वैश्विक बैटरी-स्वैपिंग कंपनी गोगोरो ने लास्ट-मील डिलीवरी के लिए अपनी बैटरी-स्वैपिंग टेक्नोलॉजी की पेशकश करने के लिए फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी के साथ साझेदारी की है। दोपहिया वाहनों के लिए बैटरी-स्वैपिंग टेक्नोलॉजी के साथ, स्विगी के डिलीवरी ऑपरेटर अपने बेड़े और डिलीवरी को ज्यादा टिकाऊ ढंग से प्रबंधित करने में सक्षम होंगे। इससे वाहनों से शून्य उत्सर्जन और प्रदूषण में कमी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। स्विगी ने 2021 में ईवी डिलीवरी के जरिए हर दिन आठ लाख किलोमीटर की दूरी तय करने की अपनी प्रतिबद्धता का एलान किया था। गोगोरो के साथ इसकी साझेदारी उसी दिशा में एक कदम है क्योंकि कंपनी का लक्ष्य टिकाऊ परिवहन में सबसे आगे रहना है। यह रिलायंस बीपी मोबिलिटी लिमिटेड और हीरो लेक्ट्रो जैसी विभिन्न कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारी के जरिए लास्ट-मील डिलीवरी के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने से डिलीवरी पार्टनर्स को वाहन चलाने की लागत का 40 प्रतिशत तक बचाने में मदद मिली है, जिससे उनकी कमाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। स्विगी के संचालन प्रमुख मिहिर शाह ने कहा, “गोगोरो के साथ यह साझेदारी हमारे डिलीवरी बेड़े के लिए हरित और लागत प्रभावी समाधान बनाने की हमारी प्रतिबद्धता में एक और महत्वपूर्ण कदम है। “गोगोरो ने अप्रैल में भारत में अपने बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों का संचालन शुरू किया। कंपनी के बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन मौसम-रोधी हैं और दावा किया जाता है कि इनमें रोजाना आधार पर 200 से ज्यादा बैटरी स्वैपिंग की जा सकती हैं। ये स्टेशन मॉड्यूलर प्रकृति के हैं ताकि ये विभिन्न स्थानों पर फिट हो सकें। इनके बारे में यह भी दावा किया जाता है कि ये 64 घंटों के लिए आत्मनिर्भर हैं ताकि ब्लैकआउट होने पर भी ये काम कर सकें। कंपनी का कहना है कि इस टेक्नोलॉजी से बैटरी स्वैपिंग में सिर्फ 6 सेकंड का समय लगेगा, जो काफी दिलचस्प है। स्टेशन सॉफ्टवेयर पर चलते हैं जो हार्डवेयर का प्रबंधन कर सकते हैं और यह इस बात की भी निरंतर जांच करता है कि बैटरी कैसे काम कर रही है और जरूरत पड़ने पर यह हस्तक्षेप भी कर सकता है। गोगोरो के संस्थापक और सीईओ होरेस ल्यूक ने कहा, “भारत के हाइपरलोकल बेड़े के इलेक्ट्रिक परिवर्तन में तेजी लाना गोगोरो और भारत की राष्ट्रीय और शहरी सरकारों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।”