लखनऊ पुलिस लाइन में तैनात दरोगा ज्ञान कुमार (54) ने बुधवार सुबह सरकारी पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने आत्मघाती कदम लखनऊ के न्यू हैदराबाद स्थित घर में उठाया। जान देने से पहले अपने साले को फोन कर जानकारी दी थी। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस घर का दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला। परिजन घटना को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। पुलिस घटना के पीछे बीमारी और पारिवारिक कलह के बिंदु पर जांच पड़ताल कर रही है।
मूल रूप से कन्नौज के तिलसारी निवासी ज्ञान कुमार सिंह के बेटे ध्रुव ने बुधवार सुबह महानगर थाने पर सूचना दी कि उसके पिता का फोन नहीं उठ रहा है। उन्होंने मामा समेत कई रिश्तेदारों को रात करीब 12 बजे फोन किया था। बेटे ने कहा कि पापा ने मेरे मामा यानी अपने साले को अंतिम संस्कार की तैयारी करने की बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने अनहोनी की आशंका पर उनके न्यू हैदराबाद स्थित घर में जाकर पड़ताल की। जहां कमरे की खिड़की से अंदर देखने पर उनका शव चारपाई पर पड़ा दिखा।
पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला। शव देखकर पत्नी गीता गश खा गई। जिन्हें परिजनों ने संभाला। परिजनों ने घटना को लेकर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। वहीं पोस्टमॉर्टम में पहुंचे। परिजनों ने पहले दुर्घटना और बाद में कोई पोस्टिंग न मिलने से परेशान होने की बात कही।
साढ़ू के मुताबिक, ज्ञान ने रात को अधिकतर रिश्तेदारों को फोन किया, लेकिन देर रात होने के चलते सबके सो जाने से फोन रिसीव नहीं हुए। सुबह मिस्ड कॉल देखर फोन मिलाने पर रिसीव न होने पर एक दूसरे से संपर्क किया गया। जिसके बाद घटना की जानकारी हुई। ज्ञान के परिवार में उनकी पत्नी गीता, बेटे ध्रुव व सुमित और एक विवाहित बेटी है।
साढ़ू के मुताबिक ज्ञान ने रात को अधिकतर रिश्तेदारों को फोन किया, लेकिन देर रात होने के चलते सबके सो जाने से फोन रिसीव नहीं हुए। सुबह मिस्ड कॉल देखर फोन मिलाने पर रिसीव न होने पर एक दूसरे से संपर्क किया गया। जिसके बाद घटना की जानकारी हुई। ज्ञान के परिवार में उनकी पत्नी गीता, बेटे ध्रुव व सुमित और एक विवाहित बेटी है।