झारखंड के रांची में एक लड़की अपने ससुराल में बहुत परेशान रहती थी. उसके ससुराल वाले उसे बहुत तंग करते थे. रोज उसे ताना मिलता था. बेटी का रहना वहां मुश्किल हो गया था. जब पिता को भनक लगी कि उसे तंग किया जा रहा था उसने ससुराल वालों को सबक सिखाने की ठान ली. पिता, बेटी की ससुराल में बैंड-बाजा लेकर पहुंचा. धूम धड़ाके से पिता ने बेटी की विदाई कराई. इस नजारे को जो भी देखा देखता ही रह गया. नवरात्रि के दिनों में उन्होंने यह संदेश भी दिया कि बेटियां मान-सम्मान हैं. जहां इनका अपमान हो, वहां से उन्हें लेकर आएं और बेटी को बोझ न समझें. यह कहानी रांची के रहने वाले प्रेम गुप्ता की है. उन्होंने अपनी बेटी साक्षी गुप्ता की शादी बहुत धूम-धाम से की थी. ससुराल वाले साक्षी को कुछ दिनों बाद प्रताड़ित करने लगे. उसके साथ अभद्रता करने लगे. पिता को पता चला तो वह अपनी बेटी घर लेकर आ गया. साक्षी ने कहा कि वह बहुत खुशकिस्मत है कि उन्हें ऐसे पिता मिले हैं. अगर परिवार या जीवनसाथी गलत निकल जाए तो तो लाडली बेटी को सम्मान के साथ गर वापस लाना चाहिए. बेटियां अनमोल होती हैं. यह पहल, समाज के लोगों की सोच बदल देगी.
पति ने की थी दो शादी
साक्षी ने भरसक कोशिश की उसका रिश्ता न टूटा. वह हार गईं तो उन्होंने घर बताने का फैसला किया. साक्षी के पति ने दो शादियां की थीं. अब साक्षी ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दी है. उसे पिता आतिशबाजी करके, धूम धड़ाके से अपने घर वापस लेकर आए हैं.