लखनऊ में तैनात एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के बेटे नामिश की मौत स्केटिंग ट्रेनिंग के दौरान सड़क हादसे में हो गई। एक्सीडेंट स्पॉट वहीं था, जहां कभी ASP स्टंटबाजों के खिलाफ अभियान चलाया करती थीं। अंदाजा भी नहीं होगा कि जिन स्टंटबाजों के खिलाफ अभियान चलाकर वो लोगों को सुरक्षित कर रही थीं।
एक दिन वही रफ्तार उन्हें जिंदगी भर का दुख देगी। जी-20 रोड पर नामिश की कार हादसे में मौत के बाद पुलिस ने CCTV की मदद से कार ड्राइवर को खोज निकाला। ये रविन्द्र सिंह उर्फ पप्पू सपा के पूर्व जिला पंचायत सदस्य का बेटा और उसका दोस्त निकला। पुलिस ने दोनों के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया। दोनों अरेस्ट किया गया है। दोनों ने पुलिस को दिए बयान में एक्सयूवी-700 के स्पीड ट्रायल के दौरान हादसे की बात कबूली है।
इंदिरानगर में रहने वाले देव श्री ने बताया कि कानपुर से आए चाचा की एक्सयूवी 700 गाड़ी लेकर सार्थक सिंह के साथ मंगलवार तड़के अपने घर से निकले थे। जनेश्वर मिश्र पार्क जी-20 रोड पहुंचे। यहां पहले देव श्री ने करीब 100 से 120 की रफ्तार से गाड़ी चलाई। तय हुआ था 100 से ऊपर जितनी स्पीड से जो गाड़ी चलाएगा, वह विजेता होगा।
इसके बाद सार्थक ने शर्त के हिसाब से उससे ऊपर चलाने की कोशिश की। सार्थक गाड़ी को 100 की स्पीड से ऊपर दौड़ा रहा था। उसी वक्त बच्चा सामने आ गया। इतनी स्पीड पर बच्चा को बचाना संभव नहीं था। सार्थक ने बताया कि टक्कर इतनी जोर से लगी थी कि हमें पता था कि वो बच्चा बच नहीं पाएगा। इसलिए हम स्पॉट से भाग निकले थे। उन्होंने कहा कि हमें हादसे का अफसोस है, लेकिन हमने जानबूझकर किसी को नहीं मारा है।
डीसीपी ईस्ट आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि घटना के बाद पांच पुलिस टीम गठित की गई थीं। इन टीमों ने जेनेश्वर पार्क, गोमतीनगर, गोमतीनगर विस्तार, पॉलीटेक्निक चौराहा, कमता चौराहा, समतामूलक समेत कई चौराहों तक लगे 40 CCTV की फुटेज का खंगाला।
इस दौरान जनेश्वर मिश्र पार्क गेट नंबर-6 पर एक मैगी प्वाइंट पर लगे एक कैमरे में संदिग्ध कार दौड़ती नजर आई। उसी कार का पीछा करते हुए पुलिस को गाड़ी का सही नंबर मिल गया। जिसके बाद आरोपियों तक पुलिस पहुंच गई।
कार ड्राइवर इंदिरानगर में रहने वाले सार्थक सिंह एमिटी यूनिवर्सिटी में एलएलबी का छात्र है। वहीं देव श्री वर्मा रामस्वरूप में बीटेक तृतीय वर्ष का छात्र है। हालांकि घटना स्थल जी-20 मार्ग पर एक भी कैमरा नहीं लगा था। जिसकी जानकारी के चलते ही आरोपी कार चालक रुकने की जगह भाग निकले। बताया जा रहा है कि भागते वक्त इनकी कार से एक मां-बेटी भी टकराते हुए बाल-बाल बचे थे।
नामिश के पिता अभिनय नोएडा में एक निजी बैंक में अधिकारी पद पर तैनात है। हादसे के बाद उनका रो-रोकर बुरा हाल था। परिजनों ने बताया कि नामिश पढऩे में बहुत होशियार था। स्केटिंग उसका पसंदीदा स्पोर्ट था। उसका स्केटिंग कोर्ट में एडमिशन कराया गया। नामिश टीम अवध में शामिल होकर स्केटिंग करता था। जिसे कोच दिव्यांश अरोड़ा और गौरव प्रैक्टिस करवाते थे। मंगलवार को दिव्यांश छुट्टी पर थे, इसलिए गौरव ने प्रैक्टिस करा रहा था। जब हादसा हुआ।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, नामिश के पेट और सिर पर गंभीर चोट आई थी। हालांकि शॉक एंड हैमरेज से उसकी मौत हुई। पोस्टमॉर्टम के बाद बॉडी को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। बता दें कि इस हादसे के बाद यूपी पुलिस के डीजीपी, स्पेशल डीजी समेत यूपी कैडर के तमाम अधिकारी एसीपी के घर शोक जाहिर करने पहुंचे थे।