राजकुमार हिरानी आज 61 साल के हो गए हैं, अब तक 5 फिल्में डायरेक्ट की हैं और सभी हिट रही

बॉलीवुड फिल्ममेकर राजकुमार हिरानी आज 61 साल के हो गए हैं। हिरानी उन चुनिंदा डायरेक्टर्स में से एक हैं जिनके खाते में सिर्फ हिट फिल्में ही रही हैं। मुन्नाभाई MBBS, संजू, पीके, 3 इडियट्स जैसी फिल्में इन्हीं के डायरेक्शन में बनी हैं। ये बॉलीवुड के सबसे अमीर डायरेक्टर्स में से एक भी हैं। हिरानी की कुल नेटवर्थ करीब 1400 करोड़ रुपए है।
उन्होंने अब तक 5 फिल्में डायरेक्ट की हैं और सभी हिट रही हैं। बतौर डायरेक्टर उनकी छठी फिल्म ‘डंकी’ है जो 21 दिसंबर, 2023 को रिलीज होगी। फिल्म में शाहरुख खान नजर आएंगे जिनकी इसी साल दो फिल्में ब्लॉकबस्टर साबित हुई हैं।
ऐसे में हिरानी का ट्रैक रिकॉर्ड और शाहरुख की मौजूदा सक्सेस को देखते हुए डंकी के भी सुपरहिट होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। डंकी से पहले शाहरुख राजकुमार हिरानी की दो फिल्में ठुकरा चुके थे लेकिन जब डाउनफॉल आया तो खुद हिरानी से काम मांगा और फिर ‘डंकी’ बनी।
राजकुमार हिरानी का जन्म 20 नवंबर, 1962 को नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता सुरेश हिरानी नागपुर में एक टाइपिंग इंस्टीट्यूट चलाते थे। राजकुमार हिरानी ने नागपुर में ही स्कूलिंग और फिर कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन के बाद राजकुमार के अंकल ने उन्हें चार्टेड अकाउंटेंट बनाने की ठानी। सीए बनने के विचार से डरे राजकुमार अपने पिता के पास गए। पिता ने कहा ‘मत करो, जो चाहते हो वो ही करो’।
राजकुमार ने तब उनसे कहा कि वो फिल्मों में काम करना चाहते हैं, लेकिन पता नहीं कैसे शुरू करें। पिता का जवाब था – पहले फिल्मों के बारे में सीखो, खुद को तैयार करो, फिर एंट्री लो। राजकुमार हिरानी ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट में डायरेक्शन के कोर्स के लिए अप्लाय किया लेकिन नाकामी हासिल हुई।
इस नाकामी ने उन्हें कानून पढ़ने की तरफ मोड़ दिया। यह जिंदगी का वो दौर था जब उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा था, वो दिशाहीन थे और सोच रहे थे कि जिंदगी के साथ वो क्या कर रहे हैं। अच्छी बात यह थी कि उन्होंने थिएटर नहीं छोड़ा। कुछ और वक्त बीता, किसी ने उन्हें बताया कि फिल्म इंस्टीट्यूट में डायरेक्शन के कोर्स में एडमिशन मुश्किल है, एडिटिंग के कोर्स में एडमिशन हो सकता है। इस बार पूरी तैयारी से एग्जाम दिया और दाखिला पा लिया।
राजकुमार मानते हैं कि फिल्म इंस्टीट्यूट के तीन सालों में उन्होंने नए नजरिए से सोचना सीखा। चीजों को वो अलग ढंग से देखने लगे थे और सिनेमा तो सीख ही रहे थे। इन तीन सालों में उन्होंने सिर्फ और सिर्फ फिल्मों की बात की, फिल्में देखीं और फिल्मों के बारे में पढ़ा।
कोर्स के दौरान रुसी नाटककार एंटोन चेखोव की कहानी पर उन्होंने पांच मिनट की एक शॉर्ट फिल्म बनाई जो कुछ प्रोफेसर्स और स्टूडेंट्स को दिखाई गई। हॉस्टल लौटते वक्त जब रास्ते में उन्होंने अपनी फिल्म की तारीफ सुनी तो वो पल उन्हें आज भी नहीं भूलता है।
राजकुमार ने उस लम्हे को याद करते हुए एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मैं बेहद खुश था, उस अहसास को बयां नहीं कर सकता। इसी क्षण ने मुझे हमेशा के लिए बदल दिया। इसी वक्त मुझे अहसास हुआ कि मैं अपने पैशन के पीछे जाऊंगा, पैसे के पीछे नहीं। मैं अब सिर्फ इसलिए काम करना चाहता था कि मुझे इससे खुशी हासिल होगी’। इससे पहले उनकी सोच थी कि करियर इसलिए बनाना है ताकि पैसा और नाम कमाया जा सके।
उन्हें इस बात का अफसोस जरूर रहा कि स्टोरी टेलिंग और स्क्रिप्ट राइटिंग वो फिल्म इंस्टीट्यूट में नहीं सीख पाए। ये उन्होंने FTII से निकलकर एड फिल्म बनाने के दौरान सीखा।
पढ़ाई पूरी कर 1990 के आसपास मुंबई पहुंचे राजकुमार हिरानी को काम ढूंढने में खासी दिक्कत हुई। चार-पांच महीने में एक बार काम मिलता था जो हजार-पंद्रह सौ रुपए दे जाता था। संपर्क बढ़ाने की नीयत से उन्होंने 1200 रुपए महीने की पगार पर एक स्टूडियो में एडिटर की नौकरी की।
इसके पांच महीने बाद ही वो आत्मविश्वास के साथ फ्रीलांसिंग करने लगे। वो अच्छे एडिटर थे और अब डायरेक्शन की समझ भी उनके काम को निखार रही थी। इमोशनल और कॉमेडी सीन अच्छे से फिल्माना उन्हें आ गया था। उनकी बनाई एक मजेदार कॉर्पोरेट फिल्म ‘दिलवाले अन्नपूर्णा ले जाएंगे’ ने उन्हें खासी पहचान दी।
उन्हें एक बार विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म ‘1942 ए लव स्टोरी’ के प्रोमोज एडिट करने का मौका मिला। ‘मिशन कश्मीर’ की एडिटिंग के दौरान जब चोपड़ा का एडिटर बीमार हो गया तो उन्होंने राजकुमार हिरानी को याद किया। यह काम शुरू करते वक्त राजकुमार हिरानी को लगा था कि यह काम कुछ वक्त का है, पूरा हो जाएगा और वो फिर अपनी जगह लौट आएंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
एडिटिंग के दौरान उन्हें खूब मजा आया और चोपड़ा भी लगातार कहते रहे कि उन्हें एक फिल्म बनाना चाहिए। पांच महीने काम चला और इसके बाद राजकुमार ने तय किया कि अब अगले छह महीने वो काम नहीं करेंगे। वो ये वक्त एक स्क्रिप्ट को देना चाहते थे जिसकी कहानी उनके अंदर दस साल से पक रही थी। नौ महीने में यह काम पूरा हुआ।
विधु विनोद चोपड़ा को यह पसंद आई और वो इसके निर्माता बनने को तैयार हुए। इस तरह लगभग दो साल बाद ‘मुन्नाभाई MBBS’ बननी शुरू हुई। 2003 में जब फिल्म रिलीज हुई तो इसे खूब पसंद किया गया। मुन्नाभाई बने संजय दत्त की जादू की झप्पी ने हिरानी के लिए अवॉर्ड्स की झड़ी लगा दी।
‘मुन्नाभाई MBBS’ हिट रही तो इसका सीक्वल आया ‘लगे रहो मुन्नाभाई’। यह सीरीज इतनी हिट रही कि आज भी इसकी तीसरी कड़ी का इंतजार किया जा रहा है। ‘थ्री इडियट्स’ और ‘पीके’ की सफलता ने राजकुमार हिरानी को अलग मुकाम दिया। फिर ‘संजू’ हिट हुई।
राजकुमार हिरानी की बनाई फिल्मों की खास बात ये है कि खुशमिजाज फिल्में ही बनाते हैं। इस बारे में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘वही फिल्में बनाता हूं जो मैं देखना पसंद करता हूं। कहानियां सिंपल ही निकलती हैं मेरे दिल से। ‘3 इडियट्स’ भी यूनिक कहानी नहीं थी। तीन दोस्तों और कॉलेज की बात थी। ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ यूनिक थी जिसमें एक ऐतिहासिक (गांधी) और एक काल्पनिक किरदार (मुन्ना) था। हॉलीवुड में भी ऐसी फिल्म नहीं बनी। वैसी ही कहानी ‘पीके’ है। ऐसा किरदार और जिंदगी अब तक कहीं नहीं देखी।’2018 में आई संजू राजकुमार हिरानी की सबसे सफल फिल्मों में गिनी जाती है। इस फिल्म में रणबीर कपूर ने संजय दत्त का किरदार निभाया था। रणबीर ने एक इंटरव्यू में हिरानी के साथ काम करने का दिलचस्प किस्सा शेयर किया था।
रणबीर ने बताया था कि 2006 में जब राजकुमार हिरानी की दूसरी फिल्म लगे रहो मुन्नाभाई रिलीज हुई थी तो ऋषि कपूर को ये फिल्म इतनी पसंद आई थी कि एक बार जब उनकी मुलाकात हिरानी की मां से हुई तो उन्होंने उनके पैर पकड़ लिए और कहा, आपका बेटा जीनियस है, मुझे उम्मीद है कि कभी न कभी वो मेरे बेटे के साथ जरुर काम करेंगे।
ये मौका आया 2014 में जब रणबीर हिरानी की फिल्म पीके में कैमियो करते नजर आए। इसके बाद हिरानी ने उन्हें फिल्म संजू में कास्ट किया। फिल्म में रणबीर की एक्टिंग की जमकर तारीफ हुई। फिल्म ने तकरीबन 500 करोड़ का कलेक्शन किया था।
एक इंटरव्यू में आमिर खान ने खुद बताया था कि राजकुमार हिरानी फिल्म संजू में उन्हें सुनील दत्त वाला रोल ऑफर करने आए थे लेकिन उन्होंने इसे करने से इंकार कर दिया था। दरअसल, आमिर ने फिल्म की स्क्रिप्ट सुनी जिसमें उन्हें संजय दत्त वाला रोल पसंद आया था। आमिर संजय का रोल निभाना चाहते थे लेकिन हिरानी रणबीर को कास्ट कर चुके थे। तब आमिर ने कहा कि वो फिल्म में कोई और रोल नहीं कर पाएंगे और ऐसे में सुनील दत्त का किरदार फिर परेश रावल ने निभाया था।
राजकुमार हिरानी की अगली फिल्म डंकी में शाहरुख खान नजर आएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीरो के बाद जब शाहरुख का करियर डाउनफॉल पर था तो वो हिरानी से खुद काम मांगने गए थे। इसके बाद हिरानी ने उन्हें डंकी में लिया।
वैसे, हिरानी जब मुन्नाभाई MBBS बना रहे थे तो सबसे पहले उन्होंने लीड रोल शाहरुख को ही ऑफर किया था लेकिन तब उन्होंने इसे ठुकरा दिया था। इसके बाद हिरानी ने उनका एक साल तक इंतजार किया लेकिन शाहरुख नहीं माने तो ये रोल संजय दत्त को दिया और फिल्म जबरदस्त हिट साबित हुई।
इसके बाद हिरानी ने एक बार फिर फिल्म थ्री इडियट्स में लीड रोल के लिए शाहरुख को अप्रोच किया लेकिन तब भी बात नहीं बनी। शाहरुख ने एक बार फिर उनकी फिल्म ठुकरा दी थी जिसके बाद ये रोल आमिर के पास गया और फिल्म ब्लॉकबस्टर रही।
राजकुमार हिरानी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे अमीर डायरेक्टर्स में दूसरे नंबर पर हैं। करण जौहर 1500 करोड़ की नेटवर्थ के साथ पहले नंबर पर हैं जबकि हिरानी की नेटवर्थ तकरीबन 1416 करोड़ रुपए है। वो एक फिल्म डायरेक्ट करने की तकरीबन 15 करोड़ की फीस चार्ज करते हैं।
हिरानी के पास मुंबई के नवी मुंबई इलाके में एक घर है जिसकी कीमत 15 करोड़ है। इसके अलावा भी उन्होंने कई अन्य शहरों में रियल एस्टेट में इंवेस्टमेंट किए हुए हैं। उनके पास ऑडी, BMW, मर्सिडीज बेंज, जगुआर जैसी लग्जरी कारें भी हैं।
पर्सनल लाइफ की बात करें तो 1994 में राजकुमार हिरानी ने मंजीत से शादी की थी जो कि एयर इंडिया में पायलट रह चुकी हैं। दोनों का एक बेटा है जिसका नाम वीर हिरानी है। वीर भी फिल्ममेकिंग सीख रहे हैं।