टीम इंडिया चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में 8 अक्टूबर को 5 बार की वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने वर्ल्ड कप अभियान का आगाज करेगी।
अरुण जेटली स्टेडियम में भारत-अफगानिस्तान मुकाबला 11 अक्टूबर को खेला जाएगा। दिल्ली के मैदान पर भारतीय टीम पहली बार अफगानिस्तान का सामना करेगी। दोनों टीमें वर्ल्ड कप में दूसरी बार आमने-सामने होंगी। 2019 में भारतीय टीम अफगानिस्तान के खिलाफ बहुत मशक्कत के बाद महज 11 रन से जीत हासिल कर पाई थी। ओवरऑल रिकॉर्ड देखें तो भारत ने दिल्ली के अरुण जेटली मैदान पर 21 मैचों में से 13 जीते हैं और 7 गंवाए हैं।
दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम का ओहदा रखने वाले अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत अब तक कोई वर्ल्ड कप मैच नहीं हारा है। टीम यहां 15 अक्टूबर को अपने सबसे बड़े राइवल पाकिस्तान का सामना करेगी। इस मैदान पर भारत ने वर्ल्ड कप के 2 मुकाबले खेले हैं और दोनों में ही जीत हासिल की है।
पुणे स्थित महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में भारत का मुकाबला 19 अक्टूबर को बांग्लादेश से होगा। टीम इंडिया ने यहां 57.14 फीसदी मुकाबले जीते हैं। भारतीय टीम ने इस मैदान पर 7 मुकाबलों में से 4 जीते हैं।
धर्मशाला में भारतीय टीम 22 अक्टूबर को न्यूजीलैंड का सामना करेगी। इस मैदान पर पिछले मुकाबले में टीम इंडिया ने कीवियों को 6 विकेट से हराया था। यह मुकाबला 16 अक्टूबर 2016 को खेला गया था।
इस मैदान भारतीय टीम की जीत-हार का ओवरऑल रिकॉर्ड बराबर है। टीम ने यहां 50 फीसदी मुकाबले जीते हैं। धर्मशाला का मैदान पहली बार वर्ल्ड कप मैच की मेजबानी करने जा रहा है।
लखनऊ का भारत रत्न अटल बिहारी इकाना स्टेडियम पहली बार वर्ल्ड कप मैच की मेजबानी करने जा रहा है। यहां भारतीय टीम 29 अक्टूबर को डिफेंडिंग चैंपियन इंग्लैंड का सामना करेगी।टीम इंडिया ने इस मैदान पर महज एक वनडे मैच खेला है। टीम को पिछले साल साउथ अफ्रीका ने 9 रन से हराया था।
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में टीम इंडिया क्वालिफायर-2 का सामना करेगी। यह टीम कौन सी होगी इसका फैसला इस समय जिम्बाब्वे में चल रहे वर्ल्ड कप क्वालिफायर से होगा। इस टूर्नामेंट में जो टीम फाइनल मैच हारेगी वह क्वालिफायर-2 बनेगी।
इस मैदान पर भारत ने 20 मुकाबले खेले हैं। इनमें से टीम को 11 में जीत मिली है, जबकि 9 में पराजय का सामना करना पड़ा है।कोलकाता के इडेन गार्डेंस मैदान पर 5 नवंबर को रोहित आर्मी का सामना साउथ अफ्रीका से होगा। यह वही मैदान है, जहां 1996 के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भारतीय टीम को श्रीलंका के खिलाफ दिल तोड़ने वाली हार मिली थी।
इस मैदान पर भारतीय टीम साउथ अफ्रीका को पिछले 30 साल से नहीं हरा पाई है। यहां दोनों टीमों के बीच 4 मुकाबले खेले गए हैं। इनमें से एक रद्द हुआ है। शेष 3 में से 2 भारत ने जीते हैं। भारतीय टीम को इडेन गार्डेंस के मैदान पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ आखिरी जीत 24 नवंबर 1993 को मिली थी। तब भारत ने अफ्रीका को 2 रन से हराया था। उसके बाद 2005 में खेले गए मैच में साउथ अफ्रीका ने हमें 10 विकेट से हराया था।
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारतीय टीम का रिकॉर्ड अच्छा है। टीम यहां 11 नवंबर को क्वालिफायर-1 के खिलाफ अपना आखिरी लीग मैच खेलेगी।
भारतीय टीम ने यहां 21 मैच खेले हैं। इनमें से 14 जीते हैं, जबकि 5 में पराजय का सामना करना पड़ा है। एक मैच नो रिजल्ट रहा है।
ज्यादा वेन्यू पर मैच होने से भारतीय टीम को इन मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है… 1. ट्रैवलिंग में ज्यादा समय बिताना पड़ेगा वर्तमान शेड्यूल के अनुसार टीम को लीग मुकाबलों के दौरान 34 दिनों में करीब 10 हजार किलोमीटर का सफर करना होगा, जो थकावट भरा हो सकता है। टीम भले ही चार्टर्ड प्लेन से सफर करे लेकिन ये प्लेन भी जेट लैग (विमान यात्रा से होने वाली थकान) से नहीं बचा सकते।वेन्यू ज्यादा होने से टीम का होम एडवांटेज सीमित हो जाता है, क्योंकि खिलाड़ियों को अलग-अलग मैदानों पर मैच खेलना होता है। ऐसे में उन्हें अपनी रणनीति में लगातार बदलाव करना होता है। वेन्यू ज्यादा होने से टीम मैनेजमेंट का वर्क लोड बढ़ जाता है। कोच और कैप्टन को अलग-अलग वेन्यू और प्रतिद्वंद्वी के लिहाज से टीम कॉम्बिनेशन में बदलाव करने होते हैं।