गठबंधन सरकार नहीं बनाएगी और विपक्ष में बैठना पसंद करेगी (PTI)

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के बैरिस्टर अली सैफ ने कहा है कि पार्टी ने केंद्र सरकार और पंजाब विधानसभा में विपक्ष में बैठने का फैसला किया है।
PTI पहले भी कई बार साफ कर चुकी है कि वो गठबंधन सरकार नहीं बनाएगी और विपक्ष में बैठना पसंद करेगी। सैफ ने कहा- विपक्ष में बैठने का फैसला इमरान खान के कहने पर लिया गया है।
वहीं, आज PTI चुनाव में धांधली के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन करेगी। दूसरी तरफ, केयरटेकर सरकार और फौज को प्रदर्शन के दौरान हिंसा की आशंका है। हालात से निपटने के लिए शुक्रवार रात पीएम अनवार-उल-हक काकड़ ने मीटिंग की। इसमें फौज के आला अफसर भी शामिल हुए। माना जा रहा है कि इस्लामाबाद समेत देश के तमाम बड़े शहरों की सुरक्षा के लिए बहुत जल्द फौज तैनात की जा सकती है।
शुक्रवार शाम PTI ने मौलाना फजल-उर-रहमान की पार्टी जमीयत-उलेमा-ए-इस्लाम को भी प्रदर्शन में शामिल होने का न्योता दिया। हालांकि, मौलाना की पार्टी ने अभी तक इस पर कुछ नहीं कहा है।
PTI के एक नेता ने जियो न्यूज से कहा- हम चाहते हैं कि चुनाव में धांधली के विरोध की आवाज पाकिस्तान के हर घर तक पहुंचे। इसलिए हमने मौलाना फजल समेत कई नेताओं और पार्टियों को इसमें शामिल होने का न्योता दिया है। हम किसी तरह की हिंसा नहीं चाहते।
इस नेता ने कहा- हम चाहें तो बहुत जल्द केंद्र में सरकार बना सकते हैं। इसके लिए कई लोग हमारे साथ आने तैयार हैं, लेकिन इस वक्त यह करना सही नहीं होगा, क्योंकि इससे ये मैसेज जाएगा कि हम सत्ता के भूखे हैं।
पाकिस्तान में चुनावों के बाद सरकार बनाने को लेकर जारी सियासी उठापटक के बीच JUI-F पार्टी के प्रमुख मौलाना फजल उर-रहमान ने कहा है कि 2022 में इमरान खान की सरकार गिराने के पीछे फौज और ISI का हाथ था। जनरल बाजवा और इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस के फैज हमीद मिलकर इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए थे।
पाकिस्तान के समा टीवी के साथ इंटरव्यू के दौरान मौलाना ने कहा- पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नेतृत्व किया था। मैं इसके पक्ष में नहीं था, लेकिन मैंने इसका समर्थन किया क्योंकि तब मैं पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) का हिस्सा था। अगर मैं उनका साथ नहीं देता तो वे कहते कि मैंने इमरान खान को बचाया।
दरअसल, 2020 में इमरान के खिलाफ बने गठबंधन PDM के चीफ मौलाना फजल ही थे। यह 13 पार्टियों का अलायंस था, जिसमें शाहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली PML-N और बिलावल भुट्टो की पार्टी PPP भी शामिल थी।