अक्षय कुमार ने बातों-बातों में सेंसर बोर्ड पर तंज कसा है। अक्षय ने कहा कि OMG-2 पहली एडल्ट फिल्म है, जो टीनएजर्स के लिए बनी है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म को स्कूल में बच्चों को दिखाना चाहिए। हालांकि अक्षय की बात मुमकिन नहीं है क्योंकि फिल्म को A सर्टिफिकेट मिला है।
18 साल से कम उम्र वाले यह फिल्म देखने के लिए एलिजिबल नहीं हैं। अक्षय फैंस का रिएक्शन जानने के लिए एक थिएटर आए थे। वहां उन्होंने ऑडियंस के साथ बातचीत की।
OMG-2 सेक्स एजुकेशन पर बेस्ड फिल्म है। मेकर्स के मुताबिक, इसे 13 से 17 साल के बच्चों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था। हालांकि सेंसर बोर्ड ने इसे एडल्ट सर्टिफिकेट दे दिया। अब अक्षय ने कहा- कमाल की बात बताऊं। यह पहली एडल्ट फिल्म है, जो टीनएजर्स के लिए बनी है। वास्तव में इस फिल्म को स्कूल में दिखाना चाहिए।
वहां बैठी ऑडियंस से भी कुछ लोगों का कहना है कि वे पहले यौन संबंधी विषयों पर बच्चों से बात नहीं करते थे। अब फिल्म देखने के बाद वे अपने बच्चों के साथ पारदर्शिता रखेंगे।
सोशल मीडिया पर लोग सेंसर बोर्ड के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि बोर्ड ने क्या सोच कर इस फिल्म को एडल्ट सर्टिफिकेट दिया है। यूजर्स के मुताबिक, इस फिल्म का जो सब्जेक्ट है, उसके बारे में जानने की आवश्यकता सबसे ज्यादा बच्चों को ही है।
बोर्ड ने फिल्म का दो हफ्ते तक रिव्यू किया था। इसके बाद फिल्म में कुछ बदलाव करके A सर्टिफिकेट दे दिया।
फिल्म से तारीफ बटोर रहे एक्टर पंकज त्रिपाठी ने भी सेंसर बोर्ड के फैसले पर हैरानी जताई थी। उन्होंने फिल्म की रिलीज से पहले एक इवेंट में कहा था, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर बनाते वक्त हमारे दिमाग में था कि फिल्म को किसी भी हाल में एडल्ट सर्टिफिकेट ही मिलेगा। लेकिन OMG-2 के साथ बहुत हैरानी हुई।
हमने बिल्कुल नहीं सोचा था कि फिल्म को A सर्टिफिकेट मिलेगा। थोड़ा मलाल हो रहा है कि जिस एज ग्रुप को यह फिल्म देखनी चाहिए वे इसे नहीं देख पाएंगे।’
बता दें कि OMG-2 की कहानी सेक्स एजुकेशन पर बेस्ड है। सेक्स एजुकेशन के अभाव में बच्चे अपना नुकसान कर लेते हैं। उन्हें कोई समझाने वाला नहीं होता, जिसकी वजह से वे गलत कदम उठा लेते हैं। यह फिल्म इसी मुद्दे को उठाती है। फिल्म इस बात की वकालत करती है कि हमारे स्कूलों में सेक्स एजुकेशन क्यों नहीं है।