इजराइल-हमास जंग के बीच जॉर्डन-सीरिया बॉर्डर पर बने अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर रविवार देर रात ड्रोन अटैक हुआ। इसमें 3 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई।
अमेरिका राष्ट्रपति का कहना है कि इस हमले के पीछे ईरान का हाथ है। उन्होंने कहा- 7 अक्टूबर 2023 के बाद मिडिल-ईस्ट में तनाव बढ़ा है। इजराइल-हमास जंग के बीच पहली बार हमारे सैनिक मारे गए हैं। इसके पीछे ईरान समर्थित आतंकवादी समूहों का हाथ है। हमें इसका जवाब देना होगा।
अब तक कई बार अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले हुए हैं लेकिन इनमें किसी सैनिक ने अपनी जान नहीं गंवाई। हालांकि हमला किसने किया यह साफ नहीं है।
UN ने अमेरिका समेत 8 देशों से अपील की है कि वो इस संगठन की फंडिंग बंद न करें, क्योंकि ये दुनिया में उन देशों या वहां के लोगों की मदद करता है जो किसी न किसी रूप में हिंसा या भूख से जुड़ी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
दूसरी तरफ, फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक अहम बातचीत शुरू हो रही है। इसमें इजराइल और हमास के बीच सीजफायर कराने के अलावा होस्टेज डील पर विचार किया जाएगा।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हमास ने 7 अक्टूबर 2023 के हमले में जिन हथियारों का इस्तेमाल किया, वो इजराइली सेना से लूटे गए हथियार ही थे।
UN चीफ एंतोनियो गुतरेस ने कहा- हमें अपने 12 कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत और सबूत मिले थे। इसके बाद तेजी से एक्शन लिया गया और 9 कर्मचारियों को हटा दिया गया। ये सभी UN रिलीफ एंड वर्क एजेंसी यानी UARWA से जुड़े थे। इन पर आरोप थे कि इजराइल में 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमलों में इनकी भी भूमिका थी। इन लोगों ने इन हमलों में हिस्सा लिया था।
अब तक इजराइल और UN दोनों ने ही इन कर्मचारियों और इनके रोल की डीटेल्स पब्लिक नहीं की हैं। गुतरेस के मुताबिक, अगर हमें अगले महीने के लिए फंड्स नहीं मिले तो गाजा में रहने वाले करीब 20 लाख लोगों को खाना और पीने का पानी तक नहीं भेजा जा सकेगा। जिन लोगों के इन हमलों में शामिल होने का आरोप है है, उनमें से एक की मौत हो चुकी है।
UNRWA के चीफ फिलिप लजारिनी ने कहा कि एजेंसी की साख को बचाने के लिए सभी आरोपियों को बर्खास्त करने का फैसला किया गया। इस एजेंसी को 1948 में उन फिलिस्तीनियों को राहत पहुंचाने के लिए बनाया था, जो इजराइली कब्जे में बेघर हो गए थे।
फिलहाल ये एजेंसी गाजा, वेस्ट बैंक, सीरिया, जॉर्डन और लेबनान में 60 लाख लोगों की मदद कर रही है। इसका आम नागरिकों तक राहत का सामान पहुंचाना और उनकी मदद करना है। अब तक अमेरिका, ब्रिटेन, फिनलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इटली, जर्मनी, फिनलैंड और स्विटजरलैंड UNRWA को फंड रोकने का ऐलान कर चुके हैं।
अमेरिकी की अगुआई में हमास और इजराइल के बीच सीजफायर की नई कोशिश शुरू हो गई है। इसके लिए फ्रांस की राजधानी पेरिस में बातचीत शुरू होने जा रही है।- इस बातचीत के किसी नतीजे तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। इसमें कतर को भी शामिल किया गया है। हालांकि, दिक्कत ये है कि इजराइल और कतर के बीच कई मामलों में मतभेद साफ तौर पर सामने आ चुके हैं। माना जा रहा है कि इजराइल और हमास को साफ तौर पर ये बता दिया गया है कि अब कोई न कोई डील करनी ही होगी।
इजराइल की मांग है कि हर हाल में सबसे पहले बंधकों को रिहा किया जाए। दूसरी तरफ, हमास की मांग है कि कोई भी डील तभी हो सकती है, जब इजराइल कम से कम एक महीने का सीजफायर तय करे और इसके लिए इंटरनेशनल ऑब्जर्वर तैनात किए जाएं।
इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने शनिवार रात इजिप्ट और कतर से बातचीत की है। सीआईए के डायरेक्टर विलियम जे बर्न्स इस वक्त पेरिस में हैं। इसके अलावा इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के चीफ भी पेरिस में है।