पूर्व कैबिनेट मंत्री/एमएलसी राजेन्द्र चौधरी के नेतृत्व में राज्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन देकर कहा है कि घोसी उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल भाजपा द्वारा धांधली कर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। राज्य निर्वाचन अधिकारी को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि 354-घोसी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का उप निर्वाचन-2023 में अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों में तथा सपा समर्थक मतदाताओं के घरों में पुलिस फोर्स पहुंचकर बिजली की लाइनें काट रही है।
पुलिस थाना घोसी में बुलाकर सीओ, थानाध्यक्ष, सब इन्स्पेक्टर, कान्स्टेबिल भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए अल्पसंख्यकों सहित सपा समर्थक मतदाताओं को प्रताड़ित कर रहे है, भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने अथवा मतदान में भाग न लेने की हिदायतें दी जा रही हैं।
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए संविधान को बचाने की लड़ाई है। घोसी में हो रहे उपचुनाव को लेकर सत्ता पक्ष लगातार अपने पक्ष में मतदान डालने का दबओ डलवा रहे हैं यह गंभीर स्थिति है लोकतंत्र में ऐसा कभी नहीं हुआ वहां पर 400 रेड कार्ड जारी किए है।
ज्ञापन के अनुसार रामपुर व मैनपुरी के चुनावों में भी पुलिस अधिकारियों का इसी तरह से भाजपा ने अपने हित साधन के लिए उपयोग किया है। दो सितंबर से निर्वाचन सम्पन्न होने तक घोसी विधान सभा उप निर्वाचन क्षेत्र में 15 पुलिस उपनिरीक्षक व 83 हेड कान्स्टेबल, कान्स्टेबल तथा 50 महिला आरक्षियों की ड्यूटी लगाई गई है, जिसमें यादव और मुस्लिम नहीं है। यह क्यो नहीं हैं? 15 पुलिस उपनिरीक्षक व 83 हेड कान्स्टेबल, कान्स्टेबल तथा 50 महिला आरक्षियों की यह सूची भाजपा सरकार के मंत्रियों, नेताओं के इशारे पर बनाई गई है।
भाजपा के मंत्री एवं नेतागण प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा अनुचित दबाव बनाकर चुनाव को प्रभावित करने का कार्य कर रहे है। निर्वाचन आयोग को इसका तत्काल संज्ञान लेकर उक्त पुलिस अधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया से विरत किया जाये।
राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि घोसी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का उप निर्वाचन-2023 में पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन द्वारा अल्पसंख्यकों, सपा समर्थक मतदाताओं को प्रताड़ित किये जाने की कई शिकायतें जिला निर्वाचन अधिकारी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी यूपी, मुख्य चुनाव आयुक्त भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली से की गई है।
इसके बावजूद पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन का तांडव जारी है। इससे भारत निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है। समाजवादी पार्टी ने मांग की है कि भारत निर्वाचन आयोग उपरोक्त शिकायतों पर तत्काल पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की कार्यवाहियों पर रोक लगाये अन्यथा लोकतांत्रिक प्रणाली को गहरा आघात पहुंचेगा। प्रतिनिधिमण्डल में राजेश यादव पूर्व एमएलसी, के के श्रीवास्तव प्रदेश सचिव, डा. हरिश्चन्द्र एवं राधेश्याम सिंह शामिल रहे।