पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में हिंसा, चार लोगों की मौत

पश्चिम बंगाल के 22 जिलों की 73,887 ग्राम पंचायत सीटों में से 64,874 पर शनिवार सुबह 7 बजे मतदान जारी है। सेंट्रल फोर्सेस की तैनाती के बाद भी अलग-अलग इलाकों से आगजनी-हिंसा और बैलेट पेपर जलाने की खबरें आ रही हैं। पिछले 24 घंटों में चुनावी हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई है।

सबसे ज्यादा झड़प और हिंसा की खबरें मुर्शिदाबाद जिले से हैं। यहां के बेलडांगा और तूफानगंज में शनिवार सुबह एक-एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। ऐसी ही घटना शुक्रवार रात रेजीनगर में हुई। यहां बम विस्फोट में एक व्यक्ति मारा गया। TMC ने दावा किया है कि ये तीनों कार्यकर्ता उनकी पार्टी के थे।

उधर, खारग्राम गांव में कांग्रेस कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या करने की बात सामने आई है। सुबह वोटिंग शुरू होते ही कूच बिहार के सिताई में बारावीटा प्राइमरी स्कूल में बने पोलिंग बूथ में तोड़फोड़ की गई और बैलट पेपर्स में आग लगा दी गई।

वहीं, राज्य में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन शुरू होने के बाद, यानी 9 जून के बाद अब तक हिंसक घटनाओं में 18 लोगों की मौत चुकी है।
बंगाल पंचायत चुनाव में लोगों की वोटिंग को लेकर जबर्दस्त उत्साह देखने को मिला। यहां से जो फोटो और वीडियो सामने आए हैं, उनमें मतदान शुरू होने के पहले ही लोगों की लंबी लाइन लग चुकी थीं। साउथ 24 परगना के बसंती इलाके में तो लोग बारिश में छाता लेकर खड़े थे। वोटर्स में महिलाओं की संख्या ज्यादा नजर आई।
राज्य में ग्राम पंचायत की कुल 73,887 सीटें हैं, जिनमें से 9,013 सीटों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया था। निर्विरोध चुने जाने वाले उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 8,874 तृणमूल कांग्रेस से हैं। वहीं, भाजपा के 63 उम्मीदवार, कांग्रेस के 40 और CPM के 36 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए थे।

साल 2018 के पंचायत चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 58,692 में से 20,078 यानी 34.2% सीटों पर फैसला निर्विरोध रहा था। इनमें से करीब सभी सीटें TMC ने जीती थीं।बंगाल में पंचायत चुनाव का शेड्यूल 8 जून को जारी हुआ था। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 जून थी। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव के लिए दाखिल किए गए नामांकन में सत्ताधारी TMC आगे रही। राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, सबसे ज्यादा TMC के 61,591 उम्मीदवारो‌ं ने पर्चा भरा है, जो करीब 97% है।

दूसरे नंबर पर भाजपा है, जिसने 60% सीटों पर 38,475 उम्मीदवार उतारे हैं। CPIM ने 56% सीटों पर (35,411) प्रत्याशी उतारे हैं। हालांकि, ग्राम पंचायत में प्रत्याशियों के मामले में कांग्रेस निर्दलीय उम्मीदवारों से भी पीछे रह गई है। जहां 16,335 निर्दलीय ने नामांकन भरा है, जबकि कांग्रेस की तरफ से सिर्फ 11,774 नामांकन दाखिल हुए हैं।

पंचायत चुनाव को लेकर बंगाल में झड़प जारी है। 4 जुलाई को साउथ 24 परगना में TMC और ISF कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। इसके बाद इलाके में पुलिस बल तैनाती की
बंगाल की कुछ सीटों पर कांग्रेस-CPM ने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। इसी तरह, आम आदमी पार्टी ने भी TMC के साथ कोई मुकाबला नहीं करते हुए अपना उम्मीदवार इस चुनाव में नहीं उतारा है। NPP ने भी कोई दावेदारी पेश नहीं की है।उत्तर 24 परगना में मिनाखां कुमारजोल ग्राम पंचायत के तृणमूल प्रत्याशी मेहरुद्दीन 4 जून से हज पर गए थे। वे 16 जुलाई को लौटेंगे, लेकिन उनके विदेश में रहने के बावजूद यहां नामांकन पत्र दाखिल हो गया। इस पर CPM कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंची तो आयोग ने नामांकन खारिज कर दिया। आयोग ने बताया कि नामांकन प्रक्रिया में तकनीकी खामी थी। अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।पश्चिम बर्दवान जिले के अमलाजोड़ा ग्राम पंचायत में BJP की उम्मीदवार 85 वर्षीय उमा रानी मिश्रा का कहना है कि सेवा के लिए कोई उम्र नहीं होती। दक्षिण दिनाजपुर के धलपाड़ा ग्राम पंचायत से 23 साल की चुमकी घोष को TMC ने टिकट दिया है। मात्र 2 फुट की कदकाठी की चुमकी घोष हिली गवर्नमेंट कॉलेज में थर्ड इयर की छात्रा हैं।
मालदा जिले का बड़ जगदीशपुर ग्राम। यहां सड़क, बिजली और पानी की सुविधा नहीं होने से गांव के लोगों ने मांग पूरी नहीं होने तक वोट का बहिष्कार किया है। ग्रामवासियों ने आपसी सहमति से फैसला लिया है कि अगर किसी दबाव में आकर कोई वोट देता है तो उसे 10 हजार का जुर्माना देना होगा। गांव की जूही बर्मन कहती है कि यहां समस्या होने से बेटे-बेटियों की शादी में भी परेशानी होती है।34 साल तक बंगाल पर राज करने वाली CPM इस पंचायत चुनाव में दमखम दिखाने को तैयार हैं। ग्रामीण इलाकों में पकड़ मजबूत बनाने का प्रयास करने वाली भाजपा के लिए CPM खतरे की घंटी है। अभी बंगाल से CPM का न तो कोई विधायक है और न ही कोई सांसद, लेकिन बीते दो साल में तस्वीर काफी बदली है।
पॉलिटिकल एनिलिस्ट का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के आतंक के कारण वामपंथी पार्टी के जो वोटर भाजपा के पाले में चले गए थे उनकी वापसी हो रही है। मुर्शिदाबाद जिले की एक सीट पर बीते मार्च में हुए उपचुनाव में कांग्रेस-CPM गठजोड़ के उम्मीदवार की जीत इसका बड़ा सबूत है। राज्य के 10 जिलों में भाजपा मजबूत विपक्ष के तौर पर नजर आ रही है, तो 10 पर CPM-कांग्रेस गठजोड़ है। उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिले में CPM तृणमूल से मुकाबला कर रही है।