एक्टर और बिजनेसमैन सुनील शेट्टी ने एक नए हेल्थ केयर वेंचर- ‘द बायोहैकर’ में निवेश किया है। सुनील ने अपने इस वेंचर के बारे में खुलकर बातचीत की। उन्होंने आज के जेनरेशन के लिए भी सलाह दी की क्यों बच्चों को मोबाइल से दूरी बनाए रखनी चाहिए।
मैं इस ब्रांड का ऐंबैस्डर नहीं खुद ब्रांड हूं। कोशिश यही हैं की इसके सेंटर्स खुले, क्लिनिक खुले क्योंकि मैं हेल्थ को लेकर काफी पैशनेट हूं। आम तौर पर एक सेलिब्रिटी जिंदगी जीता है, किसी ब्रांड से उसके जुड़ने से बहुत फर्क पड़ता है क्योंकि लोग उस पर विश्वास करने लगते हैं।
मेन्टल फिटनेस के लिए पहाड़ों पर बैठना, मैडिटेशन करना, मेंटली हमेशा खुश रहना। अगर आपके पैरामीटर में कोई ऊंच-नीच है तो हम उसे ठीक करने में मदद करते हैं। वेस्ट में ये बहुत ही पॉपुलर हैं, हम भी यही कोशिश कर रहे हैं की इस इनिशिएटिव से आप बीमार पड़ने से पहले ही खुद को संभाल लो। मान लो आपको कोई एलर्जी है तो आप इस सेंटर के जरिए उस एलर्जी के बारे में पता करके आने वाले बिमारी से बच सकते हैं।
बच्चों को मोबाइल से दूर रखना, मां बाप की भी जिम्मेदारी है। आप उन्हें कैसे एंटरटेन कर सकते हो, ये आप पर है और ना ही की उनके हाथ में मोबाइल थमाकर उन्हें खाना खिलाना शुरू कर दे। पहले तो मां या घर का कोई बुजुर्ग बच्चों को अपने गोदी में लेकर घुमा करते थे, उन्हें पार्क में लेकर जाया करते थे लेकिन आज हम मोबाइल देकर उन्हें व्यस्त रखते हैं।
मुझे लगता है की गलती बड़ों की है ना की बच्चों की। बचपन से ही यदि हम उन्हें कोई एक्टिविटी से जोड़ दे या कहानी, म्यूजिक में व्यस्त रखे तो ज्यादा अच्छा है। उनको ऐसी एक्टिविटी से जोड़ना जिससे उन्हें रात में अच्छे से नींद आए वो ज्यादा जरूरी है और ना ही उन्हें खुश रखने के लिए जो कुछ मांगा वो देना। डिसिप्लिन बहुत जरूरी है।
अभी धारावी, हंटर जैसे अच्छे प्रोजेक्ट पर काम कर रहा हूं, लेकिन वक्त ऐसा है की जब तक रिलीज ना हो, तब तक बात नहीं कर सकता। हालांकि सभी बहुत ही अच्छे प्रोजेक्ट हैं जिसे लेकर खुश हूँ। लेकिन फिलहाल तो इसी प्रोजेक्ट पर फोकस करना चाहता हूं जिससे लोग अपनी हेल्थ पर ध्यान दे सके।