टीम इंडिया ने वनडे वर्ल्ड कप 2023 में लीग स्टेज के अपने सभी 9 मैच जीते। रविवार को दीपावली के शुभ अवसर पर टीम ने नीदरलैंड को हराकर लीग स्टेज खत्म किया। भारत ने पहले मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हराने के बाद आखिरी मुकाबले में नीदरलैंड को 160 रन से हराया।
9 मुकाबलों में भारत के 6 अलग-अलग खिलाड़ी प्लेयर ऑफ द मैच रहे, यानी टीम के एकतरफा दबदबे में किसी एक प्लेयर नहीं बल्की पूरी टीम का साथ रहा। भारत अब 15 नवंबर को न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भिड़ेगा। मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दोपहर 2:00 बजे से खेला जाएगा। यही दोनों टीमें 2019 के सेमीफाइनल में भी भिड़ी थीं, तब न्यूजीलैंड ने 18 रन से मैच जीतकर भारत को फाइनल से बाहर किया था।1975 से खेले जा रहे वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने हर बार हिस्सा लिया है। लेकिन 48 साल पुराने टूर्नामेंट में भारत ने पहली बार एक संस्करण में लगातार 9 मैच जीते। इससे पहले 2003 में भारत ने लगातार 8 मैचों में जीत दर्ज की थी, तब टीम को ग्रुप स्टेज और फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने हराया था।
2003 में टीम इंडिया ने कुल 9 मैच जीते थे, जो एक संस्करण में भारत की ओर से सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड था। भारत ने अपनी ही मेजबानी में खेले जा रहे वर्ल्ड कप में इस रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली। टीम ने 1983 और 2011 में 2 बार वर्ल्ड कप भी जीता है, दोनों बार भारत को 6 और 7 मैचों में ही जीत मिली थी।
8 नवंबर को चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने वर्ल्ड कप अभियान की शुरुआत की। पहले गेंदबाजी करते हुए टीम ने कंगारुओं को 199 रन पर ही ऑलआउट कर दिया। रवींद्र जडेजा ने 3, वहीं जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव ने 2-2 विकेट लिए।
200 रन के टारगेट के सामने भारत ने 2 ही रन पर 3 विकेट गंवा दिए। रोहित शर्मा, ईशान किशन और श्रेयस अय्यर खाता भी नहीं खोल सके। यहां विराट कोहली ने विकेटकीपर केएल राहुल के साथ 165 रन की पार्टनरशिप की और टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया। कोहली ने 85 और राहुल ने 97 रन बनाकर टीम को 42वें ओवर में 6 विकेट से जीत दिला दी।
11 नवंबर को दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में भारत का सामना अफगानिस्तान से हुआ। अफगानिस्तान ने पहले बैटिंग करते हुए 8 विकेट पर 272 रन बना दिए। हशमतुल्लाह शहीदी ने 80 और अजमतुल्लाह ओमरजई ने 62 रन बनाए। भारत से जसप्रीत बुमराह ने 4 विकेट लिए, जबकि हार्दिक पंड्या को 2 विकेट मिले।
273 रन के टारगेट के सामने कप्तान रोहित शर्मा और ईशान किशन ने भारत को तेज शुरुआत दिलाई। दोनों ने 11 ही ओवर में सेंचुरी पार्टनरशिप कर दी। ईशान 47 रन बनाकर आउट हुए, लेकिन रोहित ने 131 रन की पारी खेल टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया। आखिर में कोहली ने 55 और श्रेयस ने 25 रन बनाकर टीम को 8 विकेट से जीत दिला दी।14 अक्टूबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत का सामना चीर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से हुआ। पाकिस्तान ने पहले बैटिंग की और 2 ही विकेट पर 155 रन बना लिए। कप्तान बाबर आजम फिफ्टी बनाने के साथ विकेटकीपर मोहम्मद रिजवान के साथ 82 रन की पार्टनरशिप बना चुके थे। यहां मोहम्मद सिराज ने बाबर को बोल्ड किया और पाकिस्तान को बैकफुट पर धकेल दिया। टीम यहां से 36 ही रन बना सकी और अपने बाकी विकेट गंवा दिए। जसप्रीत बुमराह ने महज 19 रन देकर 2 विकेट लिए।
192 रन के टारगेट का पीछा करते हुए भारत ने तीसरे ही ओवर में शुभमन गिल का विकेट गंवा दिया। कप्तान रोहित लगातार दूसरे मुकाबले में एक एंड पर डट गए, उन्होंने कोहली के साथ फिफ्टी पार्टनरशिप की। कोहली 16 ही रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन रोहित यहां भी नहीं रुके। उन्होंने 86 रन बनाए और टीम का स्कोर 156 तक पहुंचा दिया। आखिर में श्रेयस ने 53 और राहुल ने 19 रन बनाकर भारत को आसान जीत दिला दी।19 नवंबर को पुणे के MCA स्टेडियम में भारत का सामना बांग्लादेश से हुआ। बांग्लादेश ने पहले बैटिंग की और उनके दोनों ही ओपनर्स ने फिफ्टी लगाकर टीम को मजबूत शुरुआत दिला दी। शुरुआती ओवरों के बाद कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा ने मिलकर 3 विकेट लिए और भारत की वापसी कराई। इसी मुकाबले में हार्दिक पंड्या भी बॉलिंग के दौरान इंजर्ड हो गए, जो टूर्नामेंट में फिर वापसी ही नहीं कर सके। गेंदबाजों ने डेथ ओवर्स में अच्छी गेंदबाज की और बांग्लादेश को 256 रन पर ही बनाने दिए।
257 रन के टारगेट में टीम इंडिया से रोहित और शुभमन ने 88 रन की पार्टनरशिप कर अच्छी शुरुआत दिलाई। रोहित 48 और शुभमन 53 रन बनाकर आउट हो गए। उनके बाद श्रेयस भी 19 ही रन बना सके। यहां विराट कोहली ने एक एंड संभाले रखा, उन्होंने राहुल के साथ आखिर तक बैटिंग की। कोहली ने 103 रन की पारी खेली और टीम को 7 विकेट से जीत दिला दी। कोहली ने 2015 में अपनी आखिरी वर्ल्ड कप सेंचुरी पाकिस्तान के खिलाफ लगाई थी, उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ शतक लगाकर टूर्नामेंट में 8 साल बाद अपनी शतकों के सूखे को खत्म किया।
2019 में सेमीफाइनल हराने वाली न्यूजीलैंड से टीम इंडिया का सामना 22 अक्टूबर को धर्मशाला के HPCA स्टेडियम में हुआ। न्यूजीलैंड ने पहले बैटिंग की और 273 रन बना दिए। टीम से डेरिल मिचेल ने 130 रन की पारी खेल दी, रचिन रवींद्र ने भी 75 रन बनाए। यहां टूर्नामेंट में अपना पहला मैच खेल रहे तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने दोनों को आउट किया और पारी में 5 विकेट भी लिए।
274 रन के टारगेट के सामने ओपनर्स ने एक बार फिर अच्छी शुरुआत दिलाई और 71 रन की पार्टनरशिप कर डाली। रोहित 46 और शुभमन 26 रन बनाकर आउट हुए। इनके विकेट के बाद कोहली एक बार फिर रन चेज में टिक गए। उन्होंने एक एंड थामे रखा, जबकि उनके सामने श्रेयस 33, राहुल 27 और सूर्यकुमार यादव 2 रन बनाकर आउट हो गए। कोहली फिर भी टिके रहे, उन्होंने जडेजा के साथ फिफ्टी पार्टनरशिप की। कोहली 95 रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया। भारत ने 48वें ओवर में 4 विकेट से मुकाबला जीता और टूर्नामेंट में अपना दबदबा कायम रखा।
29 अक्टूबर को लखनऊ के इकाना स्टेडियम में भारत का सामना 2019 की चैंपियन इंग्लैंड से हुआ। पहले बैटिंग करते हुए टीम इंडिया 9 विकेट पर 229 रन ही बना सकी। यहां कप्तान रोहित ने मुश्किल पिच पर 87 रन की अहम पारी खेली। उनके अलावा सूर्यकुमार ने 49 और राहुल ने 39 रन बनाए।
230 रन का टारगेट डिफेंड करने उतरी टीम इंडिया को गेंदबाजों ने बेहतरीन शुरुआत दिलाई। 10 ही ओवर के अंदर इंग्लैंड के 4 बैटर्स पवेलियन पहुंच गए और टीम 39 रन ही बना सकी। शमी ने 4 और बुमराह ने 3 विकेट लिए। कुलदीप को 2 और जडेजा को एक सफलता मिली। गेंदबाजों के दम भारत ने इंग्लैंड को 129 रन पर ही समेट दिया और 100 रन से मुकाबला जीत लिया।
2 नवंबर को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में टीम इंडिया का सामना एशिया कप की रनर-अप श्रीलंका से हुआ। भारत को फिर पहले बैटिंग मिली और कप्तान रोहित महज 4 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन शुभमन ने 92 और कोहली ने 88 रन बनाकर भारत को 200 के करीब पहुंचा दिया। आखिर में श्रेयस ने 82 रन बनाए और टीम ने 8 विकेट पर 357 रन बना दिए।
भारतीय तेज गेंदबाजों ने इस बार तो आतंक ही ढा दिया और श्रीलंका के 6 बैटर्स को 14 रन के अंदर पवेलियन भेज दिया। बुमराह ने पारी की पहली ही गेंद पर पथुम निसांका को LBW किया। यहां से मोहम्मद सिराज ने 3 और मोहम्मद शमी ने 5 विकेट लिए और श्रीलंका को महज 55 रन पर ही समेट दिया। जडेजा को एक सफलता मिली और भारत ने 302 रन के अंतर से मैच जीत लिया।
5 नवंबर को कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में भारत का सामना टेबल टॉपर साउथ अफ्रीका से हुआ। टीम इंडिया ने लगातार चौथे मैच में पहले बैटिंग की। यहां रोहित और गिल ने तेज शुरुआत दिलाई और 10 ही ओवर में टीम का स्कोर 91 रन तक पहुंचा दिया। रोहित ने 40 और शुभमन ने 23 रन बनाए। शाम होते-होते पिच पर स्पिन देखने को मिली। यहां कोहली और श्रेयस ने संभलकर बैटिंग की, दोनों ने 134 रन की पार्टनरशिप की।
श्रेयस 77 रन बनाकर आउट हुए, लेकिन कोहली टिके रहे, उन्होंने 101 रन की नॉटआउट पारी खेली और टीम का स्कोर 326 रन तक पहुंचा दिया। 5 नवंबर को कोहली ने अपना 35वां बर्थडे मनाया और 49वां वनडे शतक लगाकर सचिन तेंदुलकर के 49 शतकों की बराबरी भी की।
327 रन के टारगेट को डिफेंड करते हुए तेज गेंदबाजों ने एक बार फिर बेहतरीन शुरुआत दिलाई। 10 ओवर के अंदर 3 अफ्रीकी बैटर्स पवेलियन लौट गए और टीम 35 रन ही बना सकी। इस बार स्पिनर्स ने अपना जलवा बिखेरा, रवींद्र जडेजा को 5 और कुलदीप यादव को 2 विकेट मिले। शमी के हिस्से 2 और सिराज के हिस्से एक सफलता आई, जबकि बुमराह ने 5 ओवर में महज 14 रन दिए। साउथ अफ्रीका महज 83 रन बना सका और भारत ने 243 रन के बड़े अंतर से मैच जीत लिया।12 नवंबर को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मेजबान भारत का सामना नीदरलैंड से हुआ। कप्तान रोहित ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनी और टीम के आक्रामक अंदाज को लीड भी किया। रोहित ने 61 और शुभमन 51 रन बनाए, दोनों ने महज 11.5 ओवर में 100 रन की पार्टनरशिप भी कर दी। इनके बाद कोहली ने भी 51 रन बना दिए।
नंबर-4 पर उतरे श्रेयस ने 128 रन की नॉटआउट पारी खेली, उन्होंने राहुल के साथ 208 रन की पार्टनरशिप भी की। राहुल ने 102 रन बनाए और भारत ने 4 विकेट पर 410 रन का स्कोर खड़ा कर दिया। वर्ल्ड कप में पहली बार किसी टीम के टॉप-5 प्लेयर्स ने 50 से ज्यादा रन बनाए।
411 रन के बड़े टारगेट के सामने डच प्लेयर्स ने फाइट की, टीम के 4 प्लेयर्स ने 30 से ज्यादा रन के स्कोर बनाए। टीम ने 47.5 ओवर तक बैटिंग की लेकिन 411 रन का स्कोर उनके लिए कुछ ज्यादा ही बड़ा हो गया। डच टीम 250 रन बनाकर ऑलआउट हुई और 160 रन से मुकाबला गंवा दिया। भारत से बुमराह, सिराज, कुलदीप और जडेजा को 2-2 विकेट मिले। जबकि कोहली और रोहित को भी एक-एक सफलता मिली। इस मैच से भारत ने 9 गेंदबाज आजमाए, मोहम्मद शमी के अलावा सूर्यकुमार और शुभमन को भी बॉलिंग मिली।
विराट कोहली टूर्नामेंट में भारत के बैटिंग अटैक के लीडर रहे, उन्होंने 9 मैचों में 5 फिफ्टी और 2 सेंचुरी के सहारे 594 रन बनाए। वह टूर्नामेंट के टॉप रन स्कोरर हैं, उनके अलावा कप्तान रोहित के नाम भी 500 से ज्यादा रन हैं। दोनों अनुभवी खिलाड़ियों के अलावा शुभमन, श्रेयस और राहुल के नाम भी टूर्नामेंट में 250 से ज्यादा रन हैं।
जसप्रीत बुमराह एक बार फिर ICC टूर्नामेंट में भारत के बॉलिंग अटैक के लीडर रहे। उन्होंने 9 मैचों में टीम के लिए सबसे ज्यादा 17 विकेट लिए हैं। उनके बाद लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा और तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने 16-16 विकेट झटके। इनके अलावा कुलदीप यादव ने 14 और मोहम्मद सिराज ने भी 12 विकेट लिए हैं।