LU यानी लखनऊ विश्वविद्यालय NAAC में A++ रेटिंग पाने के बाद से ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग पाठ्यक्रम शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ चुका हैं। नए सत्र से ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं।
सबसे पहले बीकॉम और बीबीए पाठ्यक्रमों में दाखिले लिए जाएंगे। इसके बाद PG यानी परास्नातक पाठ्यक्रमों को भी शामिल किया जाएगा। इस बीच LU के ऑनलाइन एवं दूरस्थ शिक्षा केंद्र के निदेशक प्रो. पीयूष भार्गव ने कला एवं वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्षों, समन्वयकों और निदेशकों को पत्र भेज कर उनसे परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए प्रस्ताव मांगे हैं।
LU की डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. पूनम टंडन कहती हैं कि 102 साल के इतिहास में पहली बार लखनऊ विश्वविद्यालय ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग का हब बनने जा रहा हैं। कई महीनों में ये पहल बेहद खास हैं। UGC की गाइडलाइन के मुताबिक NAAC रेटिंग की टॉप रेटिंग पाने वाले शिक्षण संस्थान ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग की शुरुआत कर सकते हैं। इस दिशा में बढ़ाया गया यह कदम आगे चलकर मील का पत्थर साबित होगा।
डॉ. पूनम टंडन कहती हैं कि लखनऊ विश्वविद्यालय की 100 साल से ज्यादा की विरासत से सीधे तौर पर वो स्टूडेंट भी जुड़ सकेंगे जो लखनऊ से भौगोलिक रूप से काफी दूर हैं इसके लिए उन्हें सर इस माध्यम को अपनाना होगा इसके अलावा नई शिक्षा नीति में GER यानी ग्रॉस इनरोलमेंट रेट को बढ़ाने पर जोर हैडॉ. पूनम टंडन ने बताया कि इन कोर्स में फिलहाल कोई तय सीट निर्धारित नही हैं। और यह भी इसका पॉजिटिव पहलू हैं। कोरोना काल में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई हुई हैं, इसीलिए इसके बारे में फैकल्टी को भी अच्छे से पता हैं। लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग करके इसे और बेहतर बनाएंगे।
डॉ. पूनम टंडन ने दावा किया कि LU ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग के कोर्स चलाने वाला यूपी का पहला सरकारी राज्य विश्वविद्यालय होगा। यही कारण हैं कि कई मायनों में यह पहल बेहद खास होने जा रही हैं। विश्वविद्यालय की बेहद खास एलुमनाई और बड़ी विरासत से जुड़ने के लिए यह नायाब अवसर होगा।
प्रो.पूनम टंडन कहती हैं कि ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग के कोर्स कैरियर ओरिएंटेड महिलाओं के लिए भी बेहद मुफीद साबित होंगे। आमतौर पर कई गृहणी तमाम घरेलू जिम्मेदारी के कारण पढ़ाई को नही पाती हैं। इस माध्यम से उन्हें डिग्री पूरी करने के अलावा कैरियर बनाने में भी मदद मिलेगी
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय कहते हैं कि इनिशियली हम इसे अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में लागू से शुरू करने जा रहे हैं पर आने वाले दौर में समय में पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज को भी इसमें शामिल करेंगे। निश्चित तौर पर वर्किंग क्लास और महिलाओं के लिए यह पहल कई सकारात्मक परिणाम देगा।