लखनऊ के अंदर 23 चौराहों पर ‘‘टेक्सचर सरफेसिंग’’से किया जा रहा काम, क्या बदलेगी शहर की सूरत ?

एक्सीडेंट से बचने के लिए लखनऊ के 23 चौराहे पर काम शुरू किया गया है। ब्लैक स्पॉट घोषित हो चुके इन चौराहों पर ‘‘टेक्सचर सरफेसिंग’’ के माध्यम से काम कराया जा रहा है। आईआईटी दिल्ली और बीचयू से लखनऊ में ब्लैक स्पॉट चौराहों की ऑडिट कराई गई थी। उनकी सुझाव के बाद लोक निर्माण विभाग ने ‘‘टैक्सचर सरफेसिंग’’ का कार्य करा रहा है। इससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके। लखनऊ में सैकड़ों लोग हर साल इन चौराहों पर घायल होते है।
टेक्सचर सरफेसिंग के अर्न्तगत अति व्यस्त चौराहे जो ब्लैक स्पॉट घोषित हैं, के आवागमन के मार्गो पर रोड की पूरी चौड़ाई में एवं मार्ग के 6.00 मीटर लम्बाई ‘‘कट स्टोन’’ सीमेन्ट मसाले में लगाया जाता है एवं सीमेन्ट कंक्रीट मसाले से दोनों ओर रैम्प बनाया जाता है। इस निर्माण विधा से राजधानी दिल्ली के कई जंक्शन पर टेक्सचर सरफेसिंग का कार्य कराया गया है।

इस टेक्सचर सरफेसिंग से 10-20 मीटर दूर बिटुमिनस कार्य से रोड की पूरी चौड़ाई में एवं 5 मीटर लम्बाई में 10 सेमी0 ऊॅचा स्पीड टेबिल बनाया जा रहा एवं दोनों तरफ 1.70 मीटर लम्बाई में रैम्प से जोड़ा जा रहा है। इस दो तरह के निर्माण के बाद जंक्शन पर यातायात की गति को नियंत्रित करके ब्लैक स्पॉट पर होने वाली दुर्घटना से बचाव किया जा सकेगा।
इसके अलावा जेब्रा क्रासिंग, स्टाप लाइन, ऐज लाइन, सेन्टर लाइन एवं कासनरी साइन बोर्ड इत्यादि लगाए जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन मनीष वर्मा बताया कि सरपोटगंज चौराहा, विजयनगर चौराहा, चन्द्रिका देवी चौराहा, बंगला बाजार चौराहा, पकरी पुल, इको गार्डेन चौराहा, कनौसी चौराहा, आईआईएम चौराहा, भैसा कुण्ड आदि पर सड़क सुरक्षा के अर्न्तगत आई0आई0टी0 दिल्ली की आडिट रिपोर्ट के अनुसार कार्य कराया जा रहा है।