लखनऊ जिला जेल में 36 नए कैदी HIV संक्रमित पाए गए हैं। यहां पहले से ही 27 HIV पॉजिटिव थे। इस तरह से लखनऊ जिला जेल में HIV संक्रमितों की संख्या 63 पहुंच गई है। वहीं इतनी बड़ी संख्या में HIV संक्रमित पाए जाने के बाद जेल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हड़कंप मच गया है। हालांकि जेल प्रशासन अभी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
संक्रमितों को दवाएं दी जा रही हैं। डॉक्टर्स की टीम संक्रमितों की निगरानी कर रही है। साथ ही संक्रमण फैलने के कारणों का पता लगा रही है।
उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी ने ISHTH कंपैन के तहत 3 दिसंबर 2023 से 3 जनवरी 2024 तक STI,HIV, हेपेटाइटिस बी, टीबी के मरीजों की जांच की गई। इस दौरान लखनऊ जिला कारागार में कुल 38 पॉजिटिव मरीज मिले।
यूपी एड्स कंट्रोल सोसाइटी के ज्वांइट डायरेक्टर डॉ. रमेश ने बताया कि सभी संक्रमितों देखभाल की जा रही है। सभी को KGMU के एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी (ART) सेंटर से संक्रमितों को दवा उपलब्ध कराई जा रही है।
लखनऊ के सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि लखनऊ जेल में HIV मरीज मिलने के बाद निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत कार्रवाई की जा रही हैं। ऐहतियात के तौर पर जांच बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। स्थिति पर लगातार नजर है, आगे भी जो जरूरी कदम हैं उठाए जाएंगे।
रविवार देर शाम लखनऊ कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक ने बयान जारी कर बताया कि 1 जनवरी 2023 जिला कारागार लखनऊ में कुल 47 बंदी HIV पॉजिटिव थे। इस बीच सितंबर 2023 से HIV टेस्टिंग किट उपलब्ध न होने के कारण 3 दिसंबर 2023 तक जिला कारागार में जांच नहीं हो सकी।
इस बीच 3 दिसंबर को आयोजित कैंप में जब बंदियों की HIV जांच कराई गई तो उसमें से 36 बंदी पॉजिटिव मिले। पूर्व में एचआईवी से ग्रसित बंदी और इन में से समय-समय पर अब तक कुल 20 बंदी रिहा हो चुके हैं और वर्तमान में कुल 63 बंदी HIV से ग्रस्त है जिनका उपचार कराया जा रहा है। इनमें से अधिकाश बंदी ड्रग एडिक्ट है जो की बाहर सिरिंज से विभिन्न प्रकार का नशा लेते थे। उन्होंने दावा किया कि कारागार में प्रवेश करने के बाद कोई बंदी HIV से संक्रमित नहीं हुआ है। सभी का इलाज ART सेंटर से किया जा रहा हैं। बीते 5 सालों में किसी HIV संक्रमित बंदी की मौत नही हुई हैं।
इस तरह के व्यक्ति को HIV संक्रमित होने की ज्यादा संभावना
एक से अधिक लोगों से यौन संबंध रखने वाला व्यक्ति।
वेश्यावृति करने वालों से यौन संपर्क रखने वाला व्यक्ति।
नशीली दवाईयां इन्जेकशन के द्वारा लेने वाला व्यक्ति।
पिता/माता के एचआईवी संक्रमण के पश्चात पैदा होने वाले बच्चे।
बिना जांच किया हुआ ब्लड चढ़वाने से।
एड्स से बचाव
जीवन-साथी के अलावा किसी अन्य से यौन संबंध नहीं रखें।
यौन सम्पर्क के समय निरोध(कण्डोम) का प्रयोग करें।
मादक औषधियों के आदी व्यक्ति के द्वारा उपयोग में ली गई सिरिंज व सूई का प्रयोग न करें।
एड्स पीडित महिलाएं गर्भधारण न करें, क्योंकि उनसे पैदा होने वाले शिशु को यह रोग लग सकता है।
ब्लड की जरूरत होने पर अनजान व्यक्ति का ब्लड ना लें।
सुरक्षित रक्त के लिए एचआईवी जांच किया रक्त ही ग्रहण करें।
डिस्पोजेबल सिरिंज और सुई व अन्य चिकित्सीय उपकरणों का 20 मिनट पानी में उबालकर इस्तेमाल करें।
दूसरे व्यक्ति का प्रयोग में लिया हुआ ब्लेड/पत्ती इस्तेमाल ना करें।
HIV संक्रमण के लक्षण-
गले या बगल में सूजन भरी गिल्टियां का हो जाना।
लगातार कई-कई हफ्ते अतिसार घटते जाना।
लगातार कई-कई हफ्ते बुखार और खांसी रहना।
बिना वजह वजन घटना
मुंह में घाव हो जाना।
त्वचा पर दर्द भरे और खुजली वाले चकत्ते हो जाना।
संक्रमितों से हाथ मिलाने पर नहीं फैलता है HIV
एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ सामान्य संबंधो से, जैसे हाथ मिलाने, एक साथ भोजन करने, एक ही घडे़ का पानी पीने, एक ही बिस्तर और कपड़ों का इस्तेमाल करने से HIV नहीं फैलता है। साथ ही एक ही कमरे या घर में रहने, एक ही शौचालय, बाथरूम यूज करने से यह रोग नहीं होता। ना ही मच्छरों /खटमलों के काटने से यह रोग फैलता है।