विवेक ओबेरॉय आज अपना 47वां बर्थडे मना रहे हैं। विवेक फिल्म इंडस्ट्री में एक एक्टर के तौर पर लगभग 20 साल बिता चुके हैं। वो अब तक अपने एक्टिंग करियर में करीब 25 हिंदी फिल्मों में काम कर चुके हैं लेकिन इंडस्ट्री में मजबूत जगह बनाने में नाकाम रहे।
करीब 20 साल के अपने करियर में विवेक ने गिनती की ही हिट फिल्में दी हैं। जैसे- 2004 में आई मस्ती और 2013 में आई इसी फिल्म की सीक्वल- ग्रैंड मस्ती। इसके अलावा ओमकारा, शूटआउट एट लोखंडवाला, कृष 3 और वेब सीरीज इनसाइड एज में भी उनकी परफॉर्मेंस पसंद की गई।
लगातार फ्लॉप रही फिल्मों के बावजूद आज विवेक ओबेरॉय लगभग 157 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं और एक साथ कई सेक्टर्स में बिजनेस भी कर रहे हैं।
विवेक ओबेरॉय ने साल 2002 में 26 साल की उम्र में राम गोपाल वर्मा की फिल्म कंपनी से डेब्यू किया था। इस फिल्म में उन्होंने गैंगस्टर चंदू का किरदार निभाया था। फिल्म में उनके किरदार को काफी पसंद भी किया और उन्हें बेस्ट डेब्यू मेल और बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था। एक्टिंग डेब्यू करने के पहले से ही विवेक बिजनेस करते आ रहे हैं। उनके पिता और एक्टर सुरेश ओबेरॉय उन्हें डायरेक्टर अब्बास मस्तान के प्रोजेक्ट से लॉन्च करना चाहते थे।
इस बारे में बात करते हुए विवेक ने कहा था कि उनके पिता ने हमेशा काबिलियत को सिफारिश से ज्यादा महत्व दिया और विवेक भी ऐसा ही करना चाहते थे। उन्होंने अपने पिता से मदद लेने की बजाय इंडस्ट्री में मेहनत और स्ट्रगल के दम पर अपनी पहचान बनानी चाही।
इससे पहले भी स्कूल के दिनों में विवेक ने पिता से पैसे लेने के बजाय खुद पैसे कमाने का मन बना लिया था। उनकी इस जिद की बदौलत ही आज वो सक्सेसफुल बिजनेस कर रहे हैं।
2022 में मोटिवेशनल स्पीकर और एड टेक प्लेटफॉर्म बड़ा बिजनेस के CEO डॉक्टर विवेक बिंद्रा के शो पर विवेक ओबेरॉय ने खुद बताया था कि उन्होंने बिजनेस करना कैसे और कब शुरू किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि उन्होंने 18 साल की उम्र में स्टॉक मार्केट में इंवेस्ट किया था लेकिन उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ा और उनके 32 लाख रुपए डूब गए
विवेक ओबेरॉय ने राजस्थान के अजमेर से मेयो कॉलेज बोर्डिंग स्कूल से पढ़ाई की है। एक बार स्कूल वापस जाने से पहले विवेक ओबेरॉय ने अपने पिता से कुछ पैसे मांगे। उनके पिता ने उन्हें सिर्फ 500 रुपए दिए वो भी ये कहकर कि इससे ज्यादा चाहिए तो खुद कमा लो।
विवेक ने ताव में आकर ये पैसे लेने से भी मना कर दिया। पैसे नहीं थे तो घर से स्कूल तक पैदल चलकर गए। इतने में ही ये समझ गए कि किसी भी तरह पैसा कमाना शुरू करना पड़ेगा। इसके बाद रेडियो प्ले और वॉइस-ओवर आर्टिस्ट के तौर पर पहली बार काम किया।
इसके बाद उन्होंने अपनी आवाज में रेडियो के एड्स और जिंगल्स के जरिए कुछ पैसे कमाए। साथ ही UTV मीडिया ग्रुप के संस्थापक रॉनी स्क्रूवाला के कहने पर इंग्लिश शोज की हिंदी डबिंग भी की। विवेक ने बताया कि उन्होंने जुरासिक पार्क, द इंडिपेंडेंस डे, स्पाइडरमैन और द रॉक जैसी इंग्लिश फिल्मों की डबिंग से महीने भर में 40-50 हजार रुपए तक की कमाई कर ली।
विवेक ओबेरॉय स्कूल के बाहर लगे वडा-पाव और चाय के ठेले वाले से इकोनॉमिक्स के कॉन्सेप्ट्स समझते थे। उन्होंने कैश फ्लो का मैनेजमेंट, स्टॉक इकट्ठा करने जैसी बेसिक चीजें इन्हीं लोगों से सीखीं। इसके बाद उन्होंने अपने आस-पास के ठेले वालों का बिजनेस मॉडल समझने के बाद उन्हें पैसों से मदद करना शुरू कर दिया और उसमें प्रॉफिट शेयर भी करने लगे।
जब उन्हें प्रॉफिट मिलने लगा तब उन्होंने स्टॉक मार्केट में पैसे लगाए लेकिन 17 साल की उम्र में करीब 32 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी। पैसे गवांने के बाद उन्होंने स्टॉक मार्केट में अपरेंटिसशिप की और शुरुआत से मार्केट को समझा। 19 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली टेक्नोलॉजी कंपनी खड़ी की और करीब 12 करोड़ रुपए कमाए। इसके बाद उनकी कमाई का सिलसिला थमा नहीं।
विवेक ओबेरॉय अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस- ओबेरॉय मेगा एंटरटेनमेंट खड़ा कर चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने सोशल सेक्टर, एजुकेशन सेक्टर और स्टार्ट-अप्स में भी काफी इंवेस्टमेंट किया है। इसके अलावा उनकी अपनी रियल-एस्टेट डेवलपर कंपनी- कर्म इंफ्रास्ट्रक्चर भी है। साथ ही ओबेरॉय गुजरात की रियल-एस्टेट कंपनी रघुलीला इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में हिस्सेदारी भी रखते हैं।
2012 में विवेक ओबेरॉय ने रघुलीला इंफ्रास्ट्रक्चर नाम की कंपनी के साथ कंस्ट्रक्शन बिजनेस में कदम रखा। आज की डेट में इस कंपनी में विवेक बड़ी हिस्सेदारी भी रखते हैं।
2015 में इस कंपनी ने अहमदाबाद के ढोकला में लग्जरी रेजिडेंशियल टाउनशिप शुरू करने की अनाउंसमेंट की। ये टाउनशिप 175 एकड़ एरिया में बसी है। उन्होंने इसी प्रोजेक्ट से जुड़े थीम रिसोर्ट के लिए विवेक ओबेरॉय ने 400 करोड़ रुपए का इंवेस्टमेंट किया था।
इसके अलावा सितंबर 2016 में उन्होंने अपनी खुद की इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी- कर्म इंफ्रास्ट्रक्चर की शुरुआत की। कंपनी शुरू करने के बाद उन्होंने 10 लाख टिकट साइज कैटेगरी में महाराष्ट्र हाउसिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इस प्रोजेक्ट का मकसद था किफायती दामों में लोगों को हाउसिंग सुविधाएं मुहैया कराना। उन्होंने 360 तालुकाओं में रहने वाले लोगों के लिए 15 करोड़ वर्ग फीट एरिया में इस प्रोजेक्ट में इंवेस्ट किया था।
इसके अलावा विवेक ओबेरॉय ने दुबई में भी रियल-एस्टेट सेक्टर में इंवेस्ट किया है जहां उनके 8 अलग-अलग प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। साथ ही वो लैब में तैयार किए गए डायमंड्स के पांच शोरूम खोलने की तैयारी में भी हैं।
विवेक ओबेरॉय ने हेल्थ-केयर और स्पेस सेक्टर से जुड़े कई स्टार्ट-अप्स में भी इंवेस्ट किया है। उन्होंने 2017 में US बेस्ड मेडिसिन कंपनी- स्काई लिमिट में कंपनी के फाउंडर हर्ष एम मेहता के साथ मिलकर करीब 500 करोड़ का इंवेस्टमेंट किया। ये रिजेनेरेटिव मेडिसिन कंपनी है। ये कंपनी जॉइंट पेन और स्पाइन से जुड़ी बीमारियां का इलाज सिर्फ दवाइयों के जरिए करने पर काम कर रही है। इसके अलावा उन्होंने हेल्दी फूड से जुड़े एक स्टार्ट-अप में भी इंवेस्ट किया है।
इसके अलावा विवेक ओबेरॉय अपना NGO-वन फाउंडेशन भी चलाते हैं। ये नॉर्थ इंडिया में स्कूल एजुकेशन, हेल्थ, चाइल्ड प्रॉस्टिट्यूशन में फंसे बच्चों का बचाव करने पर काम करते हैं। उन्होंने 2004 में आई सुनामी में अपना घर गवां चुके लोगों को दोबारा बसाने में भी मदद की है।
2016 में लाइव मिंट से बात करते हुए विवेक ओबेरॉय ने कहा था कि उनके बिजनेस इंटरेस्ट की ही तरह पर्सनल फाइनेंस को लेकर भी उनके मल्टीपल इंटरेस्ट हैं। उन्होंने कहा था कि वो म्यूच्यूअल फंड्स, इक्विटी, रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी और रियल एस्टेट के जरिए अपना पर्सनल फाइनेंस मैनेज करते हैं।