाहियों का ट्रांसफर आदेश जारी कर दिया था।
एडीजी जोन अमरेंद्र कुमार सेंगर ने मामला की जानकारी पर बाबू विनोद कुमार सिंह की भूमिका सामने आने पर उसको सस्पेंड कर दिया। वहीं विभागीय जांच शुरु करा दी। दूसरी तरफ जोन दफ्तर में तैनात इंस्पेक्टर विजय कुमार तिवारी की तहरीर पर गौतमपल्ली पुलिस ने विनोद कुमार सिंह पर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर इस्तेमाल करने व जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा लेखा का मिथ्याकरण किए जाने की धारा में केस दर्ज कराया गया। इससे साफ है कि आरोपी बाबू की कभी भी गिरफ्तारी के साथ बर्खास्तगी की कार्रवाई हो सकती है।
आईजी रेंज लखनऊ तरुण गाबा पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। जिसमें इससे पहले के भी आदेश खंगाले जा रहे हैं। जिसमें सीधा उसका हाथ रहा हो। आरोपी बाबू ने एडीजी जोन लखनऊ के दफ्तर से 12 फरवरी को तत्कालीन एडीजी पीयूष मोर्डिया के हस्ताक्षर से एक आदेश जारी किया गया था।
जिसमें उन्नाव में तैनात सिपाही विजय बहादुर यादव के पिता की बीमारी दिखाते हुए अंबेडकरनगर, रायबरेली में तैनात संजय कुमार का बाराबंकी और अयोध्या में तैनात हरि मिश्रा का सीतापुर स्थानांतरण आदेश जारी किया था। यह आदेश सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जांच हुई थी। जांच में बाबू विनोद कुमार सिंह के खिलाफ आरोप सही पाए गए थे।