इजराइल और हमास के बीच दूसरी बार सीजफायर का मामला टल गया है। शनिवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि बहुत जल्द दोबारा सीजफायर हो सकता है। हालांकि, देर रात इजराइल ने साफ कर दिया कि हमास ने महिलाओं और बच्चों की रिहाई का वादा पूरा नहीं किया। इसलिए कतर की राजधानी दोहा से बातचीत करने वाली टीम को वापस इजराइल बुला लिया गया है।
दूसरी तरफ, लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने भी इजराइल पर फिर हमले शुरू कर दिए हैं। जवाब में इजराइल ने भी लेबनान में हवाई हमले शुरू कर दिए हैं।
शनिवार दोपहर कहा गया- दोहा में इजराइल और हमास के बीच बातचीत का फोकस बंधकों की रिहाई है। रविवार को इस बारे में कोई फैसला हो सकता है। फॉर्मूले के तहत हमास अपने कब्जे में मौजूद इजराइल के बुजुर्ग बंधकों को रिहा करेगा और इजराइल के जेलों से कुछ फिलिस्तीनी छोड़े जाएंगे।
हालांकि मोसाद के चीफ डेविड बार्निया ने बाद में कहा- प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कतर में सीजफायर की बातचीत करने गई इजराइली टीम को देश लौटने को कहा है। हमास आतंकी संगठन है और उसने समझौते की शर्तों के तहत तमाम महिलाओं और बच्चों को रिहा नहीं किया।
पिछले सीजफायर के दौरान हमास ने 105 बंधक रिहा किए थे। इनमें 81 इजराइली और 23 थाईलैंड के बंधक थे। इसके अलावा फिलिपींस का भी एक नागरिक छोड़ा गया था। हमास की कैद में अब भी 136 लोग बताए गए हैं। इनमें 114 पुरुष, 20 महिलाएं और 2 बच्चे हैं। 10 बंधकों की उम्र 75 साल या इससे ज्यादा बताई गई है। इनमें 11 गैर इजराइली हैं। 8 थाईलैंड के नागरिक भी हमास की कैद में हैं।
लेबनान की तरफ से इजराइल पर एक बार फिर हमले शुरू हो गए हैं। शनिवार को लेबनान की तरफ से 16 रॉकेट और 2 बार फायरिंग की गई। इसका जवाब इजराइल ने दिया है।
लेबनान की तरफ से इजराइल पर एक बार फिर हमले शुरू हो गए हैं। शनिवार को लेबनान की तरफ से 16 रॉकेट और 2 बार फायरिंग की गई। इसके बाद इजराइली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने लेबनान पर एयर स्ट्राइक शुरू कर दीं। हालांकि, दोनों ही तरफ से नुकसान के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
इजराइली सेना का कहना है कि लेबनान के हिजबुल्ला आतंकी उसके मिलिट्री बेसेस को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इन हमलों के लिए ईरान के हथियारों का इस्तेमाल किया गया है। अगर यह सिलसिला फौरन नहीं रुका तो लेबनान पर बड़े हमले किए जाएंगे।
इजराइली सेना ने UN की तरफ से भेजी गई राहत सामग्री की जांच की। इस दौरान कई रॉकेट मिले। इनका इस्तेमाल सीजफायर खत्म होने के बाद हमास के आतंकी कर रहे थे।
इजराइली सेना ने गाजा में शनिवार को एक अहम कामयाबी हासिल की। UN की तरफ से भेजी गई राहत सामग्री की जांच की गई। इस दौरान कई रॉकेट मिले। इनका इस्तेमाल सीजफायर खत्म होने के बाद हमास के आतंकी कर रहे थे।
इजराइली सेना ने कहा- हालिया दिनों में गाजा के एक अपार्टमेंट से इजराइल पर लगातार रॉकेट हमले किए जा रहे थे। हमें पता लगा कि इस अपार्टमेंट का इस्तेमाल संयुक्त राष्ट्र का एक दल कर रहा है। शनिवार सुबह इसी इमारत से हमारे सैनिकों पर हमले किए गए। इसके बाद कमांडोज ने इमारत को घेर लिया और तलाशी शुरू की।
तलाशी के दौरान UN की मुहर वाले कई बॉक्स मिले। इनका इस्तेमाल रिलीफ पैकेट्स के लिए किया जाता है। हालांकि, तलाशी के दौरान इनमें रॉकेट्स और ग्रेनेड मिले। इसके अलावा कुछ मोर्टार भी बरामद किए गए हैं। हमने मामले की जानकारी रेड क्रॉस और यूएन की टीम को दे दी है। इसके वीडियो सबूत भी उनको भेजे गए हैं।
200 लोग मारे गए
हमास का कहना है कि सीजफायर खत्म होने के बाद गाजा में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। अस्पतालों में फर्श पर लाशें पड़ी हैं। वहीं, इजराइली सेना का कहना है कि सैनिकों ने हमास के 400 ठिकानों को तबाह किया है।
इधर, डॉक्टर्स विद आउट बॉर्डर्स ने शनिवार इजराइल पर उनके काफिले पर हमला करने के आरोप लगाए हैं। अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने हमले का वीडियो शेयक कर मामले की जांच की मांग की है।
UN ने कहा है कि गाजा के अल-अहली अस्पताल के हालात किसी डरावनी फिल्म जैसे हैं। WHO के मुताबिक गाजा के 32 में से सिर्फ 16 अस्पताल काम कर रहे हैं। वहीं, इजराइली सेना दक्षिणी गाजा के लोगों को राफा की तरफ जाने के लिए कह रही है। इजराइली सेना उत्तरी गाजा को पहले ही खाली करवा चुकी है। ऐसे में एक फिलिस्तीनी शख्स ने अलजजीरा से कहा कि जब हर जगह से हमें निकलने को कहा जा रहा है तो हम कहां जाएंगे।
इजराइल-हमास के बीच सीजफायर खत्म होने के बाद भारतीय समयानुसार शुक्रवार देर रात एक फिलिस्तीनी समर्थक ने अमेरिका में खुद को आगे हवाले कर दिया। ये घटना अटलांटा शहर में बने इजराइली कॉन्सुलेट के सामने हुई। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक सिक्योरिटी गार्ड ने उसे बचाने की कोशिश की। हालांकि, वो नाकामयाब रहा।
अमेरिका ने सीजफायर खत्म होने का इल्जाम हमास पर डाला है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन शुक्रवार को सीजफायर खत्म होने के तुरंत बाद इजराइल से दुबई पहुंचे। यहां उन्होंने कहा- हमास ने अपना वादा पूरा नहीं किया। यरूशलम में आतंकी हमला करवाया और सीजफायर की सीमा खत्म होने से पहले इजराइल पर रॉकेट दागे। इसकी वजह से युद्ध विराम आगे नहीं बढ़ाया जा सका।
दरअसल, इजराइल और हमास के बीच सीजफायर के बाद शुक्रवार को जंग फिर शुरू हो गई। सेंट्रल इजराइल पर गाजा से 50 से ज्यादा रॉकेट दागे गए। इजराइल ने जवाबी कार्रवाई की। इसके फौरन बाद तेल अवीव में इजराइली डिफेंस फोर्सेस (IDF) के चीफ जनरल हेर्जी हालेवी ने टॉप कमांडर्स के साथ लंबी मीटिंग की। फैसला यह हुआ कि गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन तेज किए जाएंगे। जंग में अब तक 14 हजार 800 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। इनमें 6 हजार बच्चे शामिल हैं।
दूसरी तरफ, दुबई में चल रहे COP28 क्लाइमेट समिट के दौरान इजराइली राष्ट्रपति इसाक हेर्जोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। हमास ने UAE से अपील की थी कि वो इजराइल को क्लाइमेट समिट में शामिल न होने दे।