भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी का सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने 77 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। उनके निधन पर फिल्मी सितारों ने भी शोक संवेदना जाहिर की। शाहरुख खान ने कहा कि वे बिशन सिंह बेदी का खेल देखते हुए बड़े हुए हैं। उन्होंने जिंदगी और खेल के बारे में बहुत कुछ सिखाया है। अर्जुन रामपाल ने कहा कि बिशन सिंह बेदी क्रिकेट के सबके बड़े एंबेसडर में से एक थे। वे इस पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा हैं।
बिशन सिंह बेदी के बेटे अंगद बेदी एक जाने-माने एक्टर हैं। अंगद ने एक्ट्रेस नेहा धूपिया से शादी की है। बता दें कि बिशन सिंह बेदी ने अभिषेक बच्चन की फिल्म घूमर में एक छोटा सा कैमियो भी किया था। घूमर की कहानी क्रिकेटिंग बैकग्राउंड पर बेस्ड है।
शाहरुख ने लिखा- हम उन लोगों को देख कर बड़े होना चाहते हैं जिनके अंदर गजब का उत्साह और जज्बा होता है। बिशन सिंह बेदी उन लोगों में से एक थे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। हमें खेल और जीवन के बारे में इतना कुछ सिखाने के लिए सर का धन्यवाद। आपकी बहुत याद आएगी।
अर्जुन रामपाल- लीजेंड बिशन सिंह बेदी के दुनिया छोड़ने वाली खबर सुनकर दुखी हूं। वे हमारी जेनरेशन के लिए एक प्रेरणा थे। इसके अलावा क्रिकेट के सबसे बड़े एंबेसडर भी थे। उनकी फैमिली और सगे संबधियों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।
फिल्मफेकर कुणाल कोहली- जब हम बच्चे थे और स्पिन बॉलिंग करते थे, तो हमें बेदी के नाम से लोग पुकारने लगते थे। स्पिन और बिशन सिंह बेदी का नाम एक दूसरे का समानार्थी हो गया था।
‘बिशन सिंह बेदी के निधन की खबर दुखद है। क्रिकेट के लिए उनका जुनून और भारतीय क्रिकेट में उनका योगदान अहम हैं। बेदी आने वाली आने वाली पीढ़ियों को भी लगातार प्रेरित करते रहेंगे।’
भारत के लीजेंड्री लेफ्ट आर्म स्पिनर बेदी ने 1967 और 1979 के बीच भारत के लिए 67 टेस्ट खेले और 266 विकेट लिए। वहीं, 10 वनडे मैचों में सात विकेट भी हासिल किए। 70 के दशक में बेदी भारतीय टीम की फेमस स्पिन चौकड़ी का हिस्सा थे। इसमें इरापल्ली प्रसन्ना, बीएस चंद्रशेखर और एस वेंकटराघवन बेदी के साथ थे
बेदी सचिन तेंदुलकर को अपने बेटे की तरह मानते थे। बेदी की किताब ‘सरदार ऑफ स्पिन’ में तेंदुलकर ने लिखा कि बेदी 1990 के समय जब भारतीय टीम के कोच थे तब वह नेट्स पर सख्ती से पेश आते थे। नेट्स के बाहर वह मुझे अपने बेटे की तरह मानते हैं। ‘सरदार ऑफ स्पिन’ किताब बिशन सिंह की बेटी नेहा बेदी ने लिखी थी।