लखनऊ में हरिहरपुर और मोहनलाल गंज में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने शुक्रवार को पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की करीब 13.42 करोड़ रुपए कीमत की संपत्ति जब्त कर ली।
पिछले हफ्ते टीम ने मुंबई के मलाड में एक अपार्टमेंट में उनके बेटे और बहू के नाम चार फ्लैट सीज किए गए थे। ईडी अब तक गायत्री प्रसाद प्रजापति की 50.37 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त कर चुकी है।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि जांच में पाया गया है कि गायत्री प्रसाद प्रजापति ने खनन मंत्री रहते हुए कई अवैध संपत्तियां बनाई। इसके लिए उन्होंने अपने बेटों, बहू, परिचितों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया। इन बैंक खातों में उन्होंने नकद रकम जमा की और फिर इसे संपत्तियों में निवेश कराया।
ईडी ने वर्ष 2021 में लोकायुक्त की जांच में गायत्री के दोषी पाए जाने के बाद FIR दर्ज कर जांच शुरू की थी। लोकायुक्त जांच में उन्हें आय से ज्यादा संपत्ति कमाने का दोषी पाया गया था। ईडी ने अब तक गायत्री के परिवार के लोगों की 60 अचल संपत्तियां जब्त की हैं।
पहले चुनाव में मिली हार के बाद गायत्री ने हार नहीं मानी। वो अमेठी की जनता के बीच जाते रहे। इस दौरान उनकी क्षेत्र में पहचान बढ़ने लगी। ये तस्वीर गायत्री की राजनीति में शुरुआती दिनों की है।
अमेठी से चार किलोमीटर दूर पड़ता है परसाना गांव। यहीं के रहने वाले हैं गायत्री प्रजापति। पिता सुकई राम कुम्हार थे। लेकिन गायत्री का मन इस काम में नहीं लगा तो वे पुताई का काम करने लगे।
साल 1984 में इंदिरा गांधीका मर्डर हुआ, राजीव गांधी देश के पीएम बन गए। तब वह तो अमेठी के सांसद थे। उन्होंने अपने क्षेत्र में विकास के लिए कोरवा इलाके में हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड यानी HAL का कारखाना लगवाया। यहीं से पेंटर गायत्री के दिन बदल गए।
कारखाने की बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी थी। गायत्री को इसकी पुताई का बड़ा ठेका मिल गया था। इससे पैसे तो आ गए, लोग अब भी कहते पेंटर ही थे।
सब ठीक चल रहा था, तभी एक दिन कामकाज का जायजा लेने राजीव कारखाने आ गए। आगे-पीछे पुलिस की लंबी लाइन और गाड़ियां ही गड़ियां। कहते हैं कि उस दिन राजीव के काफिले को देखने बाद ही पेंटर गायत्री पर राजनीति का रंग चढ़ गया।
साल 2013: सीएम अखिलेश यादव ने कैबिनेट विस्तार किया। गायत्री को सिंचाई विभाग में राज्य मंत्री का दर्जा मिला। पॉलिटिकल एक्सपर्ट विवेक गुप्ता कहते हैं, ”अखिलेश ने अपनी कैबिनेट में गायत्री को भले ही ले लिया था। लेकिन वे उन्हें पसंद नहीं करते थे। इसलिए उन्होंने शिवपाल के सिंचाई विभाग से गायत्री को हटाकर 2013 में ही खनन विभाग का स्वतंत्र प्रभार दे दिया गया।”गायत्री के पास अब खनन विभाग था। इस विभाग से सरकार को बोरे भर-भर के पैसे मिलते हैं। बस यही पर गायत्री गच्चा खा गए। बस अब उनके कारनामों को गिनते जाइए…
पहला मामला: प्रतापगढ़ के ओमप्रकाश द्विवेदी ने लोकायुक्त से शिकायत की कि गायत्री ने मंत्री रहते हुए कई बेनामी संपत्ति बनाई है। शिकायत में द्विवेदी ने कहा, ”गायत्री ने परिवार के लोगों और दोस्तों के नाम मोहनलालगंज में 300 करोड़ की संपत्ति जमा की है।” हालांकि, बाद में द्विवेदी ने इस शिकायत को वापस ले लिया।
दूसरा मामला: यूपी के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने गायत्री पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने शिकायत में कहा, ”गायत्री ने अवैध खनन से 1000 करोड़ से भी ज्यादा की संपत्ति इकट्ठा कर ली है।”
तीसरा मामला: सुल्तानपुर के अभयराज यादव ने गायत्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत की। इस पर जज एनके मेहरोत्रा ने जानकारी मांगी तो यादव कोई जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद मामले की जांच बंद कर दी गई।
चौथा मामला: अमेठी के महेंद्र कुमार ने गायत्री के पैसों से 50 लोगों को बेनामी संपत्तियां खरीदने का आरोप लगाया। तब जस्टिस मेहरोत्रा ने सभी लोगों को समन जारी किया। इनमें ज्यादातर लोगों ने कहा कि उन्होंने संपत्तियां अपने पैसों से खरीदी हैं। मामले में गायत्री के खिलाफ सुबूत नहीं मिले।
पांचवां मामला: सोनभद्र के रहने वाले यशवंत सिंह ने गायत्री पर अवैध खनन के मामले में शिकायत की। इसमें बताया गया कि मंत्री ने अवैध खनन करने वालों को संरक्षण दिया है। इससे उन्होंने कई बेनामी संपत्तियां हासिल की हैं।
18 फरवरी 2017, दिन शनिवार, विधानसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग हो गई थी। अखिलेश प्रचार में जुटे थे। तभी गायत्री और उसके 6 दोस्तों पर चित्रकूट की नाबालिग लड़की ने रेप का शिकायत दर्ज करवाई।
लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में दी गई शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया कि गायत्री ने सरकारी आवास पर चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे बेहोश किया। फिर तीन साल तक अपने दोस्तों के साथ मिलकर उससे रेप किया।
गायत्री को 11 मार्च 2017 को एक और झटका लगा। वो चुनाव हार गए। बीजेपी की गरिमा सिंह को 63912 वोट मिले। गायत्री 58941 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे। 12 नवंबर 2021 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने गायत्री और उसके दो दोस्तों को उम्रकैद की सजा हुई।
अमेठी का पेंटर जो कैबिनेट मिनिस्टर बना:यूपी में पत्नी-बेटियां जिसकी रिहाई के लिए रो-रोकर वोट मांग रहीं, उस रेप के दोषी पूर्व मंत्री गायत्री की पूरी कहानी
10 साल पहले अमेठी के जिस घर में मिठाइयां बांटी जा रही थी, आज वहां मातम पसरा है। साल 2012 में सपा सरकार आई तो महाराजी देवी को हजारों लोगों ने बधाई दी। घर में जश्न का माहौल था। तरह-तरह के पकवान बन रहे थे। लेकिन आज महाराजी टूट चुकी हैं।