जालौन: पति की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी कविता, साड़ी से फंदा लगाकर दी जान

जालौन जिले के कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला गणेशजी निवासी व्यापारी उमेशचंद्र चौरसिया (60) पुत्र रामबाबू चौरसिया लगभग दो माह से बीमार चल रहे थे। उनकी पत्नी कविता चौरसिया (55) प्राइवेट शिक्षिका हैं। गुरूवार की रात करीब 10 बजे खाना खा पीकर परिजन सो गए। रात में जब कविता पति को देखने के लिए उठीं तो रात में उनकी मौत हो चुकी थी। पति की मौत का सदमा कविता बर्दाश्त नहीं कर पाईं। कुछ ही घंटे बाद भोर में उन्होंने आंगन के पास टिन शैड में बने बरामदे के हुक में साड़ी का फंदा बनाकर गले में डाल लिया और उस पर लटक गई। फांसी लगने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सुबह करीब छह बजे जब बेटे अर्पित व सागर जागे तो माता पिता के शव को देखकर चीख पुकार मच गई। एक साथ दो मौतों की खबर नगर में फैल गई। मोहल्ले के लोगों ने इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी।

सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी अनिल कुमार राणा मौके पर पहुंच गए। घटना की गंभीरता को देखते हुए फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुला लिया गया। जहां टीम ने साक्ष्य एकत्रित किए। बता दें, उमेशचंद्र सात भाइयों में तीसरे नंबर के थे। उधर, पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि पुनीत मित्तल, पूर्व पालिकाध्यक्ष गिरीश गुप्ता समेत नगर के व्यापारी उमेशचंद्र के घर पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया।

सवांददाता: डॉक्टर बिनोद कुमार कुशवाहा