प्रदेश भर में कांग्रेस नौ अक्तूबर को बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि आयोजित करेगी

बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़ें सामने आने के बाद कांग्रेस दलित वोटबैंक को साधने में जुट गई है। इसके लिए कांशीराम की पुण्यतिथि पर नौ अक्तूबर से दलित गौरव संवाद कार्यक्रम शुरू करेगी। इसके जरिये दलितों के बीच जनजागरण करेगी, उनकी बातों को सुनने के साथ ही एक लाख दलित अधिकार पत्र भी भरवाएगी।
प्रदेश में 80 के दशक तक दलित वोटबैंक कांग्रेस के पाले में रहा। बसपा के उभार होते ही वह कांग्रेस से छिटक गया। नतीजतन कांग्रेस सत्ता से बेदखल हुई। उसके साथ जुड़ीं अन्य जातियां भी छिटक गईं। अब पार्टी नई रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि दलित वोटबैंक उसके साथ जुड़ा तो सियासी वैतरणी पार करना आसान हो जाएगा। यही वजह है कि वह भाजपा, सपा और बसपा से इतर नई रणनीति के साथ इस वोटबैंक को अपने पाले में करने की तैयारी में है।
कांग्रेस नौ अक्तूबर को बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर प्रदेश भर में समारोह आयोजित करेगी। इसमें कांशीराम को श्रद्धांजलि देने के साथ ही उनके संदेशों का प्रचार किया जाएगा। उसी दिन दलित गौरव संवाद कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा। यह संविधान दिवस यानी 26 नवंबर तक चलेगा। प्रयास होगा कि इस अभियान में डॉक्टरों, इंजीनियरों, शिक्षकों समेत अन्य प्रबुद्ध वर्ग के लोगों की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी हो। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कहते हैं कि जिस दिन दलित कांग्रेस के साथ पूरी तरह से आ गया, उसी दिन भाजपा केंद्र व राज्य की सत्ता से बाहर हो जाएगी। दलित गौरव संवाद के जरिये दलित वर्ग के लोगों को समझाया जाएगा कि कांग्रेस उनका पुराना घर है। उनकी सियासी हिस्सेदारी देने के लिए कांग्रेस हमेशा तैयार रही ह
दलित गौरव संवाद की थीम स्वाभिमान के वास्ते, संविधान के रास्ते रखी गई है। इसके तहत हर विधानसभा क्षेत्र में दलित बस्तियों के बीच 10 रात्रि चौपाल में 500 दलित अधिकार पत्र भराए जाएंगे और 250 लोगों के मोबाइल नंबर जुटाए जाएंगे। 18 मंडल मुख्यालयों पर दलित गौरव यात्रा निकाली जाएगी। हर लोकसभा क्षेत्र में दलित एजेंडे पर सामूहिक चर्चा, कोर ग्रुप का गठन, राज्यस्तरीय लीडरशिप कार्यक्रम के तहत 80 लोगों का चयन, वालंटियर ट्रेनिंग और दलित कंट्रोल रूम का गठन किया जाएगा। पूरे प्रदेश में दो लाख दलित अधिकार पत्र भरवाया जाएगा और फिर एक लाख लोगों से महासंवाद कार्यक्रम होगा।
कांग्रेस के प्रदेश संगठन सचिव अनिल यादव बताते हैं कि विभिन्न दलों के लोग निरंतर कांग्रेस में आ रहे हैं। जातीय जनगणना की मांग सबसे पहले कांग्रेस ने की। दलित गौरव संवाद कार्यक्रम के जरिये भरवाए जाने वाले पत्र में दलित समुदाय के बुद्धजीवियों से उनकी ख्वाहिशें जानेंगे। प्रदेश की सियासत में दलित समुदाय किस तरह का बदलाव चाहता है, यह भी जानने की कोशिश की जाएगी।
यूपी में करीब 22 फीसदी आबादी दलितों की हैं। इनमें करीब 12 फीसदी जाटव हैं। इसके अलावा चार फीसदी पासी, तीन फीसदी कोरी, 1.5 फीसदी धानुक व खटिक और 1.5 फीसदी अन्य हैं। प्रदेश की 80 लोकसभा क्षेत्र में 17 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में 15 सीटें भाजपा को मिली थीं।