नसीरुद्दीन शाह आज अपना 73 वां जन्मदिन मना रहे हैं। 2012 में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी पहली कमाई का जिक्र किया था। नसीरुद्दीन ने बताया कि 1967 में फिल्म अमन में काम करने के लिए उन्हें 7.50 रुपए मिले थे। ये पैसे दो हफ्ते तक चले थे।
नसीरुद्दीन उस वक्त सिर्फ 16 साल के थे। दरअसल इस फिल्म के लीड एक्टर राजेंद्र कुमार थे। फिल्म के लास्ट सीन में उन्हें अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था। नसीर उनके पीछे गंभीर मुद्रा में खड़े थे। फिल्म में नसीर एक्स्ट्रा एक्टर के तौर पर नजर आए थे।
नसीरुद्दीन शाह एक्टर कैसे बने। Rediff के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा- मैं स्कूल में ड्रामा किया करता था। एक बार मैं किसी क्लास में फेल हो गया। पिता ने मुझे दूसरे स्कूल में डाल दिया। वहां मुझे चार अच्छे दोस्त मिले।
वहां मैंने क्राउड के सामने मर्चेंट ऑफ वेनिस का एक शो किया। उस वक्त 14 साल उम्र रही होगी। मैंने उसी वक्त डिसाइड कर लिया कि मुझे लाइफ में आगे क्या करना है। अचानक मेरे मार्क्स भी अच्छे आने लगे। स्कूल की क्रिकेट टीम में सिलेक्शन भी हो गया।
नसीरुद्दीन की सफर की शुरुआत उस वक्त हुई जब उन्हें 16 साल की उम्र में ही फिल्म में काम मिल गया। हालांकि इस फिल्म में वे एक्स्ट्रा कलाकार के रूप में शामिल हुए थे, लेकिन इससे क्या फर्क पड़ने वाला है।
उन्होंने कहा- मोहन कुमार ने फिल्म अमन बनाई। फिल्म के लास्ट सीन में राजेंद्र कुमार को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था। मैं उनके ठीक पीछे बहुत गंभीर मुद्रा में खड़ा था। उस सीन के लिए मुझे 7.50 रुपए मिले थे।
कौन जानता था कि इस फिल्म में एक्स्ट्रा एक्टर के तौर पर नजर आने वाले नसीरुद्दीन शाह एक दिन इतने बड़े कलाकार बनेंगे।
नसीरुद्दीन आज कितने सफल एक्टर हैं, इस पर कोई संदेह नहीं है। हालांकि उनका विवादों के साथ भी चोली दामन का साथ रहा है। उनके कई स्टेटमेंट ऐसे हैं जिसकी वजह के वे ट्रोलर्स के निशानों पर रहे।
उन्होंने हाल ही में मुगलों को लेकर एक बयान दिया था, जिस पर विवाद हो गया था। मुगलों को आक्रमणकारी और विनाशकारी बताए जाने पर नसीर ने आपत्ति जताई थी।
उन्होंने कहा, ‘मुगल यहां लूटपाट करने नहीं आए थे। वे इसे अपना घर बनाने के लिए यहां आए थे और उन्होंने वही किया। उनके योगदान को कैसे भूला जा सकता है। हम लाल किले को इतने सम्मान के नजरिए से क्यों देखते हैं जबकि बनवाया तो उसे एक मुगल ने ही था। हमें बार-बार उन्हें बदनाम नहीं करना चाहिए।
अपनी सीरीज ताज डिवाइडेड बाय ब्लड का प्रमोशन करते वक्त नसीरुद्दीन ने कहा था कि पाकिस्तान में पहले की तुलना में अब सिंधी नहीं बोली जाती। नसीर ने कहा कि पाकिस्तान में बलूची भाषा है, बारी भाषा है, सिरैकी और पश्तो भी है। लेकिन अब वहां सिंधी भाषा नहीं बोली जाती।
नसीर की ये बात पाकिस्तान के कुछ एक्टर्स को नागवार गुजरी। पाकिस्तान के कुछ कलाकारों ने सोशल मीडिया पर नसीर का जमकर विरोध किया। मामला बढ़ने पर एक्टर ने माफी मांग ली।
नसीर ने कहा- मुझे गलत जानकारी थी और इसके लिए मै पाकिस्तान में रहने वाले सभी सिंधी लोगों से माफी मांगता हूं। हालांकि मुझसे गलती हुई है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप मुझे इसके लिए सूली पर चढ़ा देंगे।
मुझे कई सालों तक बुद्धिमान समझा गया, लेकिन अब मुझे फर्जी बुद्धिजीवी और दिखावा करना वाला इंसान समझा जा रहा है। खैर ये भी ठीक है।