भारत और कनाडा के बीच जारी डिप्लोमैटिक तनाव के बीच सोमवार को श्रीलंका का रुख सामने आया। श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने बात करते हुए कहा कि कनाडा आतंकियों को पनाह दे रहा है। PM ट्रूडो ने बिना किसी सबूत के भारत के खिलाफ आरोप लगाए हैं।
साबरी ने कहा कि वो ये देखकर चकित नहीं हुए हैं, क्योंकि ट्रूडो पहले भी ऐसे बेतुके आरोप लगा चुके हैं। इससे पहले ट्रूडो ने श्रीलंका को लेकर भी ऐसा ही झूठ बोला था। उन्होंने दावा किया था कि श्रीलंका में नरसंहार हुआ है, जबकि ऐसा कुछ नहीं था और ये बात सब जानते हैं।
दूसरी तरफ कनाडा ने भारत में रह रहे अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी अपटेड की है। इसमें उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। कनाडाई नागरिकों से कहा गया है कि वो अलर्ट रहें और सावधानी बरतें, क्योंकि सोशल मीडिया पर कनाडा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और नकारात्मक भावनाएं भड़काई जा रही हैं।
श्रीलंका के विदेश मंत्री ने आगे कहा- मैं देखा कि उन्होंने वर्ल्ड वॉर 2 में नाजियों के साथ लड़ने वाले किसी शख्स का सम्मान किया। ये नई बात नहीं है कि PM ट्रूडो कई बार अपमानजनक आरोपों के साथ सामने आते हैं, जिसका कोई आधार नहीं होता है।
दरअसल, मई में PM ट्रूडो ने श्रीलंका में गृहयुद्ध खत्म होने की 14वीं सालगिरह पर कहा था कि उस दौरान हजारों तमिलों ने अपनी जान गंवाई थी, कई लापता और घायल हुए थे। साथ ही कई लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े थे। ट्रूडो ने कहा था कि इसमें मुलिवाइकल में हुआ नरसंहार भी शामिल है।
ट्रूडो ने कहा था कि उनकी संसद ने पिछले साल सर्वसम्मति से 18 मई को तमिल नरसंहार स्मृति दिवस घोषित करने के प्रस्ताव को पारित किया था। इस पर श्रीलंका ने विरोध जताया था। सोमवार को विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा- ट्रूडो के बयान के बाद से दोनों देशों के रिश्ते प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा- किसी को भी दूसरे देशों के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए और न ही ये बताने की कोशिश करनी चाहिए कि देश कैसे चलाया जाए। साबरी ने कहा- हम अपने देश में हैं और इसलिए इसे बेहतर समझते हैं। ट्रूडो का बयान गलत और अपमानजनक था।
वहीं, भारत में श्रीलंका के हाई कमिश्नर मिलिंडा मोरागोडा ने कहा कि कनाडा के आरोपों पर भारत की प्रतिक्रिया काफी सख्त रही है। श्रीलंका इस मामले में भारत का समर्थन करता है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीलंका के लोगों को आतंकवाद की वजह से नुकसान हुआ है और उनका देश आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस रखता है।
अमेरिका ने एक बार फिर से खालिस्तानी आतंकी निज्जर कि हत्या के मामले में जांच की बात दोहराई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्त मैथ्यू मिलर ने कहा- हम ट्रूडो के आरोपों से चिंतित हैं। हम कनाडाई सहयोगियों के साथ संपर्क में हैं। हमारा मानना है कि यह महत्वपूर्ण घटना है। कनाडा की जांच आगे बढ़े और अपराधियों सजा मिले। हमने भारत सरकार से कनाडाई जांच में सहयोग करने का अपील की है।
18 जून 2023 की शाम कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित गुरुद्वारा की पार्किंग में खालिस्तान टाइगर फोर्स के चीफ आतंकी हरदीप सिंह निज्जर पर दो युवकों ने फायरिंग कर दी थी। निज्जर की मौके पर ही मौत हो गई। निज्जर को भारत ने भगोड़ा घोषित कर रखा था और इस पर 10 लाख रुपए का इनाम भी था।