हाल ही में अभिषेक बच्चन ने बच्चन परिवार से जुड़े होने के प्रेशर और जिम्मेदारी को लेकर बात की। यूट्यूबर राज शमानी की पोडकास्ट में उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनका जन्म बच्चन परिवार में हुआ है और उन्हें बच्चन फैमिली के नाम की लिगेसी को आगे ले जाने की जिम्मेदारी का भी एहसास है।
बातचीत के दौरान उन्होंने ये भी कहा कि उनकी पत्नी ऐश्वर्या भी अक्सर बेटी आराध्या बच्चन को इस परिवार की लिगेसी का महत्व समझाती रहती हैं।
अभिषेक बच्चन ने अपनी बेटी आराध्या की तारीफ भी की और कहा कि वो 11 साल की है लेकिन 25 साल ही लड़की जितनी समझदार है।
बातचीत के दौरान अभिषेक बच्चन ने कहा कि उन्हें इस बात का एहसास है कि उनके पिता अमिताभ बच्चन और उनके दादाजी हरिवंश राय बच्चन ने काफी संघर्ष के बाद बनाई है। उन्होंने कहा- मेरा सरनेम मेरे लिए बहुत मायने रखता है।
मैं पूरी कोशिश करता हूं कि मैं अपने पिता का नाम रोशन कर सकूं और उन्होंने जो मिसाल कायम की है उसे आगे ले जा सकूं। मैं आज जो कुछ भी हूं वो अपने सरनेम की वजह से ही हूं। इस सरनेम के साथ जो शोहरत और फेम आज जुड़ी है वो मेरे दादाजी और मेरे पिताजी ने कमाई है। इस सरनेम को संभालना आसान नहीं है।अभिषेक बच्चन ने कहा कि उनका मानना है कि एक बेटे के नाते ये उनकी जिम्मेदारी है कि वो बच्चन परिवार का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा- यही वजह है कि मैंने अपने परिवार से अलग अपनी पहचान बनाने की कोशिश नहीं की। मेरी वाइफ भी अक्सर हमारी बेटी को यही समझाती रहती है। इस सरनेम का भार बहुत बड़ा है।
हम उस पर कोई प्रेशर नहीं बनाना चाहते लेकिन उसे पता होना चाहिए कि आज हम जो कुछ भी बन पाए हैं वो उसके पापा, उसके दादाजी और उसके परदादाजी की मेहनत की बदौलत ही है।
उसे ये चीजें समझना जरूरी है और उसे इन चीजों का सम्मान भी करना होगा ताकि वो कभी भी कुछ ऐसा न करे जिससे ये नाम खराब हो। वो ये सब समझती है और अपनी उम्र के हिसाब से काफी समझदार है।
आराध्या को लेकर अभिषेक बच्चन ने कहा कि उनकी बेटी जरूर 11 साल की है लेकिन वो 25 साल की लड़की जितनी समझदार है। उन्होंने कहा- आराध्या चाहती है कि परिवार में उसे हर कोई बराबरी का दर्जा दे और उसे एडल्ट की तरह ही ट्रीट किया जाए।
कोई उससे कुछ करने को कहता है तो वो आंख बंद कर बात नहीं मानती बल्कि जहां भी जरूरी हो वहां सवाल कर लेती है। न्यू जेनरेशन के बच्चे हर बात पर सवाल करते हैं। ऐसा नहीं है कि वो आपकी इज्जत नहीं करते वो सिर्फ किसी क्यों का जवाब जानना चाहते हैं। उन्हें इस बात की समझ नहीं होती कि वो घर के बच्चे हैं, वो चाहते हैं कि उन्हें भी बाकियों की तरह बराबरी का दर्जा मिले।
अभिषेक बच्चन ने कहा- मैं आराध्या को कभी ये नहीं कह सकता कि ऐसा करो क्योंकि मैं कह रहा हूं या फिर अपने पिता की बात मान लो, सवाल मत करो! वो कहती है कि मैं आपकी बेटी हूं, अब ये काम आप कर लो! अब आप इसका क्या देंगे ? और उसकी बात भी सही है। बच्चों को हम परिवार में अपना रैंक या ओहदा दिखाकर काम करने को नहीं कह सकते।