पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां ने मोदी सरकार द्वारा रबी फसलों के लिए घोषित दामों को खारिज कर दिया है और कहा है कि किसानों को पहले भी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि कृषि लागत कई गुना बढ़ गई है और केंद्र ने इस लागत के हिसाब से गेहूं की फसल का दाम नहीं बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मंशा किसानों को मारने की है।
अवगत करा दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मुद्दों की कैबिनेट कमेटी ने बीते कल को 2024-25 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी। भारत सरकार ने गेहूं के दाम में 150 रुपए प्रति क्विंटल के इजाफे का ऐलान किया है, जो अब 2125 रुपए से बढ़कर 2275 रुपए हो जाएगी।
तो वहीं, किरती किसान यूनियन के दिग्गज नेता राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला ने कहा कि जब हम रबी फसल की लागत को देखते हैं, तो केंद्र द्वारा गेहूं की कीमत में घोषित वृद्धि नगण्य लगती है।
बता दें कि बीते वर्ष ये बढ़ोतरी 110 रुपए प्रति क्विंटल थी। 2022-23 में गेहूं की कीमत में 40 रुपए जबकि 2021-22 में 50 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई। इसी तरह 2020-21 में 85 रुपए प्रति क्विंटल और 2019-20 में 105 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई। मई 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018-19 में गेहूं की कीमत में 110 रुपए का इजाफा किया गया था।