अमेरिका, पश्चिमी देश अपने हित साधने हमारा राजनीतिक लाभ उठा रहे : ईरान

संयुक्त राष्ट्र संघ की एटॉमिक एजेंसी ने दावा किया है कि ईरान ने उनके अधिकारियों को अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम का जायजा लेने से रोक दिया। इंटरनेशनल एटॉमिक एजेंसी के चीफ राफेल ग्रोसी ने ईरान की इस हरकत की आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि ईरान ने कहा है कि एजेंसी न्यूक्लियर प्रोग्राम की जांच कर रहे अधिकारियों को वापस बुला ले। ऐसा कर ईरान ने प्रोग्राम की जांच में जुटे एक तिहाई अधिकारियों को उनके काम से हटवा दिया है।
वहीं, ईरान ने कहा कि अमेरिका और पश्चिमी देश एटॉमिक एजेंसी का इस्तेमाल उनके खिलाफ कर रहे हैं। ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी अपने निजी हित साधने के लिए हमारा राजनीतिक फायदा उठा रहे हैं। इसलिए हमें ये कदम उठाना पड़ा है।
इससे नाराज होकर ईरान ने UN की एटॉमिक एजेंसी का काम रुकवा दिया। ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने कहा कि प्रतिबंध तब तक लागू रहेंगे जब तक तेहरान सौदे का पूरी तरह से अनुपालन नहीं कर लेता।
दरअसल, आठ साल पहले ईरान की अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ न्यूक्लियर कार्यक्रम बंद करने को लेकर एक डील हुई थी। इसके बाद 18 अक्टूबर को ईरान पर लगे सभी प्रतिबंध समाप्त होने वाले थे। पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की वजह से ईरान की आर्थिक गतिविधियों पर रोक है। हाल ही में पाकिस्तान ने भी ईरान के साथ होने वाले एक प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया। इस पर ईरान ने खूब पैसा लगाया था।
​​​​​​​2015 में ईरान ने चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका के साथ एक परमाणु समझौता किया। ये समझौता इसलिए हुआ क्योंकि पश्चिम देशों को डर था कि ईरान परमाणु हथियार बना सकता है या फिर वो ऐसा देश बन सकता है जिसके पास परमाणु हथियार भले ही ना हों, लेकिन उन्हें बनाने की सारी क्षमताएं हों और कभी भी उनका इस्तेमाल कर सके।
ईरान के साथ परमाणु समझौता कर न्यूक्लियर कैपिसिटी बढ़ाने के उसके शोध कार्यक्रम को काफी नियंत्रित किया गया। ईरान को परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल पर जोर देने वाली अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के जरिए अंतरराष्ट्रीय निगरानी में लाया गया। इसके बदले परमाणु कार्यक्रम के चलते ईरान के पर लगे आर्थिक प्रतिबंध हटाए गए।
हालांकि, 8 मई 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका को ईरान न्यूक्लियर डील समझौते से बाहर कर लिया। अमेरिका ने 2019 से ईरान पर फिर प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए थे।