एक्ट्रेस सिमरत कौर गदर-2 को लेकर चर्चा में हैं। मुंबई में पली-बढ़ी सिमरत ने साउथ इंडस्ट्री से होते हुए भी गदर-2 में मुस्कान का मेन किरदार निभाया है। हाल ही में उन्होंने फिल्म में अपने किरदार सहित अन्य मुद्दों पर दैनिक भास्कर से खास बात की।
फिल्म में मेरे किरदार का नाम मुस्कान है। फिल्म की सेटिंग 1971 की है। फिल्म की कहानी के लिहाज से यह रोल बहुत इंपोर्टेंट है। वैसे ‘गदर-2’ की कास्ट सेम ही है। इसमें तारा सिंह, सकीना हैं, लेकिन इसमें नई लड़की मुस्कान है। अब कहानी में क्या होता है और वह क्यों आती है ? उसके आने से क्या होता है, यह मुस्कान का किरदार के जरिए दर्शकों को पता चलेगा।
मुझे पुरानी फिल्में देखना और पुराने गाने सुनने का बड़ा शौक है। मैंने नूतन, मधुबाला, मीना कुमारी, वैजयंती माला आदि तमाम पिक्चरें देखी हैं, इसलिए मुस्कान के किरदार में ढलना मेरे लिए काफी आसान हो गया था। मैंने नूतन और मधुबाला से इंस्पिरेशन जरूर ली है। इसके अलावा डायरेक्टर अनिल शर्मा ने बताया कि इस कैरेक्टर के लिए तुम्हें जो कुछ फील होता है, वैसा ही करती जाना। मैं तुम्हारे लिए कोई वर्कशॉप नहीं ले रहा हूं।
उन्होंने मुझसे कहा तुम क्लासिकल डांस सीखो, जिससे तुममें 1971 की लड़की की बॉडी लैंग्वेज और हाव भाव आ जाएं। क्लासिकल डांस के अलावा मैंने उर्दू की क्लासेस ली है। पहले स्पोर्ट्स प्लेयर रही हूं, सो फिजिकल तौर पर फिट रहते आई हूं।
यह तो नहीं कहूंगी कि मैं बाजीगर हूं, पर यह सच है कि मुझसे पहले 600 लड़कियों का ऑडिशन लिया गया था। बहुत टाइम से ऑडिशन चल रहा था। मैं तो तब सिलेक्ट हुई, जब पालमपुर में फिल्म की शूटिंग शुरू हो गई थी। मैं वहां ऑडिशन देने गई थी, तब पता चला कि मेरे अलावा छह और लड़कियां ऑडिशन देने आई हैं।
मैं इतना कह सकती हूं कि इन 600 लड़कियों में से शायद मैं फिट बैठ रही होऊंगी, इसलिए मेरा सिलेक्शन हो गया। मैंने लगभग सात से आठ ऑडिशन दिए हैं। कई सारे लुक टेस्ट दिए, तब जाकर दो महीने बाद मेरा सिलेक्शन हुआ था। ऐसी पिक्चर आसानी से नहीं मिलती, अगर आसानी से मिल जाए तो फिर उसका मजा ही क्या है।
‘गदर-2’ पूरी फैमिली के ऊपर बेस्ड स्टोरी है। इसमें मेरा अच्छा-खासा रोल है। मेरा भी एक लीड रोल है। जैसा बताया कि फिल्म में मुस्कान का एक इंपॉर्टेंट रोल है। फिलहाल, बतौर एक्टर सोचती हूं कि स्क्रीन टाइम चाहे एक मिनट का हो या फिर एक घंटे का हो।
अगर आप एक मिनट में बेहतरीन परफॉर्मेंस दे देते हो, तो आप स्टार हो। कई बार एक घंटे में आप वह परफॉर्मेंस नहीं दे पाते हो। मुझे जितना स्क्रीन स्पेस मिला है, उसे लेकर खुश हूं। सनी देओल के साथ काम करने का मौका मिला है, यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।
एक इमोशनल सीन में मैं अटक गई थी, तब सनी सर ने कहा कि अगर एक्टिंग करने की कोशिश करोगी, तब लोगों को साफ दिख जाएगा कि एक्टिंग कर रही हो। फिर तो आपका सीन फेल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि तुम थोड़ी देर रुको। अपने अंदर कैरेक्टर फील करो। तुम्हारे अंदर वह इमोशन आना चाहिए।
इमोशन आने के बाद वह आपकी आंखों और चेहरों पर आ जाएगा, उसके बाद कैरेक्टर प्ले करो। उनके साथ खड़ा होना नर्वसनेस की बात होती है। उन्होंने बड़े प्यार से बात करके मेरे नर्वसनेस को दूर किया। अनिल सर का यही कहना था कि अगर तुम्हारे अंदर आग जलेगी, तब बाहर रोशनी आएगी। अनिल सर से साथ काम करना बहुत आसान है।
जवाब- मैंने एक साथ दोनों जगह ऑडिशन दिया था। साउथ में सिलेक्शन पहले हो गया, तब वहां काम करना शुरू कर दिया। अब धीरे-धीरे यहां का भी सफर शुरू हो गया। देखिए, यह ऐसी चीज है, जिसके लिए कोई प्लान होता नहीं है। यहां पर मेरा कोई कांट्रैक्ट और सपोर्ट नहीं है। ‘गदर-2’ तक पहुंचने के लिए मैंने तमाम ऑडिशन दिए, लेकिन अब इतनी बड़ी फिल्म से डेब्यू कर रही हूं तो इतने ऑडिशन देने का कोई गम नहीं है।