गाजा में इजराइल का जमीनी ऑपरेशन जारी है। इस बीच इजराइल ने 7 अक्टूबर को हमास के हमले में मरने वाले लोगों की संख्या घटा दी है। इजराइल के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि पहले 1400 लोगों के मारे जने की जानकारी थी, लेकिन ये संख्या 1200 है।
वहीं, इजराइली सेना ने गाजा में पहले तो गाजा के अल शिफा अस्पताल के पास स्ट्राइक की इसके बाद 3 अस्पतालों को चारों तरफ से घेर लिया है। मरीज और स्टाफ अस्पताल में बंद हैं, जबकि बाहर इजराइल और हमास लड़ाकों के बीच मुठभेड़ हो रही है।
अल शिफा अस्पताल के पास हुए धमाके में 13 लोगों की जान चली गई इजराइली सेना ने जिन 3 अस्पतालों को घेरा है। उनमें अल शिफा, अल कुद्स और इंडोनेशिया हॉस्पिटल शामिल हैं।
इजराइल की डिफेंस फोर्सेज ने दावा किया है कि इन अस्पतालों के नीचे हमास के कमांड सेंटर हैं। इजराइल ने कहा है कि अल शिफा अस्पताल के नीचे हमास इंटेलिजेंस का मेन क्वार्टर है। वो इसी पर बमबारी कर रहे हैं। वहीं हमास ने इजराइल पर बेगुनाह लोगों की जान लेने का आरोप लगाया है।
गाजा में इजराइली बमबारी से लगातार मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इस बीच अब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इजराइल से सीज फायर की अपील की है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मैक्रों के बयान पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि गाजा में हो रही मौतों का जिम्मेदार हम नहीं ISIS और हमास है। दुनिया को हमारी नहीं इनकी आलोचना करनी चाहिए।
गाजा शहर में शुक्रवार को हुई इजराइली बमबारी में हमास चीफ इस्माइल हानिये की पोती रोआ हानिये की मौत हो गई। इजराइली सेना ने इस जानकारी की पुष्टि नहीं की है।
दूसरी तरफ, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि गाजा में बहुत ज्यादा लोग मारे जा रहे हैं। उन्हें बचाने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे।
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा है कि वो जंग के बाद गाजा की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं। दरअसल, इजराइल के बनने के बाद फिलिस्तीनी अरबों की आबादी केवल 2 हिस्सों में रह गई। वेस्ट बैंक और गाजा।
वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी अथॉरिटी का कब्जा रहा है और गाजा में हमास ने शासन किया है। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा है कि वो गाजा पर कब्जा नहीं करेंगे। हालांकि, वो कहते हैं कि हम गाजा को बेहतर भविष्य देंगे।
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने हाल ही में इजराइल-हमास जंग पर एक कार्टून बनाया। इसमें हमास खुद को बचाने के लिए आम लोगों का इस्तेमाल करता दिखाई दे रहा था। इसे इजराइल की डिफेंस फोर्सेस ने भी शेयर किया।
इस कार्टून को ह्यूमैन शील्ड नाम दिया गया था। हालांकि आलोचना के बाद वॉशिंगटन पोस्ट ने इसे डिलीट कर दिया। वॉशिंगटन पोस्ट के ओपिनियन सेक्शन के हेड डेविट शिप्ले ने इसे लेकर माफी भी मांगी।
सिर्फ कार्टून ही नहीं जंग में एक नारे का अमेरिका में खूब जिक्र हो रहा है। ये नारा है- नदियों से लेकर समुद्र तक फिलिस्तीन आजाद है। अमेरिकी संसद में ये नारा लगाने पर सांसद राशिदा तलायब को सेंसर किया गया है।
दरअसल इस नारे की शुरूआत 1960 के दशक में हुई थी। नारे लगाने वाले लोगों का मानना था कि फिलिस्तीन का बॉर्डर 1948 से पहले जैसा होना चाहिए। यानी आज जहां इजराइल है, वहां फिलिस्तीनी हुकुमत होनी चाहिए। इस नारे में नदी का मतलब जॉर्डन रिवर से है। वहीं, समुद्र का मतलब भूमध्य सागर से है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी WHO ने एक अहम बयान जारी किया। कहा- जंग के बीच गाजा में सेहत संबंधी गंभीर खतरे पैदा हो रहे हैं। यहां गंभीर बीमारियां फैलने की आशंका है। जंग के बीच इस संगठन का यह पहला बयान है। WHO ने कहा- गाजा में करीब 23 लाख लोग रहते हैं। यहां बुनियादी सुविधाएं जंग की शुरुआत में ही खत्म हो गईं थीं। अगर हालात बहुत जल्द नहीं सुधरे तो यहां गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा है।
WHO के मुताबिक- डायरिया, चिकनपॉक्स और सांस लेने में दिक्कत होने जैसी बीमारियां बढ़ सकती हैं। यहां इस वक्त पीने लायक पानी तक नहीं है। दुनिया से जो राहत सामग्री भेजी जा रही है वो बेहद कम है। उससे कोई फायदा नहीं होगा।
WHO के मुताबिक- गाजा में डायरिया, चिकनपॉक्स और सांस लेने में दिक्कत होने जैसी बीमारियां बढ़ सकती हैं। यहां इस वक्त पीने लायक पानी तक नहीं है।
इजराइली सेना की तरफ से 8 नवंबर से उत्तरी गाजा के लोगों को दक्षिणी हिस्से में जाने के लिए 4 घंटे का वक्त दिया जा रहा है। यहां से अब तक एक हजार फिलिस्तीनियों ने गाजा छोड़ा है। इजराइली सेना ने एक बयान में कहा था- गाजा के लोगों के लिए यह कदम जरूरी था। हम आम लोगों की सुरक्षा चाहते हैं। इसलिए चार घंटे का वक्त दिया गया है। अब तक तीन बार ये काम किया जा चुका है।
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।