पारा के सन अस्पताल में इंजेक्शन लगने के बाद बच्चे की मौत के मामले की जांच शुरू हो गई है। CMO के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सन अस्पताल में छापेमारी की। बच्चे के इलाज संबंधी दस्तावेज जब्त कर लिए। साथ ही जांच पूरी होने तक अस्पताल के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इस बीच बिना पंजीकरण अस्पताल चलने की भी खबर हैं।
सन अस्पताल प्रशासन मानकों को ताख पर रखकर इलाज कर रहा था। अस्पताल के बाहर डाक्टरों की सूची का बोर्ड तक नहीं लगा है। सीएमओ के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सन अस्पताल में छापेमारी की। लापरवाही का आलम यह है कि यहां एक भी फुल टाइम एमबीबीएस डाक्टर तैनात नहीं है।
एसीएमओ डा. एपी सिंह ने बताया कि बच्चे के इलाज संबंधी सभी दस्तावेज जब्त किए गए हैं। जांच पूरी होने तक अस्पताल के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अस्पताल में और भी कई गंभीर खामियां मिली है। इन सबको ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
उन्नाव निवासी छह साल के कृपांशु को मंगलवार को पेट में चोट लग गई थी। पिता मान सिंह, मामा दुर्गेश बच्चे को लेकर पारा स्थित नहरिया के किनारे सन अस्पताल ले आए। आरोप है कि एक स्टाफ नर्स ने बच्चे को इंजेक्शन लगाया था। तीन मिनट बाद ही बच्चे ने दम तोड़ दिया।
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई। इसमें डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह, डॉ. केडी मिश्र और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सोमनाथ शामिल हैं। जांच में लापरवाही मिलने पर अस्पताल सील करने के साथ विधिक कार्रवाई की जाएगी।