अब 40 करोड़ रुपए झंडे पर खर्च करेगा पाकिस्तान

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से लोन अप्रूव होते ही पाकिस्तान ने सबसे ऊंचा झंडा फहराने की होड़ शुरू कर दी है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने 76वें स्वतंत्रता दिवस यानी 14 अगस्त पर 500 फीट ऊंचे पाकिस्तानी ध्वज को फहराने का फैसला किया है। इसकी लागत करीब 40 करोड़ पाकिस्तानी रुपए होगी।

आर्थिक तंगी से जूझ रहे पंजाब प्रांत को विदेशी कर्ज चुकाने के लिए अगले 2 साल में कम से कम 2 हजार करोड़ रुपए की जरूरत है। इस बीच पंजाब सरकार ने लाहौर के लिबर्टी चौक पर झंडा फहराने की घोषणा की है। कुछ दिन पहले ही IMF ने पाकिस्तान को स्टाफ लेवल एग्रीमेंट के तहत 3 अरब डॉलर का कर्ज देने के फैसले को मंजूरी दी थी।
IMF और पाकिस्तान की सरकार के बीच 9 महीने का स्टैंड-बाय अरेंजमेंट हुआ। इसके बाद 11 जुलाई को सऊदी अरब ने पाकिस्तान की मदद करने के लिए 2 अरब अमेरिकी डॉलर उसके सेंट्रल बैंक में ट्रांसफर किए थे। इसके अगले ही दिन UAE ने भी पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की मदद दी।
भारत-पाकिस्तान के बीच सबसे ऊंचा झंडा फहराने की रेस 6 साल पहले शुरू हुई थी। दरअसल, 2017 में भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर पर साउथ एशिया का सबसे ऊंचा झंडा फहराया था। इस तिरंगे की ऊंचाई 360 फीट थी। इस पर साढ़े तीन करोड़ की लागत आई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने कई बार भारत पर तिरंगे के जरिए जासूसी करने का आरोप लगाया था।
फिर कुछ महीने बाद पाकिस्तान ने अटारी-वाघा बॉर्डर पर साउथ एशिया का सबसे ऊंचा 400 फीट ऊंचा झंडा फहरा दिया। इसे तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने फहराया था। इसके बाद इसी साल भारत ने बॉर्डर के पास जॉइंट चेक पोस्ट पर पाकिस्तानी झंडे से ऊंचा तिरंगा फहराने के लिए 418 फीट का टावर इंस्टॉल कर दिया था।
अब भारत पाकिस्तान का रिकॉर्ड न तोड़ पाए इसके लिए पड़ोसी देश ने पहले ही 500 फीट ऊंचा झंडा फहराने की घोषणा कर दी है।
जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का राहत पैकेज उसकी उम्मीद से ज्यादा है। 2019 में हुए समझौते के आधार पर उसे 2.5 अरब डॉलर मिलने का इंतजार था। दरअसल, पाकिस्तान और IMF के बीच 6.5 अरब डॉलर के कर्ज पर 2019 में सहमति बनी थी। इसकी दो किश्तें पाकिस्तान को मिल चुकी हैं।
पाकिस्तान IMF के साथ डील से पहले दिवालिया होने की कगार पर आ गया था। पिछले कुछ महीनों में नौबत ये आ गई थी कि लोग फ्री के राशन के लिए लूट मचा रहे थे। देश की जनता की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही थीं। पाकिस्तान में जून में आई आर्थिक तंगी का अंदाजा रोजमर्रा के सामानों के दाम से लगाया जा सकता है…
पाकिस्तान को IMF की तरफ से कर्ज मिलने की मंजूरी 8 महीने देरी से मिली है। इसकी वजह यह रही कि इमरान खान ने सरकार गिरने के ठीक दो दिन पहले पेट्रोल-डीजल 10 रुपए तक सस्ता कर दिया था, जिससे IMF नाराज हो गया था। शाहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री बनने के बाद कई बार पेट्रोल के दाम बढ़ाए थे, इसके बाद भी वो IMF की शर्तें पूरी नहीं कर पा रहे थे।