सोमवार को राजधानी में 69000 शिक्षक भर्ती बैच की महिला शिक्षकों ने धरना दिया। लखनऊ के निशातगंज स्थिति शिक्षा निदेशालय कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन करते हुए स्थानांतरण के बावजूद कार्यमुक्ति का आदेश न मिलने का मुद्दा उठाया। इस दौरान तमाम जनपदों से महिला शिक्षक निदेशालय पहुंची थी। महिला शिक्षकों ने अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए ट्रांसफर के बाद भी रिलीविंग ऑर्डर जारी होने की बात कही।
प्रदर्शन में पीलीभीत से आई शिक्षक रेखा सिंह ने बताया कि 69 हजार शिक्षक भर्ती के तहत नियुक्ति हुई थी। सारे मानकों को पूरा करने के बाद सरकार ने स्वेक्षा से ट्रांसफर दिया हैं पर 13 मार्च को महेंद्र पाल सिंह की याचिका का हवाला देकर ट्रांसफर के बाद अचानक से रिलीविंग पर रोक लगा दी गई हैं। आज यहां निदेशालय में सचिव और डीजी मिलने आई हैं। साथ मे 200 के महिला शिक्षक हैं पर अभी तक कोई आश्वासन नहीं मिला हैं।
यदि 17 जुलाई को सुनवाई का कोई नतीजा नहीं निकला और अगली डेट मिल जाती है तो 69k के ऐसे शिक्षक जिनका स्थानांतरण सूची में नाम है उनको शपथ पत्र के माध्यम से स्थानांतरित किया जाए।
यदि चयन सूची के रिवाइज होती है और चयनित अभ्यर्थी का आवंटित जनपद में परिवर्तन होता है ऐसी दशा में अभ्यर्थी चाहे अपने मूल आवंटित जनपद में पदस्थापित हो अथवा स्थानांतरित होकर किसी अन्य जनपद में कार्यरत हो उसे चयन सूची रिवाइज होने के पश्चात नवीन जनपद आवंटित होने पर वहां जाना ही पड़ेगा।
न्यायालय में विचाराधीन 69 हजार भर्ती में जो भी आदेश आयेगा वो सबके लिए एक जैसा होगा चाहे कोई मूल आवंटित जनपद में हो या स्थानांतरित जनपद में सबको परिवर्तन के पश्चात नवीन आवंटित जनपद में जाना ही पड़ेगा।
महिला शिक्षकों की यह भी दलील थी कि 69 हजार स्थानांतरित होने वाले शिक्षक पर आदेश का कोई विशेष प्रभाव नही पड़ेगा, इसलिए शपथपत्र के माध्यम से स्थानांतरित किया जाए।