जालंधर: 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारी कर रहे हैं, वहीं भाजपा भी इस मामले में पीछे नहीं है। भारतीय जनता पार्टी अभी तक राम लल्ला के सहारे 2024 के चुनावों में सत्ता में आने की कोशिशों में जुटी हुई थी, लेकिन अब भाजपा को महादेव का भी आशीर्वाद मिल गया है।
आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह आशीर्वाद कैसे मिला। दरअसल भाजपा जहां राम लल्ला के मंदिर शुभारंभ की तैयारी में जुटी है, वहीं विपक्ष को ढेर करने के लिए भाजपा के हाथ बड़ा ब्रह्मस्त्र आ गया है और वह है महादेव ऐप का स्कैम। करीब 15000 करोड़ के स्कैम में छत्तीसगढ़ तथा मुंबई में मामले दर्ज हो चुके हैं और अब तक इस मामले में कई लोगों से पूछताछ हो चुकी है। पिछले दिनों ही महादेव बैटिंग ऐप के प्रमुख रवि उप्पल को दुबई में पुलिस ने हिरासत में लिया है और ई.डी. उसे भारत लाने की कोशिशों में जुट गई है।
महादेव ऐप के माध्यम से निशाने पर कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी केंद्र की सरकार चला रही है तथा 2024 में पार्टी दोबारा सत्ता में आने के लिए कोशिशों में जुटी है। पार्टी जहां अपने पक्ष में वोट करवाने के लिए राम लल्ला का सहारा ले रही है, वहीं अब विपक्ष के वोट काटने के लिए महादेव ऐप का उसे सहारा मिल गया है। महादेव ऐप के माध्यम से विपक्ष खासकर कांग्रेस को घेरना भाजपा के लिए आसान हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी हाल ही में एक सभा के दौरान महादेव ऐप का जिक्र करते हुए कहा था कि इन्होंने तो महादेव को भी नहीं छोड़ा।
उनका इशारा कांग्रेस की तरफ था, क्योंकि कांग्रेस के छत्तीसगढ़ के पूर्व सी.एम. भूपेश बाघेल पर महादेव बैटिंग ऐप के प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपए लेने का आरोप है। अगला निशाना सौरव चंद्राकर दुबई में रवि उप्पल को हिरासत में लिए जाने के बाद अब उसका प्रमुख हिस्सेदार सौरव चंद्राकर अगला निशाना हो सकता है। 28 वर्षीय चंद्राकर पहले दुबई में था, लेकिन बताया जा रहा है कि अब वह अपना लगातार ठिकाना बदल रहा है।
ई.डी. को मिली जानकारी के बाद यह बात सामने आई थी कि महादेव ऐप से जुड़े सौरव चंद्राकर दुबई के बाद श्रीलंका, आस्ट्रेलिया, लंदन तथा कैरिबियन में भी गया है। सूत्र बताते हैं कि फिलहाल सौरव चंद्राकर के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है, लेकिन उसके इंगलैंड में होने की संभावनाएं हैं। 70:30 के प्राफिट शेयरिंग के साथ बनाए जाते थे फ्रैंचाइजी जानकारी मिली है कि सट्टेबाजी ऐप महादेव में आनलाइन बुक का काम रवि तथा सौरव ने मिलकर शुरू किया था, लेकिन इसमें बाद में कुछ और लोग भी जुड़ गए।
खबर के अनुसार रवि और सौरव ने इस ऐप को आगे बढ़ाने के लिए आगे फ्रैंचाइजी दे रखी थी, जिसमें प्राफिट शेयरिंग 70:30 होती थी। इसके तहत जो भी फ्रैंचाइजी बनाया जाता था, उसे बकायदा एक पैनल दिया जाता और पैनल के माध्यम से वह महादेव बुक को चलाता था। इस बुक में लगने वाले सभी पैसों के लिए पैनल आप्रेटर ही जिम्मेदार होता था, उसी की जिम्मेदारी होती थी कि वह बुक में लगी पूरी राशि मालिकों को दे, जिसके लिए अलग-अलग यूजर आई.डी. भी बनाकर दी जाती थी।
ये सब बातें ई.डी. की तरफ से पेश की गई चार्जशीट में अंकित हैं। चंद्र अग्रवाल इंगलैंड के आफिस से करता था अपने पैनल को आप्रेट खबर के अनुसार रवि उप्पल तथा सौरव चंद्राकर के साथ पंजाब के जालंधर से रिएल एस्टेट कारोबारी चंद्र अग्रवाल ने पहले तो फ्रैंचाइजी के तौर पर हाथ मिलाया था, लेकिन वह धीरे-धीरे इन दोनों के करीब होता गया तथा वह एक तरह से इनके काम में हिस्सेदार हो गया। बताया यह भी जा रहा है कि चंद्र अग्रवाल का दुबई तथा इंगलैंड में आफिस है, जहां पर यह महादेव बुक का काम किया जाता है।
पुलिस तथा ई.डी. को यह भी जानकारी मिली है कि दुबई का काम चंद्र का एक करीबी व्यक्ति देखता है, जबकि इंगलैंड में पूरा आफिस वह खुद देखता है। यहीं से वह महादेव ऐप के अपने पैनल को आप्रेट कर रहा था। इस ऐप के माध्यम से क्रिकेट, फुटबाल, टैनिस, पोकर और तीन पत्ती जैसे प्लेटफार्म पर जुए और सट्टेबाजी का काम चलता था।
पहले-पहले इसका बेस कैंप छत्तीसगढ़ था, लेकिन बाद में यह दुबई और इंगलैंड हो गया। दुबई और लंदन के कई नाइट क्लबों में बड़ा निवेश जानकारी के अनुसार यह भी खबर मिली है कि रवि तथा सौरव के साथ-साथ उसके कुछ करीबी लोगों ने जो महादेव ऐप में हिस्सेदार हैं तथा जिनका एफ.आई.आर. में भी नाम है, इन्होंने दुबई और लंदन में कई नाइट क्लबों और बार में बड़ा निवेश कर रखा है। जहां से इन्हें भारी कमाई हो रही है।
इस मामले में ई.डी. ने उन 32 लोगों को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है, जिनका नाम मुंबई में दर्ज एफ.आई.आर. में है। इनमें 6 लोग सौरव चंद्राकर के नजदीकी है, इनका काम भारत तथा मध्य पूर्व एशिया में मैचों को फिक्स करवाने का होता था।
ये सभी लोग महादेव ऐप तथा खिलाड़ी ऐप के माध्यम से जुड़े हुए थे, जिनको रोजाना करोड़ों की कमाई हो रही थी। आखिर इंगलैंड ही क्यों है सेफ प्लेस? खबर मिली है कि पुलिस तथा ई.डी. का शिकंजा कसता देख महादेव ऐप से जुड़े उक्त 32 लोगों में से जो अभी पुलिस के हाथ से दूर हैं, लगातार अपने ठिकाने बदल रहे हैं। इनमें से अधिकतर के इंगलैंड में होने की संभावना है क्योंकि इंगलैंड से भारत में किसी भी आरोपी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया काफी जटिल है तथा ऐसे अधिकतर मामलों में भारत को अभी तक निराशा ही हाथ लगी है। चाहे मेहुल चौकसी हो, नीरव मोदी हो, विजय माल्हा या ललित मोदी हो, इन सबके मामले में भारत अभी कोई सफलता हासिल नहीं कर पाया है, शायद यही कारण है ये सभी आरोपी इंगलैंड में शरण लेने की तैयारी कर रहे होंगे। वैसे बताया जा रहा है कि ये लोग भारत में अपने करीबी लोगों के संपर्क में हैं, जिनसे ये व्हाट्सअप या वीडियो कालिंग के माध्यम से बात कर रहे हैं।