नगर निगम के दावे के बाद भी शहर की स्ट्रीट लाइट बंद होने का सिलसिला जारी है। रविवार को शहर के कई इलाकों में सड़कों अंधेरे में रही। यहां तक की शहीद पथ की भी लाइट नहीं जल रही है। लखनऊ में बंद लाइट को लेकर कोर्ट भी फटकार लगा चुका है। उसके बाद भी लाइटों की स्थिति खराब पड़ी है। कांग्रेस पार्षद मुकेश सिंह चौहान का कहना है कि स्थिति यह है कि जब कोई बड़ा नेता और राज्य सरकार का कार्यक्रम होता है तो लाइट सही कराई जाती है उसके बाद फिर से वही स्थिति बन जाती है।
शहर के अलग – अलग वार्ड को जोड़ दिया जाए तो 20 हजार से ज्यादा लाइट पहले से खराब है। इसको लेकर कई बार स्थानीय पार्षद नगर आयुक्त नगर आयुक्त और मेयर सुषमा खर्कवाल से शिकायत दर्ज कर चुके हैं। बावजूद उसके समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। यहां तक की नगर निगम की सीमा में शामिल 88 गांव की स्थिति और ज्यादा खराब है।
यहां नई लाइट नहीं लग रही है। पहले यह इलाके पंचायत के अंदर आते थे लेकिन नगर विभाग विभाग के साथ आने की वजह से अब वहां दूसरा कोई विभाग विकास का काम नहीं करता है। ऐसे में उन जगहों पर लाइट की समस्या है। पार्षद अमित चौधरी, पंकज पटेल, पूर्व पार्षद संतोष राय, राम नरेश रावत समेत कई लोगों ने बताया कि उनके यहां काफी ज्यादा लाइट खराब है। उसके अलावा वार्ड में नई लाइट की जरूरत है लेकिन नगर निगम की तरफ से नई लाइट नहीं दी जा रही है।