तालिबान को समर्थन देकर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तख्तापलट कराया था, वही तालिबान अब पाकिस्तान के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान उनकी सीमा से सटे तालिबान के कुछ ठिकानों पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। दरअसल, पाकिस्तान बालाकोट जैसी एयरस्ट्राइक अफगानिस्तान में करना चाहता है।
उसने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के कुछ ऐसे आतंकी शिविरों की जानकारी हासिल की है जो उनकी सीमा से बेहद करीब हैं। दैनिक भास्कर के हाथ पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ISI के टॉप सीक्रेट दस्तावेज लगे हैं। इनमें साफ-साफ तौर पर अफागानिस्तान में पनप रहे TTP के सभी कैंपों पर एयर स्ट्राइक करने की जरूरत बताई गई है।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के एक एजेंट ने अफगानिस्तान के जलालाबाद से पाकिस्तानी दूतावास को 4 लेटर ई-मेल के जरिए भिजवाए हैं। पहला लेटर 2 जनवरी को भेजा गया था। इस टॉप सीक्रेट ईमेल को मोस्ट इमिडिएट कैटेगरी का मार्क करते हुए पासवर्ड प्रोटेक्टेड किया गया था।
इस ई-मेल में पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में दहशत मचा रहे TTP के तमाम ठिकानों व उनके मुखियाओं की एक रिपोर्ट थी। पाकिस्तानी सीमा पर 9 आतंकी प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि TTP के लड़ाकों को प्रोविंशियल गवर्नर मौलवी अब्दुल शकूर का संरक्षण हासिल है।
अफागानिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ 4 जिलों के आतंकी किसी बड़ी साजिश रचने पर काम कर रहे हैं। ये चार जिले हैं। नूरिस्तान, नानगरहर, कुनार और लघमन। नूरिस्तान के 132 लड़ाके हाजी खान को अपना लीडर मानते हैं।
रिपोर्ट में 8 प्रमुख आतंकी कैंप पर कार्रवाई की बात कही जा रही है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आतंकी कैंप को कौन लीड कर रहा है और उनके कमांडर कौन हैं। पाकिस्तान की सीमा के पास अफगानिस्तान में बने 8 आतंकी कैंपों में 170 TTP लड़ाके मौजूद हैं।
अफगानिस्तान के जलालाबाद से पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भेजी गई टॉप सीक्रेट रिपोर्ट में बताया गया है कि अचिन जिला, खोग्यानी के देह बेला और मोमदार इलाके में TTP के पांच-पांच लड़ाकों की टीम काम कर रही है।
वे पाकिस्तान पर आने वाले दिनों में किसी बड़े हमले की तैयारी कर रहे हैं। TTP पाकिस्तान के एक बड़े हिस्से को पाकिस्तान से अलग कर एक छोटे देश में तब्दील करने की रणनीति पर काम कर रहा है। जालना और नूरिस्तान और लघमन में आठ बड़े टीटीपी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं।
वॉयस ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान ने हाल ही में 200 ऐसे लड़ाकों को पकड़ा है, जो पाकिस्तान में आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं। ये लड़ाके पाकिस्तान के चितराल में हमले कर लौट रहे थे। दरअसल, काबुल में पिछले हफ्ते अफागनिस्तान की तालिबानी सत्ता और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई थी। इसमें पाकिस्तान ने कड़ाई से ये मुद्दा उठाया था कि उनके यहां हो रहे आतंकी हमलों के लिए अफगानिस्तान में ट्रेनिंग मिल रही है।
तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान में आतंकी हमले बढ़ गए हैं। तालिबान पर आरोप लग रहे हैं कि वो आतंकियों को पनाह दे रहा है। हाल ही में UN की रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान अब अलकायदा में मिलना चाह रहा है। वो एक ऐसा संगठन बनाना चाहता है जिसके तहत साउथ एशिया के सभी मिलिटेंट ग्रुप काम कर सकें। UN का मानना है कि अफगानिस्तान में अलकायदा के कम से कम 30 से 60 लीडर और 400 से 2 हजार के बीच लड़ाके हैं।
पाकिस्तान में शुक्रवार को हुए 2 आत्मघाती हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 65 हो गई है। इस बीच पाकिस्तान ने आरोप लगया है कि इन धमाकों में भारत की इंटेलिजेंस एजेंसी का हाथ है। पाकिस्तान के इंटीरियर मिनिस्टर यानी गृह मंत्री सरफराज बुगती ने कहा – मिलिट्री और दूसरे संस्थान हमले में शामिल तत्वों के खिलाफ मिलकर हमला करेंगे। इन धमाकों में भारत की खुफिया एजेंसी रॉ भी शामिल है।