अमेरिकी राज्य वर्मोन्ट में तेज बारिश की वजह से बाढ़ आ गई है। इसके चलते डैम के ओवरफ्लो होने का खतरा बढ़ गया है। इमरजेंसी सर्विस ने अब तक 117 लोगों को रेस्क्यू कर लिया है। पानी के सैलाब की वजह से मंगलवार को राज्य में करीब 100 सड़कों को बंद कर दिया गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने वर्मोन्ट में इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। राज्य के गवर्नर फिल स्कॉट के मुताबिक, वर्मोन्ट में पिछले 2 दिनों में इतनी बारिश हुई है, जितनी आमतौर पर 2 महीने में होती थी। रॉयटर्स के मुताबिक न्यूयॉर्क, मैसाचुसेट्स, कनेटिकट में भी पिछले कुछ दिनों में 8 इंच तक बारिश हो चुकी है।
वर्मोन्ट के अलग-अलग शहरों में लोगों को घरों में ऊपर के फ्लोर्स पर शिफ्ट होने की सलाह दी जा रही है। बाढ़ की वजह से एक्यूवेदर कंपनी ने 3-5 अरब डॉलर (24-41 हजार करोड़) के आर्थिक नुकसान की आशंका जताई है। वेदर प्रेडिक्शन सेंटर ने सोमवार को कहा कि अमेरिका के पूर्वोत्तर के ज्यादातर हिस्सों में 7 दिनों की कुल बारिश सामान्य स्तर के 300% से 500% तक रही।
वहीं नेशनल वेदर सर्विस ने शुक्रवार को दोबारा बारिश की आशंका जताई है। हालांकि, उम्मीद की जा रही है कि इस बार ये इतनी मूसलाधार नहीं होगी। दूसरी तरफ पड़ोसी देश कनाडा में भी मूसलाधार बारिश के बाद करीब 600 लोगों को घर छोड़ना पड़ा। कनाडा की क्यूबेक सिटी में पिछले 48 घंटों में 5.5 इंच बारिश हो चुकी है, जिससे नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है।वर्मोन्ट के शहर मोंटपेलियर में मौसम को देखते हुए ट्रैवल पर बैन लगा दिया गया। इसके अलावा बाढ़ की वजह से पीने का पानी भी दूषित होने की आशंका जताई गई है। CNN के मुताबिक, मोंटपेलियर के अधिकारियों ने बताया कि शहर में बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सोमवार को यहां 5.28 इंच बारिश दर्ज की गई।
गवर्नर स्कॉट ने बताया कि अमेरिका में इससे पहले 2011 में ऐसा मंजर देखने को मिला था, जब 2011 में आइरीन तूफान अमेरिका से टकराया था। उस वक्त आई बाढ़ में कई कम्यूनिटीज डूब गई थीं। पूर्वी राज्यों में तूफान की वजह से करीब 40 लोगों की मौत हो गई थी।
हीं साल की शुरुआत में कैलिफोर्निया में एटमॉस्फेरिक रिवर की वजह से बाढ़ आ गई थी। इसमें करीब 20 लोगों की मौत हो गई थी। दो हफ्तों में 8 एटमोस्फियरिक रिवर से 75 हजार लोगों के लिए चेतावनी जारी की गई थी। इस दौरान करीब 1000 पेड़ गिर गए थे। कैलिफोर्निया में भारी बारिश, तूफान और बाढ़ की वजह से 2 लाख करोड़ रुपए (30 बिलियन डॉलर) का नुकसान होने की आशंका जताई गई थी।