लखनऊ में अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा व कनफरडेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज एंड वर्कर्स के सेकेट्री जरनल एसबी यादव ने प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य कर्मियों की 3 नवंबर को दिल्ली में होने वाली रैली ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व होगी। जिसमें देश भर से लाखों कर्मचारी शामिल होकर केंद्र सरकार को चेतावनी देंगे।
सिंचाई विभाग नलकूप चालक संघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार ने इस कार्यक्रम के बाद यहां कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि सभी जनपद से हजारों की संख्या में 3 नवंबर को रामलीला मैदान नई दिल्ली में होने वाली रैली में भाग लेने का फैसला लिया। लांबा और एसबी यादव ने कहा कि 3 नवंबर को दिल्ली में होने वाली रैली पीएफआरडीए रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली, सालों से कार्यरत संविदा कर्मियों को नियमित करने, नियमित होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने।
खाली पड़े लाखों पदों को पक्की भर्ती से भरने, 8वें वेतन आयोग का गठन, 18 महीने के बकाया डीए का भुगतान करने, एनएमपी के नाम पर सरकारी विभागों एवं पीएसयू के निजीकरण पर रोक लगाने, एनईपी को वापस लेने, ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकारों पर निरंतर किए जा रहे हमलों पर रोक लगाने, यूनियनों की रद्द की गई मान्यता को बहाल करने और एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तों को हटाकर मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने आदि मांगों को लेकर की जा रही है। अगर सरकार ने उनकी मांगों की अनदेखी की तो चुनावों में भाजपा व उसके सहयोगी दलों को कर्मचारियों की भारी नाराजगी का सामना करना पड़ेगा।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा व कनफरडेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज एंड वर्कर्स के सेकेट्री जरनल एसबी यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार कर्मचारियों की मांगों को अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लागू की जा रही नव उदारवादी आर्थिक नीतियों के कारण महंगाई, बेरोजगारी, कुपोषण, आर्थिक असमानता लगातार बढ़ती जा रही है।