उत्तर प्रदेश सरकार का अनुपूरक बजट बुधवार को पेश किया जाएगा। बजट पेश करने के दौरान मुख्य विपक्षी दल के नेता सपा के विधायक काले कपड़े पहनकर विरोध दर्ज कराएंगे। चार दिनों तक चलने वाले विधानसभा सत्र के पहले दिन सपा के विधायक काले कपड़े पहन कर सदन पहुंचे थे।
पहले दिन 53 मिनट की सदन की कार्यवाही के दौरान दिवंगत हुए सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान नेता सदन योगी आदित्यनाथ, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव, शिवपाल यादव समेत अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी मौजूद रहे। योगी सरकार की कैबिनेट बैठक मंगलवार को हुई। इस बैठक में अनुपूरक बजट को भी लेकर प्रस्ताव पारित किया गया।
बुधवार दोपहर प्रदेश सरकार दोनों सदनों में चालू वित्तीय वर्ष के लिए अनुपूरक बजट पेश करेगी। केवल चार दिनों के लिए बुलाए गए शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन अनुपूरक बजट पर चर्चा की शुरुआत होगी जबकि अंतिम दिन एक दिसंबर को इसे पारित किया जाएगा। शीतकालीन सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय छठा संशोधन अध्यादेश 2023, शीरा नियंत्रण अध्यादेश, उत्तर प्रदेश माल एवं सेवा कर अध्यादेश के साथ कुछ अन्य विधेयक पेश किए जाएंगे।
पहले शीतकालीन सत्र के पहले दिन मंगलवार को सदन पहुंचे अखिलेश यादव ने सत्र की अवधि कम दिनों के लिए रखे जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने मीडिया से कहा कि सरकार विपक्ष के सवालों से बच रही है और वह नहीं चाहती है कि जनता के मुद्दे उठाए जाएं। सपा प्रमुख ने जातीय जनगणना की मांग को भी दोहराया। सपा मुखिया ने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए आरक्षण जरूरी है।
वहीं मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरकार विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देगी। उन्होंने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। सदन के कामकाज पर संतोष जताते हुए उन्होंने कहा कि पहले मारपीट होती थी पर अब छह सालों से सदन गरिमापूर्ण तरीके से चल रहा है। उन्होंने सभी विधायकों से सदन को अच्छी तरह से चलाने में मदद की अपील की।
पहले दिन सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद अखिलेश यादव ने अस्पतालों में इलाज न मिलने का मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार का कहना है कि राजस्व सरप्लस है पर लोगों को दवा नहीं मिल रही है। अखिलेश ने कहा कि
आवारा जानवरों का उत्पात जारी है और किसानों की मौत हो रही है। अखिलेश ने कहा कि नए नियम कानून लाकर विरोध प्रदर्शन रोक दिया गया है। वहीं, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि विपक्ष के पास कुछ कहने को नहीं है और वो निराशा में डूबे हुए हैं।
विकास कार्यों की गति बरकरार रखने के लिए योगी सरकार इस बार सबसे बड़ा अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। यह 42 हजार करोड़ रुपए तक हो सकता है जो कि पिछले बजट 33,768 करोड़ रुपए की तुलना में करीब 8500 करोड़ रुपए ज्यादा होगा।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान अनुपूरक बजट में विकास योजनाओं पर खास प्रावधान हो सकता है। हाल में गठित तीन तीर्थ विकास परिषद और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) को धरातल पर लाने के लिए धन की व्यवस्था हो सकती है।
हालांकि पिछले अनुपूरक बजट में पूंजीगत व्यय के लिए लगभग 20 हजार करोड़ और राजस्व लेखा के लिए करीब 13756 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। इस बार इसमें 25 फीसदी तक वृद्धि हो सकती है।