इजराइल-हमास जंग का आज 50वां दिन है। इस बीच इजराइली डिफेंस मिनिस्टर योव गैलंट ने कहा- सीजफायर बेहद ही कम समय के लिए हुआ है। इसका ये मतलब नहीं है कि हम रुक जाएंगे।
उन्होंने तेल अवीव पहुंचे इटली के रक्षा मंत्री से कहा- हम 4 दिन बाद दोबारा पूरी ताकत से हमला करेंगे। हमले में पूरी सेना लगा देंगे। हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हमास का खात्मा नहीं हो जाता। इजराइल की वॉर कैबिनेट के मंत्री बेनी गैंट्ज ने भी यही बात दोहराई है।
24 नवंबर को 4 दिन के लिए युद्धविराम शुरू हुआ है। गाजा में 14 हजार से ज्यादा लोगों की मौत के बाद इजराइल ने हमले बंद कर दिए।
वहीं, देर रात हमास ने 25 बंधकों को छोड़ा। इनमें 2 साल की एक बच्ची और 85 साल की बुजुर्ग महिला शामिल हैं। ये सब इजराइल पहुंच गए हैं। बदले में इजराइल भी 39 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया। अलजजीरा के मुताबिक, इनमें 24 महिलाएं और 15 नाबालिग लड़के हैं।
जंग के 49 दिन बाद हमास ने बंधक बनाए गए थाईलैंड के 12 नागरिकों को छोड़ दिया है। थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन ने X पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा- हमास ने हमारे 12 नागरिकों को छोड़ दिया है। एंबेसी के अधिकारी उन्हें लेने जा रहे हैं। थाईलैंड सरकार के मुताबिक उसके 26 नागरिकों को हमास ने बंधक बनाया था।
वहीं, हमास ने 13 इजराइली बंधकों को भी छोड़ा। जिसके बाद अब तक छोड़े गए बंधकों की कुल संख्या 25 हुई। सभी बंधकों मिस्र के राफा बॉर्डर से इजराइल के हत्जेरिम एयरबेस लाया गया। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक 4 दिन के सीजफायर के दौरान 150 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले कुल 50 बंधकों को छोड़ने पर सहमति बनी है। इजराइल ने बंधकों को वापस लाए जाने वाले इस ऑपरेशन को ‘हैवन्स डोर’ नाम दिया है।
हमास की कैद में 250 बंधक हैं। इनमें से कई इजराइली नागरिक हैं। 20 से ज्यादा अमेरिकी नागरिक लापता हैं। एक अमेरिकी सांसद ने कहा कि 10 अमेरिकी नागरिक हमास की कैद में हैं। थाईलैंड के 26 और जर्मनी के 8 नागरिक कैद में हैं। अर्जेंटीना के 16 नागरिक भी कैद में हैं।
ब्रिटेन के 9 नागरिकों की मौत हो गई है। 7 लापता हैं। माना जा रहा है कि ये हमास की कैद में हैं। फ्रांस के नागरिक भी कैद में हैं, इनकी संख्या नहीं बताई गई है। नीदरलैंड की एक 18 साल की नागरिक भी कैद में है। पुर्तगाल के 4 नागरिक, चिली का एक, इटली का भी एक नागरिक हमास की कैद में है।
सीजफायर के बाद हमास के कहने पर नॉर्थ गाजा में लोगों की वापसी हो रही है। दरअसल, 7 अक्टूबर को शुरू हुई इजराइल-हमास जंग के बाद इजराइली सेना ने नॉर्थ गाजा में रह रहे लोगों से साउथ गाजा जाने के लिए कहा था, जिससे जंग में लोग मारे न जाएं और हमास का खात्मा जल्दी हो सके। हालांकि अब विस्थापित हुए लोग वापस अपने घर आने लगे हैं। इजराइली सेना एक बार फिर आसमान से पर्चे गिरा रही है और लोगों को वापस आने से रोक रही है।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी का कहना है कि जंग के बाद जो फिलिस्तीन होगा उसे डीमिलिटराइज (विसैन्यीकरण) किया जा सकता है। डीमिलिटराइज का मतलब है- ऐसा इलाका जहां फौज की मौजूदगी नहीं होती या वहां अमन की वजह से सेना की जरूरत नहीं होती उसे डिमिलिटराइज जोन या एरिया कहते हैं।
उन्होंने कहा- यहां फिलिस्तीन और इजराइल दोनों को गारंटी देने के लिए एक अस्थायी अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा हो सकती है। ये सुरक्षा NATO, यूनाइटिक नेशन्स, अरब देशों की फोर्स दे सकती हैं।
इजराइली सेना ने गाजा के सबसे बड़े अस्पताल के नीचे बनी सुरंग को तबाह कर दिया है। यहां बंधकों को रखा गया था। हमास के आतंकी बड़ी संख्या में इस सुरंग से ऑपरेट कर रहे थे। सेना को यहां से रॉकेट लॉन्चर और हथियारों का वेयर हाउस मिला था। सेना ने 23 नवंबर को गाजा के सबसे बड़े अल-शिफा अस्पताल के डायरेक्टर मोहम्मद अबु सालमिया को गिरफ्तार किया था।
सीजफायर के पहले दिन 150 ट्रक जरूरत का सामान लेकर गाजा पहुंते। इनमें फ्यूल ट्रक भी शामिल थे। जंग के पहले गाजा में 500 ट्रक पहुंचते थे। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, चारों दिन इजराइली सेना और हमास की तरफ से हमले नहीं किए जाएंगे। हर दिन फ्यूल से भरे 4 ट्रक और जरूरत का सामान लेकर 100 से ज्यादा ट्रक गाजा में एंट्री लेंगे।