यूपी एसटीएफ के सामने हेलो राइड कंपनी की निदेशक नीलम वर्मा ने गिरफ्तारी के बाद कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं। उसको शनिवार को एसटीएफ ने मानकनगर से गिरफ्तार किया था। चार साल से फरार चल रही 100 करोड़ की ठगी की आरोपी नीलम वर्मा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए ईओडब्ल्यू के पूर्व विवेचक को एक मोटी रकम दी थी। जिसके लिए उसने अपना एक प्लाट बेचा था। एसटीएफ की पूछताछ में नीलम ने बताया कि ईओडब्ल्यू के एक पूर्व विवेचक ने उसकी लोकेशन पता लगा गई थी, लेकिन उससे केस ने नाम हटाने को लेकर लेनदेन तय होने पर गिरफ्तारी नहीं हुई। इसकी जानकारी पर एसटीएफ ने संबंधित अधिकारियों को इसकी जानकारी देकर आरोपी विवेचक का ब्यौरा मांगा है।
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक हेलोराइड लिमिटेड, इनफिनिटी वर्ड इंफ्रावेंचर लिमिटेड और ओजोन इनफिनिटी एग्रो प्रोड्यूसर लिमिटेड नाम से हुई ठगी की जांच ईओडब्ल्यू ट्रांसफर हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक 2019 को दर्ज हुए इन मामलों में फरार चल रही नीलम ने बताया कि एक दलाल के माध्यम से गोसाईंगंज स्थित एक जमीन बेंच कर विवेचक को पैसा पहुंचाया। जिससे उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई।
इसके ही चलते नीलम आराम से लखनऊ में ही रहती रही और उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई। चर्चा है कि नीलम के बयान और अन्य साक्ष्यों के चलते जल्द ही पूर्व विवेचना करने वालों की लिस्ट तैयार कर आरोपी विवेचक के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह की टीम ने मुखबिर की सूचना पर पारा थाना क्षेत्र स्थित शुक्ला विहार निवासी नीलम वर्मा को शनिवार को मानक नगर से गिरफ्तार किया गया था। मल्टीलेवल मार्केटिंग के माध्यम से जनता से अरबों रुपए की ठगी करने वाली नीलम वर्मा ने पूछताछ में बताया था कि अभय कुशवाहा से 2013 में इनफिनिटी वर्ड इफ्रावेंचर लिमिटेड कंपनी से जुड़ी।
उसके बाद 2017 मे ओजोन इनफिनिटी वर्ड एग्रो प्रोड्यूसर लिमिटेड कंपनी और 2018 में हेलो-राइड लिमिटेड नामक कंपनी से जुड़ी। हेलो-राइड के जरिए लोगों को बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर 61 हजार रुपए जमा कराते थे। जिसके बदले हर महीने 9582 रुपए एक साल तक देने का प्रलोभन 12 माह तक देने का प्रलोभन देने पर लोग आसानी से जुड़ जाते थे। इसमें अधिकतर टैक्सी चालक और बेरोजगार युवा थे। जिन्होंने रोजगार के चलते स्कीम में करोड़ों रुपया लगाया। जिसको लेकर हम भाग निकले थे।
एसटीएफ की टीम 2019 से नीलम की तलाश कर रही थी। मामले में मुख्य आरोपी अभय कुशवाहा मार्च 2019 में विभूति-खण्ड पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल मे लगभग 3 महीने रहने के बाद अभय कुशवाहा की जमानत हो गयी, लेकिन बाद में फिर गिरफ्तार हुआ।
नीलम के ऊपर लखनऊ, फतेहपुर, नोएडा , मुजफ्फरपुर (बिहार), मोहाली, पठानकोट, जीरकपुर (पंजाब) में करीब डेढ़ सौ मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, नीलम के खिलाफ अभी तक की जांच में 23 मामले सामने आए हैं। जिसमें वह नामजद आरोपी है।