वेब सीरीज ‘पंचायत 2’, ‘कोटा फैक्ट्री’ और TVF से पॉपुलैरिटी पाने वाले एक्टर जितेंद्र कुमार हाल ही में फिल्म ‘ड्राई डे’ में दिखाई दिए। इस फिल्म में उनके साथ श्रिया पिलगांवकर मेन लीड में हैं। इस कॉमेडी-ड्रामा फिल्म के डायरेक्टर सौरभ शुक्ला हैं। दैनिक भास्कर के साथ हुए इंटरव्यू में फिल्म की कास्ट और डायरेक्टर ने अपनी जिंदगी के कुछ अनसुने किस्सों को शेयर किया।
जहां जितेंद्र ने बताया कि उन्हें पहले से ही मालूम था कि उनकी नौकरी नहीं लगेगी। वहीं श्रिया ने कहा कि वे बचपन में शीशा भी नहीं देखा करती थीं। डायरेक्टर सौरभ शुक्ला ने भोपाल की काली जलेबी की बात भी की।
जितेंद्र कुमार से उनके करियर की जर्नी के बारे में पूछा गया। जितेंद्र एक IITian हैं। ऐसे में जब उन्होंने फिल्मों की तरफ रुख अपनाया, तो क्या उनको इस डिसिजन के लिए फैमिली की ओर से सपोर्ट मिला? इस पर जितेंद्र कहते हैं- मेरे परिवार को शुरुआत में एक झटका लगा था। सच कहूं तो मेरा परिवार चाहता था कि में उनके काम में हाथ बटाऊं। परिवार के साथ काम करूं।
जब मैंने उन्हें बताया कि मैं एक्टिंग करना चाहता हूं तो उनके लिए ये बात किसी शॉक से कम नहीं थी। मगर हां, बाद में परिवार की तरफ से जो सपोर्ट मिला, वो काबिले- तारीफ रहा। IIT में मैं बहुत ही खराब स्टूडेंट था। पहले से पता था कि मेरी नौकरी नहीं लगेगी, और आखिरकार नहीं लगी। उस समय यूट्यूब काफी ग्रो कर रहा था। यूट्यूब पर TVF चैनल भी तेजी से आगे बढ़ रहा था। एक्टर बनने में मेरे कुछ सीनियर्स ने मेरी मदद की।
जितेंद्र से पूछा गया कि उन्हें क्या पसंद है? जब लोग उन्हें जितेंद्र कहकर बुलाएं या फिर जीतू भैया कहकर। इस बात पर जितेंद्र ने कहा- जब कोई जीतू भैया कहकर बुलाता है, तो अच्छा महसूस होता है। बता दें, जितेंद्र कुमार ने वेब सीरीज ‘कोटा फैक्ट्री’ में ‘जीतू भैया’ का किरदार निभाया था। इस रोल से वे ‘जीतू भैया’ के नाम से मशहूर हो गए थे।
‘ड्राई डे’ की फीमेल लीड श्रिया पिलगांवकर से शूटिंग के दौरान कोई मजेदार किस्सा शेयर करने के लिए कहा गया। श्रिया ने कहा- पहली बार मैंने इतने बड़े लेवल पर होली का गाना शूट किया है। वास्तव में मैं होली इतना नहीं खेलती हूं। लेकिन जिस तरह से गाने में दर्शाया गया है वो कमाल है। गाना बहुत ही पेपी है। हम लोगों ने ठंड के मौसम में गौहर महल में इस गाने को शूट किया है। टिपिकल लट्ठमार होली सीन क्रीएट किया गया था, जो कि बहुत अच्छा एक्सपीरियंस रहा।
डायरेक्टर सौरभ शुक्ला से ‘ड्राई डे’ के माहौल के बारे में पूछा गया। उन्होंने कहा- हम लोगों ने ठंड के मौसम में भोपाल में शूटिंग की है। एक ऐसी जगह जहां के पोहे और काली जलेबी मशहूर है। शूटिंग के दौरान रोज सुबह 5 बजे सूरज उगने से पहले 300 लोगों की यूनिट पहुंच जाया करती थी। मेरे लिए ये सब कमाल का अनुभव रहा।
श्रिया पिलगांवकर से उनके एक्टिंग करियर के बारे में पूछा गया। उन्होंने कहा- मैंने बचपन में कभी नहीं सोचा था कि मुझे एक्टिंग में आना है। हालांकि मेरे पेरेंट्स एक्टर्स हैं, फिर भी मैंने एक्टिंग के बारे में बाद में सोचा। अगर पहले पता होता, तो तैयारी पहले से शुरू कर दी होती। सच कहूं तो बचपन में मैं शीशा भी नहीं देखा करती थी। उस समय मेरा ध्यान स्पोर्ट्स में ज्यादा था। हां, जब मैंने 10 साल कथक किया तब मुझे पता चला कि मुझे परफॉर्म करने में मजा आता है। इसलिए फिर मैंने एक्टिंग का रुख लिया।